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Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025: अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी और कांग्रेस के चुनाव मैनिफेस्टो को जुमला करार दिया है - और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 लाख वाले चुनावी भाषण को बीजेपी नेता अमित शाह के चुनावी जुमला बताने की बात का हवाला दिया है.
आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल का कहना है कि आम आदमी पार्टी का मैनिफेस्टो केजरीवाल की गारंटी पक्की बात है, बाकी पार्टियों की तरह कच्ची वाली नहीं. हां, अरविंद केजरीवाल ने 2020 के तीन चुनावी वादे पूरे न कर पाने की बात स्वीकार भी की है, और सत्ता में लौटने पर हर हाल में पूरा करने की बात कही है, क्योंकि वे उनके सपनों का हिस्सा है.
चुनाव कैंपेन के दौरान देखने में आया है कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली के लोगों को बार बार आगाह कर रहे हैं, अगर गलती से भी मिस्टेक हो गया और बीजेपी सत्ता में आ गई तो अभी मिल रही 'रेवड़ियां' बंद हो जाएंगी. और, अगर ऐसा हुआ तो सब पर 25-25 हजार रुपये का एक्स्ट्रा बोझ पड़ेगा - खास बात ये है कि अरविंद केजरीवाल ने जान बूझकर अपनी मुफ्त की योजनाओं के लिए रेवड़ी शब्द का इस्तेमाल किया है. असल में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली सरकार की मुफ्त की योजनाओं को रेवड़ी करार दिया था.
अभी तक अरविंद केजरीवाल कभी महिलाओं, कभी बुजुर्गों, तो कभी पुजारियों-ग्रंथियों और कभी छात्रों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा करते रहे हैं, लेकिन अब उनको एक साथ 'केजरीवाल की गारंटी' के रूप में आधिकारिक तौर पर आम आदमी पार्टी के मैनिफेस्टो के तौर पर जारी कर दिया है - जिसमें पहली गारंटी अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में एक भी नौजवान को बेरोजगार न रहने देने की बताई है.
केजरीवाल की 15 गारंटी में क्या क्या है?
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की तरफ से मैनिफेस्टो के रूप में केजरीवाल की 15 गारंटी जारी की गई है. केजरीवाल की गारंटी जारी किये जाने के साथ ही कहा गया है कि पहले से चल रही योजनाएं तो जारी रहेंगी ही, सत्ता में वापसी होने की सूरत में वे योजनाएं भी लाई जाएंगी, जिनका हाल के दिनों में बारी बारी जिक्र होता रहा है.
आम आदमी पार्टी के मैनिफेस्टो में पहली गारंटी है रोजगार की गारंटी. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश में 6 फीसदी बेरोजगारी दर के मुकाबले दिल्ली में सिर्फ 2 फीसदी बेरोजगारी दर है, लेकिन उनका मानना है कि दिल्ली एक भी नौजवान बेरोजगार नहीं रहना चाहिये.
अरविंद केजरीवाल ने राघव चड्ढा सहित कोर टीम के सारे साथियों का नाम लेते हुए जोर देकर कहा कि उनके पास पढ़े-लिखे लोगों की टीम है, अनपढ़ों की नहीं - लिहाजा, सरकार बनने पर वो अपनी हर गारंटी पूरा करेंगे. अरविंद केजरीवाल खुद को चुनावों में गारंटी शब्द इस्तेमाल करने वाला पहला नेता भी बताया है.
अरविंद केजरीवाल ने अपने वोटर को आश्वस्त करते हुए कहा कि दिल्ली में हर बच्चे को वो रोजगार मुहैया कराएंगे, ताकि एक भी बच्चा बेरोजगार न रहने पाये.
अरविंद केजरीवाल ने महिला सम्मान योजना के तहत 2100 रुपये दिये जाने, और 60 साल के ऊपर के लोगों को मुफ्त इलाज उपलब्ध कराने के साथ ही पुजारी-ग्रंथी योजना के तहत हर महीने 18,000 दिये जाने की बात भी दोहराई - और एक साल के गलत बिजली बिल भी माफ कर दिये जाने की बात कही.
आप नेता केजरीवाल ने दलित छात्रों के लिए डॉक्टर आंबेडकर स्कॉलरशिप योजना, स्कूल और कॉलेज के सभी छात्रों के लिए फ्री बस यात्रा और मेट्रो किराये में छूट दिलाने, किरायेदारों को भी मुफ्त बिजली और पानी की सुविधा दिलाने, सीवर ठीक कराने, गरीबों को राशन कार्ड की सुविधा दिलाने जैसे वादे भी किये हैं.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ऑटो-रिक्शा, ई-रिक्शा और टैक्सी चालकों को बेटी की शादी के लिए एक लाख रुपये दिये जाएंगे. फिर से सरकार बनने पर उनके बच्चों को फ्री कोचिंग के साथ ही 10 लाख रुपये का जीवन बीमा और 15 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा की सुविधाएं मिलेंगी.
