
ओडिशा में पत्रकारों पर सदन के अंदर प्रेस गैलरी में मोबाइल फोन ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. जिसको लेकर राजनीति गरमा गई है. इस पूरे मामले को लेकर विपक्ष ने बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया. हालांकि पत्रकारों को सदन के अंदर मोबाइल फोन ले जाने से रोकने के लिए कोई आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की गई है, लेकिन प्रवेश द्वार पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने पत्रकारों को गैजेट ले जाने से रोक दिया. इसका दावा एक न्यूज एजेंसी के हवाले से किया गया है.
पत्रकारों ने कहा कि सदन के अंदर मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं दिए जाने से वे अपने प्रोफेशनल कर्तव्यों का पालन करने में असमर्थ हैं और प्रतिबंध हटाने की मांग करते हैं. साथ ही इसको लेकर पत्रकारों ने विधानसभा परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरना भी दिया.
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आपको बता दें कि पत्रकारों को मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं देने की कार्रवाई सदन के अंदर विधायकों के बीच हाथापाई की तस्वीरें और वीडियो मीडिया हाउस द्वारा इस्तेमाल किए जाने व सोशल मीडिया पर वायरल होने के एक दिन बाद की गई. हालांकि, पत्रकारों ने कहा कि वे प्रश्नकाल के दौरान कार्यवाही की तस्वीरें और वीडियो लेने के हकदार हैं.
बीजद विधायक और पूर्व मंत्री अरुण कुमार साहू ने मीडिया पर प्रतिबंध की कड़ी निंदा की और अध्यक्ष से प्रेस की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप न करने का आग्रह किया. साहू ने कहा कि यह कार्रवाई स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने विपक्ष के एक वरिष्ठ सदस्य को निलंबित कर दिया है और अब पत्रकारों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं.
सदन से निलंबित कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद बहिनीपति ने इस कार्रवाई की कड़ी आलोचना की और कहा कि उनकी पार्टी पत्रकारों के विरोध का पूरा समर्थन करती है. पूर्व कांग्रेस विधायक सुरा राउत्रे ने भी पत्रकारों पर प्रतिबंध का विरोध किया. बाद में सरकार के मुख्य सचेतक सरोज प्रधान ने आंदोलनकारी पत्रकारों के साथ बैठक की और मामले पर चर्चा की.