Advertisement

हरियाणा में आम आदमी पार्टी इन सीटों पर कांग्रेस का बिगाड़ सकती है खेल | Opinion

कांग्रेस ने हरियाणा में आम आदमी पार्टी के साथ बड़े भाई वाला रोल नहीं निभाया. अब आप ने यहां सभी सीटों से प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. जाहिर है कि भाजपा विरोधी वोटों पर अब कांग्रेस का ही केवल हिस्सा नहीं होगा.

हरियाणा में पार्टी की एक रैली को संबोधित करते हुए सुनीता केजरीवाल हरियाणा में पार्टी की एक रैली को संबोधित करते हुए सुनीता केजरीवाल
संयम श्रीवास्तव
  • नई दिल्ली,
  • 12 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 4:44 PM IST

हरियाणा में आज नामांकन भरने की अंतिम तिथि है. आम आदमी पार्टी ने सभी 90 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. राहुल गांधी की इच्छानुसार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन नहीं हो सका. हरियाणा में कांग्रेस नेता पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा हों या रणदीप सुरजेवाला सभी यही चाहते थे कि कांग्रेस पार्टी आम आदमी पार्टी से दूर ही रहे. कांग्रेसी नेताओं की इच्छा तो पूरी हो गई पर पार्टी को अकेले चुनाव लड़ना बहुत महंगा पड़ने वाला है. आम आदमी पार्टी ने कई विधानसभाओं में ऐसे कैंडिडेट खड़े किए हैं जो इसके पहले चुनावों में अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं. जाहिर है कि ये प्रत्याशी कांग्रेस को बहुत परेशान करेंगे. भारतीय जनता पार्टी के विरोधी वोटों में अगर सेंध लगती है तो इसका नुकसान कांग्रेस को भुगतना होगा.हरियाणा में कम से कम 8 से 10 सीटें ऐसी हैं जहां आम आदमी पार्टी के कैंडिडेट नहीं जीत सके तो कांग्रेस को कमजोर करने का तो काम करेंगे ही.

Advertisement

हरियाणा में बढ़ सकता है आम आदमी पार्टी का वोट प्रतिशत

लोकसभा चुनाव 2024 में हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर चुनाव लड़े थे. गठबंधन के चलते आप सिर्फ़ एक कुरुक्षेत्र सीट पर ही चुनाव लड़ पाई. पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता को यहां से खड़ा किया था.सुशील गुप्ता इस सीट पर क़रीब पांच लाख 13 हज़ार वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे थे. इस सीट से बीजेपी के टिकट पर नवीन जिंदल जीते थे. जहां तक आम आदमी पार्टी को मिले वोटों की बात है जाहिर है कि इसमें कांग्रेस को मिलने वाले वोट भी शामिल रहे होंगे. पर जब केवल एक लोकसभा सीट पर चुनाव लड़कर आम आदमी पार्टी को हरियाणा में 3.94 फ़ीसदी वोट मिलते हैं तो जाहिर है कि इस बार कुछ तो बढ़ेगा ही. विधानसभा चुनावों में कुल 90 विधानसभा सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ रही है. उम्मीद की जानी चाहिए की वोट प्रतिशत इस बार कुछ और बढेगा.

Advertisement

हालांकि 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी 46 सीटों पर लड़ी थी. मगर पार्टी का पार्टी का वोट शेयर केवल 0.48 प्रतिशत रहा था. 2019 लोकसभा चुनाव में हरियाणा की सभी दस सीटें बीजेपी ने जीती थीं. तब कुल तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़कर भी आप का वोट शेयर 0.36 प्रतिशत ही रहा था. पर इस बार ऐसा नहीं होगा. इसके कुछ और कारण भी है. आइये देखते हैं -

सुनीता केजरीवाल की रैलियों का प्रभाव

हरियाणा में सुनीता केजरीवाल लगातार चुनावी रैलियां कर रही हैं. आप कह सकते हैं कि सुनीता केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली में भी रोड शो और रैलियां की थीं, फिर भी पार्टी को सफलता नहीं मिली. पर हरियाणा में ऐसा नहीं है. हरियाणा में बीजेपी 10 साल से सत्ता में है, और इसे ही मुद्दा बनाते हुए सुनीता केजरीवाल, अरविंद केजरीवाल के नाम पर वोट मांग रही हैं. वो अरविंद केजरीवाल को हरियाणा के लाल और हरियाणा के शेर के तौर पर पेश कर रही हैं. इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल को फर्जी तरीके से जेल में डालने के लिए बीजेपी पर हमले भी करती हैं. गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल हरियाणा में हिसार के खेड़ा में पुश्तैनी गांव है. 