दिल्ली की कानून-व्यवस्था की बात करते हुए केजरीवाल ने कहा कि ये जिम्मेदारी बीजेपी की थी, लेकिन उन्होंने नहीं किया. बोले, हमने सीसीटीवी लगवाई, जो करना था किया, लेकिन आज दिल्ली की कानून व्यवस्था खराब हो गई है - और इसीलिए केजरीवाल ने RWA को प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड रखने के लिए फंड मुहैया कराने का वादा किया है.
लेकिन 'रेवड़ियां' जारी रहेंगी...
ये भी देखने को मिला है कि अरविंद केजरीवाल ने जान बूझकर अपनी मुफ्त की योजनाओं के लिए 'रेवड़ी' शब्द का इस्तेमाल किया है. असल में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली सरकार की मुफ्त की योजनाओं को एक बार रेवड़ी करार दिया था, और तब से बीजेपी नेता दिल्ली में आप-दा की तरह मुफ्त की स्कीम के लिए रेवड़ी कहा करते हैं.
जिस तरह से अरविंद केजरीवाल ने रेवड़ी शब्द का इस्तेमाल किया है, साफ तौर पर लगता है कि वो लोगों के दिमाग वही शब्द रजिस्टर कराना चाहते् हैं - और कह रहे हैं कि केजरीवाल की गारंटी के साथ साथ दिल्ली में 6 रेवडियां भी जारी रहेंगी.
अरविंद केजरीवाल ने अपनी तरफ से रेवड़ियों के नाम भी गिनाये - दिल्ली में 24 घंटे मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी, मुफ्त शिक्षा, बुजुर्गों की मुफ्त तीर्थयात्रा,
महिलाओं की मुफ्त बस यात्रा - और मोहल्ला क्लिनिक में मुफ्त इलाज. अरविंद केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली में अस्पतालों और मोहल्ला क्लिनिक का नेटवर्क बढ़ाया जाएगा.
नहीं पूरे हो पाये 3 वादों की भी गारंटी
आम आदमी पार्टी का मैनिफेस्टो जारी करते अरविंद केजरीवाल ने स्वीकार किया है कि 2020 के मैनिफेस्टो के 3 चुनावी वादे वो पूरे नहीं कर पाये, लेकिन सत्ता में लौटने पर वो हर हाल में पूरे करेंगे. 2020 में अरविंद केजरीवाल ने 10 गारंटी का ऐलान किया था जिसमें शामिल थे - जन लोकपाल बिल, राशन की घर घर डिलीवरी, प्रदूषण मुक्त दिल्ली, 24 घंटे नल का पानी, कूड़ा रहित गलियां, झुग्गी वालों के लिए पक्का घर, छात्रों के लिए मुफ्त बस यात्रा, हर घर के लिए अंडरग्राउंड केबल, वर्ल्ड क्लास सड़कें और स्ट्रीट वेंडर के लिए कानूनी सुरक्षा.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि साल 2020 में किये हुए 3 वादे हम पूरे नहीं कर पाए हैं, लेकिन हर हाल में उन्हें पूरा करेंगे क्योंकि ये काम उनका सपना हैं.
ये तीन काम हैं - 24 घंटे पानी की सप्लाई, यूरोप जैसी सड़कें और साफ यमुना नदी. अरविंद केजरीवाल फिलहाल यमुना को लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निशाने पर भी है. योगी आदित्यनाथ ने केजरीवाल को चैलेंज किया है कि वो यमुना में भी वैसे ही डुबकी लगाकर दिखायें, जैसे वो प्रयागराज के महाकुंभ में लगा रहे थे.
वादे पूरे न हो पाने की अरविंद केजरीवाल ने अपनी तरफ से वजह भी बताई. बोले, फरवरी में हमारी सरकार बनी, मार्च में कोविड आ गया और बाद में हम सभी को फर्जी केस में जेल भेज दिया गया... अब हम बाहर आ गये हैं. हम ये सब पूरा करेंगे... ये मेरा सपना है... दिल्ली में ये काम होते हुए देखना चाहता हूं - और इसके लिए फंड भी है, और पूरा प्लान भी है.
लगे हाथ अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों को समझाया है कि अगर उनसे गलती हुई, और बीजेपी सत्ता में आ गई तो मुफ्त की सारी योजनाएं बंद हो जाएंगी - कम से कम 6 घंटे की बिजली कटौती भी होने लगेगी.
मुफ्त की हर स्कीम से होने वाले फायदे की रकम अरविंद केजरीवाल ने 25, 000 बताई है, और कहा है, अगर गलती से कमल का बटन दबा दिया तो 25-25 हजार रुपये का एक-एक परिवार पर एडिशनल खर्चा हर महीने आने लगेगा. काफी गंभीर होकर अरविंद केजरीवाल कहते हैं, मैं नहीं समझता की एक गरीब आदमी हर महीने 25 हजार रुपये का बोझ उठाने में सक्षम है... कई गरीब परिवारों को दिल्ली छोड़कर जाना पड़ेगा... गरीब तो छोड़ो मिडिल क्लास के लोगों के लिए भी ये बोझ बर्दाश्त कर पाना मुश्किल होगा.