Advertisement

केजरीवाल के लिए अब कितना मुश्किल होगा 'आम आदमी' बन कर रह पाना? | Opinion

कानून के कोर्ट से जमानत पर जेल से छूटे अरविंद केजरीवाल अब इंसाफ के लिए जनता की अदालत में जाने वाले हैं- और दिल्ली वालों से वो ईमानदारी का सर्टिफिकेट चाहते हैं.

अरविंद केजरीवाल शुरू शुरू में नीले रंग की वैगन-आर कार से ही चलते थे. अरविंद केजरीवाल शुरू शुरू में नीले रंग की वैगन-आर कार से ही चलते थे.
मृगांक शेखर
  • नई दिल्ली,
  • 19 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 4:42 PM IST

अरविंद केजरीवाल के बारे में धीरे धीरे ऐसी धारणा बनने लगी थी कि वो आम आदमी सिर्फ नाम भर रह गये हैं. भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाना भी उनकी छवि पर धब्बा ही है, तब तक जब तक कि वो अदालत से बेदाग होकर नहीं निकल जाते. 

कानूनी लड़ाई में जमानत के रूप में सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल राहत जरूर मिली है, लेकिन आगे भी अदालत के चक्कर काटते रहने होंगे - लेकिन अब वो जनता की अदालत में अपने हिस्से का इंसाफ मांगने जा रहे हैं.

Advertisement

दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद अरविंद केजरीवाल सरकारी आवास तो छोड़ेंगे ही, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के मुताबिक, बाकी सारी सुविधाओं से भी फिलहाल तौबा करने का इरादा कर लिया है - लेकिन क्या ये सब इतना आसान होगा?

क्या वो फिर से पहले वाले अरविंद केजरीवाल बन पाएंगे? और अगर पहले वाले केजरीवाल बनने की कोशिश भी करें, तो क्या दिल्ली के लोगों की मंजूरी मिल जाएगी?

बीजेपी ने संजय सिंह के दावे को नौटंकी करार दिया है. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का कटाक्ष है, अरविंद केजरीवाल को लेकर अब नीली वैगनआर में दिखेंगे, और उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ठेले से सब्जी खरीदते दिखेंगी.

आसान नहीं होता सरकारी सुविधाओं से तौबा कर पाना!

संजय सिंह की मानें तो मुश्किल से हफ्ते भर में अरविंद केजरीवाल सरकारी आवास खाली कर देंगे. संजय सिंह का कहना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में अरविंद केजरीवाल को जो भी सरकारी सुविधाएं मिलती आ रही हैं, वो सारी सुविधाएं त्याग देंगे.  

Advertisement

सरकारी आवास छोड़ने के बाद अरविंद केजरीवाल को कौन सा बंगला मिलेगा, संजय सिंह के अनुसार अभी ये तय नहीं हो पाया है, लेकिन उनको उम्मीद है कि दिल्ली के लोगों के आशीर्वाद से केजरीवाल को कोई नया ठिकाना कहीं न कहीं मिल ही जाएगा. अच्छी बात है. अब इतनी उम्मीद तो करनी ही चाहिये.

संजय सिंह ने ये भी बताया है कि अरविंद केजरीवाल अब जनता की अदालत में जाएंगे, और लोगों से ईमानदारी का सर्टिफिकेट मांगेंगे. कहते हैं, मुझे लगता है कि दिल्ली की जनता उनको ईमानदार साबित करके रहेगी. मौका देखकर संजय सिंह एक सवाल भी पूछ लेते हैं, केजरीवाल नहीं होंगे तो दिल्ली के लोगों का क्या होगा?

वैसे जेल जाने से पहले से ही अरविंद केजरीवाल खुद को कट्टर इमानदार बताते रहे हैं. मनीष सिसोदिया का भी ऐसा ही दावा रहा है - लेकिन नई परिस्थितियों में अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की जनता से ईमानदारी के सर्टिफिकेट की जरूरत आ पड़ी है.

कहां तक लौटेंगे, या लौट पाएंगे केजरीवाल?

दिल्ली वालों ने ही क्या पूरे देश या पूरी दुनिया ने वो दौर भी देखा है नीले रंग की एक ‘वैगनआर’ कार अचानक ही राजनीतिक चर्चाओं का हिस्सा बन गई थी. 

दिल्ली का मुख्यमंत्री बन जाने के बाद भी अरविंद केजरीवाल उसी कार से चलते थे. तब उनके गले में हमेशा एक मफलर भी हुआ करता था, और उनकी खांसी की भी मिमिक्री हुआ करती थी. हालांकि, बाद में जीभ के ऑपरेशन के बाद खांसी ठीक भी हो गई. बीमारियों से तो खैर अब भी पीछा नहीं छूटा है, और जेल में रहने के दौरान उनको इंसुलिन न दिये जाने को लेकर भी खासा बवाल हुआ था. 

Advertisement

तब तो अरविंद केजरीवाल ने सरकारी गाड़ी लेने से भी मना कर दिया था, और सचिवालय भी अपनी वैगनआर से ही जाते थे, जिसे किसी ने डोनेट किया था. 

एक वो भी दौर था जब अरविंद केजरीवाल ने सुरक्षा लेने से भी इनकार कर दिया था, लेकिन अब उनके साथी संजय सिंह अरविंद केजरीवाल के सरकारी सुविधाएं छोड़ने की स्थिति में उनकी सुरक्षा को खतरा जता रहे हैं. 

ऐसा तो नहीं कह सकते कि अरविंद केजरीवाल कब आम आदमी से खास आदमी बन गये, पता ही नहीं चला. बतौर मुख्यमंत्री उनको जेड कैटेगरी की सुरक्षा मिली हुई थी, वो भी छूट जाएगी. 

कभी सरकारी बंगला लेने से इनकार कर चुके अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास को ‘शीशमहल’ में तब्दील कर देने तक का इल्जाम लग चुका है, और उसकी भी जांच चल रही है. 

लोकसभा चुनाव के दौरान एक और विवाद जुड़ गया. राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास में अपने ऊपर हमले का भी आरोप लगाया, और उसके आरोप में अरविंद केजरीवाल के पीए रह चुके बिभव कुमार को पुलिस ने पकड़ कर जेल भेज दिया था. अब वो भी जेल से जमानत पर बाहर आ चुके हैं.

संजय सिंह याद दिलाते हैं कि अरविंद केजरीवाल पर पर कई तरह के हमले हो चुके हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल फिर से दोहराने लगे हैं, मेरी रक्षा स्वयं ईश्वर करेगा. 

Advertisement

आम आदमी होना, आम आदमी बनना और आम आदमी बने रहना बिलकुल अलग अलग चीजें हैं - और अरविंद केजरीवाल के सामने अभी सबसे बड़ी चुनौती भी यही है, क्योंकि भ्रष्टाचार और लोकपाल जैसी चीजें तो वो पहले ही भुला चुके हैं, आम आदमी की जिंदगी कैसी होती है, भला कहां से याद होगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement