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UP: महाकुंभ की भीड़ से ट्रेन में बच्चों के साथ फंसी महिला, RPF और GRP के जवानों ने की मदद

महाकुंभ के स्नान के कारण ट्रेनों में जबरदस्त भीड़ देखने को मिल रही है. भीड़ का आलम यह है कि यात्रियों का सफर मुश्किल हो गया है. मुंबई से आ रही एक महिला यात्री प्रयागराज के छिवकी स्टेशन पर उतर नहीं पाई और आगे बढ़ गई. पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर पुलिस ने बड़ी मशक्कत के बाद उसे बच्चों समेत सुरक्षित ट्रेन से उतारा.

महाकुंभ की भीड़ से ट्रेन में बच्चों के साथ फंसी महिला महाकुंभ की भीड़ से ट्रेन में बच्चों के साथ फंसी महिला
उदय गुप्ता
  • चंदौली ,
  • 12 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 5:54 PM IST

प्रयागराज में महाकुंभ के चलते ट्रेनों में जबरदस्त भीड़ देखने को मिल रही है. श्रद्धालु बड़ी संख्या में रेल यात्रा कर रहे हैं, जिससे आम यात्रियों के लिए सफर मुश्किल हो गया है. इसी भीड़ के कारण एक महिला यात्री अपने स्टेशन पर उतर नहीं पाई और ट्रेन आगे बढ़ गई.

यह मामला पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन का है, जहां मुंबई से पटना जाने वाली सुविधा एक्सप्रेस पहुंची थी. ट्रेन में सफर कर रही हेमा नाम की महिला अपने दो बच्चों के साथ छत्रपति शिवाजी टर्मिनस से चली थी और उसे प्रयागराज के छिवकी स्टेशन पर उतरना था. लेकिन ट्रेन में इतनी भीड़ थी कि वह वहां नहीं उतर पाई और ट्रेन आगे निकल गई.

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पुलिस ने किया बचाव, महिला ने जताया आभार

हेमा के भाई ने जब देखा कि उसकी बहन ट्रेन से नहीं उतर पाई, तो वह खुद किसी तरह ट्रेन में चढ़ गया. जब ट्रेन पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पहुंची, तब भी हालात वही थे. जैसे ही ट्रेन रुकी, श्रद्धालुओं की भीड़ ट्रेन में चढ़ने लगी और इस दौरान हेमा के दोनों बच्चे कोच में खो गए.

महिला के भाई ने स्टेशन पर मौजूद आरपीएफ और जीआरपी जवानों से मदद मांगी. इसके बाद पुलिस टीम ने काफी मशक्कत के बाद महिला और उसके बच्चों को ट्रेन से सुरक्षित नीचे उतारा गया. उनके साथ कुछ और यात्री भी ट्रेन में फंसे हुए थे, जिन्हें पुलिस ने उतारने में मदद की.

आरपीएफ और जीआरपी जवानों महिला को उतारा

हेमा इस घटना से इतनी घबरा गई कि उसकी आंखों में आंसू आ गए. उसने पुलिस और भगवान का शुक्रिया अदा किया कि वह और उसके बच्चे सुरक्षित ट्रेन से उतर सके. बता दें, महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण रेलवे व्यवस्था चरमरा गई है. यात्रियों ने ट्रेनों में जगह पाने के लिए कई जगहों पर खिड़कियां तोड़ीं और हिंसक व्यवहार किया.

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