हरियाणा के वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप नरूला कहते हैं कि आम आदमी पार्टी ने कुछ सीटों पर बहुत चुनिंदा प्रत्याशी खड़े किए हैं. ये उम्मीदवार पूरे 5 साल जनता के बीच रहे हैं. इनमें से कई उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके अपने वोट बैंक भी हैं. कई उम्मीदवार ऐसे हैं जो पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं, और अच्छा खासा वोट भी पा चुके हैं. और सबसे बड़ी बात यह है कि कांग्रेस के मुकाबले आम आदमी पार्टी का संगठन मजबूत हैं. उसके पास कार्यकर्ता भी है.इसका लाभ भी पार्टी को इस बार जरूर मिलेगा.

Advertisement

कुछ सीटें जहां आम आदमी पार्टी कर सकती है खेला

नरूला बताते हैं कि हरियाणा में कम से कम 9 सीटें ऐसी हैं जहां आम आदमी पार्टी को अच्छी खासी संख्या में वोट मिलेगा. इनमें कुछ सीटों पर उसके जीतने की भी संभावना हैं. विशेषकर कलायत से अनुराग ढांडा, रानियां से हरपिंदर सिंह हैप्पी, गुहला चीका से राकेश पार्षद, जगाधारी से आदर्श पाल गुर्जर आदि का नाम आता है.

कांग्रेस ने कलायत सीट से सांसद जयप्रकाश के बेटे विकास सहारण को मैदान में उतारा है. इसकी वजह से इस सीट से टिकट की रेस में शामिल मजबूत कैंडिडेट श्वेता ढुल की नाराजगी सामने आई है. जाहिर है, यहां कांग्रेस की आपसी खींचतान का फायदा आम आदमी पार्टी उठा सकती है.

कांग्रेस नेता श्वेता ढुल ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा है, मेरे पिता कोई बड़े नेता होते तो यूं ऐन मौके पर मेरा टिकट कटता क्या? बहरहाल, कोई टिप्पणी नहीं करूंगी, केवल इतना कहना चाहती हूं कि राजा का बेटा ही राजा बनता है. यही सत्य है. श्वेता ढुल कांग्रेस की कर्मठ कार्यकर्ता रही हैं.रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक बार उनकी पब्लिकली तारीफ की थी. सुरजेवाला ने कहा था कि जब हर बार मैं युवाओं की आवाज उठाता हूं तो मैं इस लड़की से सीखता हूं. मैं इनसे पूछ लेता हूं कि ये मुद्दें हैं, इसमें आपको क्या कमी नजर आती है.जाहिर है कि कांग्रेस की आपसी कलह का फायदा अनुराग ढांडा को मिलेगा. हालांकि, दोनों की लड़ाई का फायदा बीजेपी उम्मीदवार कमलेश ढांडा भी उठा सकते हैं.

Advertisement

आप ने जुलाना में कांग्रेस की पहलवान विनेश फोगाट के और भाजपा के कैप्टन योगेश बैरागी के सामने WWE पहलवान कविता दलाल को उतारा है. कविता भारत की ओर से सबसे पहले WWE में जाने वाली महिला रेसलर थीं. लोग उन्हें ‘लेडी खली’ के नाम से भी जानते हैं. जाहिर है कि वो विनेश फोगाट के लिए मुसीबत बन सकती है.

जगाधरी से आदर्श पाल गुर्जर भी एक मजबूत प्रत्याशी हैं. गुर्जर पहले आम आदमी पार्टी में ही थे, लेकिन लोकसभा चुनावों में वो कांग्रेस में चले गए थे. अब एक बार फिर से उनकी घरवापसी हो गई है. आदर्श पाल गुर्जर 2019 में जगाधारी से 2019 में बीएसपी से चुनाव लड़े थे और 48 हजार वोट हासिल किए थे.

सिरसा जिले में रानियां विधानसभा सीट से AAP प्रत्याशी हरपिंदर सिंह हैप्पी ने बुधवार को नामांकन पत्र दाखिल किया. इस दौरान आम आदमी पार्टी से पंजाब की कैबिनेट मंत्री डा. बलजीत कौर व जलालाबाद से विधायक गोल्डी कंबोज ने शिरकत की.रानिया से बीजेपी कैंडिडेट शीशपाल कंबोज हैं और कांग्रेस उम्मीदार सर्वमित्र कंबोज आपस में मुकाबला करेंगे. हैप्पी जिला पार्षद हैं इसलिए उनको हल्के में नहीं लिया जा सकता. इसी तरह गुहला चीका (रिजर्व सीट) से राकेश, जो जिला पार्षद हैं, थानेसर विधानसभा सीट से कृष्ण बजाज, रेवाड़ी विधानसभा सीट से सतीश यादव, अटेली विधानसभा सीट से सुनील राव, बरोदा संदीप मलिक उलटफेर करने की हैसियत रखते हैं.
 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement