
दिल्ली चुनाव में मुख्य लड़ाई सत्ताधारी आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच है, लेकिन कांग्रेस के एक्टिव हो जाने से मुकाबला त्रिकोणीय लगने लगा है.
जैसे जैसे विधानसभा चुनाव करीब आ रहा है, आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ऐसा लगता है कि बीजेपी से भी ज्यादा आक्रामक कांग्रेस होती जा रही है - और अब तो कांग्रेस को आम आदमी पार्टी INDIA ब्लॉक से ही बाहर करवाना चाहती है
आम आदमी पार्टी का कहना है कि कांग्रेस नेता को सार्वजनिक मंचों से उसके नेताओं को भला-बुरा कह रहे हैं, और अरविंद केजरीवाल को देशद्रोही तक बता रहे हैं. हद तो तब हो जाती है, जब अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ने जा रहे संदीप दीक्षित और मनीष सिसोदिया के खिलाफ कांग्रेस की तरफ से चैलेंज करने वाले फरहाद सूरी पर आम आदमी पार्टी इल्जाम लगा रही है कि वे बीजेपी से फंड लेकर उसके नेताओं के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.
सुनकर भले ही अजीब लगे, लेकिन यही सब सुनने को मिल रहा है. ये सब किस तरह की चुनावी रणनीति का हिस्सा होता है? क्या दिल्ली का वोटर ऐसा है कि आम आदमी पार्टी के नेताओं की बातें सुनकर आसानी से मान लेगा - और अगर ऐसा नहीं हो सकता तो ये नेता ऐसी बातें क्यों बोल रहे हैं जिनका कोई मतलब नहीं है.
आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी तीनों के बीच ताजा लड़ाई अरविंद केजरीवाल की कुछ हालिया घोषणाओं को लेकर तेज हो गई है. अरविंद केजरीवाल की घोषणाओं के खिलाफ दिल्ली सरकार के ही अधिकारियों ने अखबारों में विज्ञापन देकर फ्रॉड ऐक्ट बताया है, तो यूथ कांग्रेस की तरफ से पुलिस में एफआईआर दर्ज करने की लिखित शिकायत की गई है - और इसी बात से दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह कांग्रेस पर हमलावर हो गये हैं.
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस आमने सामने
ये कांग्रेस ही है जिसने सबसे पहले दिल्ली शराब नीति केस में आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी, और अब यूथ कांग्रेस ने भी वैसा ही काम किया है - ऐसे में आम आदमी पार्टी का आपे से बाहर हो जाना भी स्वाभाविक ही है.
अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में बुजुर्गों के लिए संजीवनी योजना, और महिला सम्मान स्कीम का ऐलान किया था. संजीवनी योजना में 60 साल के ऊपर के लोगों को मुफ्त इलाज और महिला सम्मान योजना के तहत बताया गया कि 18 साल से ज्यादा उम्रवालों को हर महीने ₹1000 दिये जाएंगे, और चुनाव बाद सरकार बनने पर वो रकम बढ़ाकर ₹2100 कर दी जाएगी.
लेकिन दिल्ली सरकार के दो विभागों की तरफ से अखबारों में विज्ञापन देकर बताया गया कि महिला सम्मान और संजीवनी जैसी कोई योजना है ही नहीं. महिला और बाल विकास विभाग की तरफ से कहा गया कि महिला सम्मान योजना जैसा कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है. वैसे ही दिल्ली के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने संजीवनी योजना को लेकर कहा कि सरकार ऐसी कोई स्कीम नहीं चला रही है - लगे हाथ लोगों को रजिस्ट्रेशन के नाम निजी जानकारी शेयर न करने की भी सलाह दी गई.
और फिर देखते ही देखते दिल्ली यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा ने पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में शिकायत दर्ज करा डाली कि आम आदमी पार्टी ने अपनी योजनाओं के माध्यम से जनता को गुमराह किया है, और उनके साथ धोखा किया है. यूथ कांग्रेस ने पुलिस से भारतीय न्याय संहिता की धारा 316 और 317 के तहत केस दर्ज करने की मांग की है.
यूथ कांग्रेस के कदम का सपोर्ट करते हुए कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग शुरू कर दी है. कांग्रेस नेता अजय माकन ने आम आदमी पार्टी के साथ चुनावी गठबंधन को कांग्रेस की सबसे बड़ी भूल बताया है.
प्रतिक्रिया में मुख्यमंत्री आतिशी कहने लगीं, हम कांग्रेस से मांग करते हैं कि वो माकन के खिलाफ 24 घंटे के अंदर कार्रवाई करे... वर्ना हम INDIA ब्लॉक से कांग्रेस को अलग करने के लिए अन्य विपक्षी दलों से बात करेंगे.
कांग्रेस और बीजेपी से एक साथ क्यों टक्कर ले रहे हैं केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल जानते हैं कि उनकी दिल्ली सरकार के खिलाफ जबरदस्त सत्ता विरोधी लहर है. और, उसका प्रभाव कम करने के लिए अलग अलग उपाय अपना रहे हैं. मौजूदा विधायकों के टिकट काटे जाने से लेकर तमाम नई योजनाएं, असल में सरकार के खिलाफ गुस्सा कम करने का प्रयास ही है.
बीजेपी के बराबर कांग्रेस को टार्गेट पर लाने के पीछे आम आदमी पार्टी की फिर से यही मैसेज देने की कोशिश है कि बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे बड़े चैलेंजर अरविंद केजरीवाल ही हैं.
दिल्ली में बीजेपी की तरफ से भले ही आम आदमी पार्टी के नेताओं को घेरने की कोशिशें खबरों के जरिये सामने आ रही हों, लेकिन अभी तक ये साफ नहीं है कि बीजेपी की तरफ से चेहरा कौन होगा - और कोई चेहरा घधोषित नहीं किया जाएगा तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही फ्रंट पर होंगे.
अरविंद केजरीवाल इसी बात के लिए बीजेपी के बराबर कांग्रेस पर भी हमलावर हैं. अलग अलग तरीके से वो दिल्लीवालों को यही समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि कांग्रेस को वोट देना लोगों के लिए अपना वोट बर्बाद करने जैसा है. और अगर कांग्रेस को वोट देने से कोई फायदा नहीं है, इसलिए आम आदमी पार्टी को वोट दे दिया जाये, अरविंद केजरीवाल यही समझाने की कोशिश कर रहे हैं.
बेशक बीजेपी और कांग्रेस अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जोरदार कैंपेन चला रहे हैं, लेकिन अभी तक ऐसा कोई मजबूत संकेत नहीं मिल सका है जिससे ये समझ में आये कि आम आदमी पार्टी सत्ता में लौटने वाली नहीं है - लेकिन अगर बीजेपी हरियाणा और महाराष्ट्र की तरह करिश्मा दिखाने में सफल रही तो कुछ भी हो सकता है.