
जन्मशती से एक दिन पहले जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक है. अयोध्या के राम मंदिर समारोह के आगोश में विपक्ष तो दबोच लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से ये अगला जोरदार प्रहार है.
जातीय जनगणना की मांग तो 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के साथ ही दम तोड़ चुकी थी. महिला आरक्षण में ओबीसी कोटे का मुद्दा बेअसर हो चुका था. राष्ट्रीय स्तर पर हाल फिलहाल कहीं कोई ऐसी चर्चा नहीं सुनाई दे रही थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से पेश राजनीतिक वर्ण व्यवस्था के मुकाबले राहुल गांधी भी 5-सूत्री न्याय कार्यक्रम लाकर इंसाफ की लड़ाई लड़ने की बात करने लगे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब, महिला, युवा और किसान को नये जमाने की चार जातियां बताई थी, कर्पूर ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा, दरअसल, उसी दिशा में बीजेपी का अगला कदम है.
पहले बिहार के महागठबंधन और फिर INDIA ब्लॉक के जरिये बीजेपी को लोक सभा चुनाव में मोदी सरकार को चैलेंज करने की तैयारियों के खिलाफ केंद्र की बीजेपी सरकार का ये फैसला सर्जिकल स्ट्राइक जैसा ही तो है. ऐसे में जबकि ममता बनर्जी के पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद INDIA ब्लॉक खड़े होने से पहले ही लुढ़का हुआ दिखाई पड़ रहा है, बिहार के महागठबंधन में भी टूट का खतरा उत्पन्न हो गया है. वैसे भी राज्यपाल से मिल कर नीतीश कुमार ऐसी चर्चाओं को नये सिरे से हवा तो दे ही चुके हैं.
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिये जाने का तात्कालिक असर
दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके कर्पूरी ठाकुर से जुड़े कई किस्से हैं जो उनकी सादगी और संघर्ष की गाथा बयान करते हैं. खास बात ये भी है कि 1952 की पहली विधानसभा में पहुंचने के बाद कर्पूरी ठाकुर कोई चुनाव नहीं हारे.
1. डिमांड खत्म, आभार जताने की मजबूरी
बिहार में लंबे अरसे से कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग होती रही है. लंबे अरसे से पूरे प्रदेश में कर्पूरी चर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. 24 जनवरी को पटना के वेटनरी कॉलेज ग्राउंड पर कर्पूरी जन्मशती समारोह का मकसद भी बिलकुल वही है. कर्पूरी ठाकुर के नाम पर पिछड़ों का वोट महागठबंधन के पक्ष में करने की ये लालू यादव और नीतीश कुमार का संयुक्त प्रयास है.
मोदी सरकार ने लालू यादव और नीतीश कुमार की मांग पूरी करने के साथ ही ऐसे मुद्दों पर शोर मचाने का मौका छीन कर, आभार जताने के लिए मजबूर कर दिया है. लालू यादव और तेजस्वी यादव को भले ही ऐसा करने से संकोच हो, लेकिन नीतीश कुमार ने तो ये भाव प्रकट भी कर दिया है. मोदी सरकार के इस कदम से सकते में आ चुके तेजस्वी यादव कह रहे हैं कि लगे हाथ बीएसपी के संस्थापक कांशीराम को भी भारत रत्न दे दिया जाना चाहिये था. वैसे लगता नहीं कि बीजेपी ज्यादा देर तक तेजस्वी यादव को निराश करेगी. कोई आश्चर्य वाली बात नहीं अगर 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार कांशीराम को भी देश का सर्वोच्च सम्मान दिये जाने की घोषणा कर डाले. अभी तो बीजेपी को यूपी में मंदिर मुद्दे के आगे किसी भी नये राजनीतिक हथियार या औजार की जरूरत नहीं है.
नीतीश कुमार का कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिये जाने पर अपनी पोस्ट डिलीट करना तो इसी बात का सबूत है. असल में नीतीश कुमार पहले वाली पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार प्रकट करना भूल गये थे. भूल सुधार करते हुए नीतीश कुमार ने नई पोस्ट में जोड़ा है, '...इसके लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को धन्यवाद.'
अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया में नीतीश कुमार ने सोशल साइट X पर लिखा है, पूर्व मुख्यमंत्री और महान समाजवादी नेता स्व. कर्पूरी ठाकुर जी को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न दिया जाना हार्दिक प्रसन्नता का विषय है. केंद्र सरकार का यह अच्छा निर्णय है. स्व. कर्पूरी ठाकुर जी को उनकी 100वीं जयंती पर दिया जाने वाला यह सर्वोच्च सम्मान दलितों, वंचितों और उपेक्षित तबकों के बीच सकारात्मक भाव पैदा करेगा. हम हमेशा से ही स्व. कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न देने की मांग करते रहे हैं. वर्षों की पुरानी मांग आज पूरी हुई है. इसके लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को धन्यवाद.
2. अब कौन कहेगा कि बीजेपी पिछड़ों का सम्मान नहीं करती
मोहन यादव को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने के बाद उनको बिहार भेज कर बीजेपी ने लोगों को ये संदेश तो दे ही दिया था कि पिछड़ों के प्रति उसकी राजनीति भावना क्या है. मोदी सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देकर लालू यादव और नीतीश कुमार से ये कहने का मौका भी छीन लिया है कि बीजेपी पिछड़ों के लिए कुछ नहीं करती, न ही उन्हें सम्मान देती है.
महागठबंधन की बिहार सरकार में जातिगत जनगणना कराने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पिछड़ों को उनका हक दिलाने का दावा कर रहे थे - कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलने के बाद बीजेपी के खिलाफ ऐसे आरोप लगाना किसी भी राजनीतिक दल के लिए मुश्किल हो सकता है.
3. बीजेपी जातीय जनगणना की राजनीति से दबावमुक्त
राहुल गांधी विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की रैलियों में लगातार जातीय जनगणना की मांग कर रहे थे, और बीजेपी दबाव में आ गई थी. ये राहुल गांधी की रैलियों का ही असर था कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह को बिहार का दौरा कर सफाई देनी पड़ी थी कि बीजेपी जातीय गणना के खिलाफ नहीं है.
तभी ये खबर भी आई थी कि बीजेपी ने कई सीनियर नेताओं को बुलाकर ओबीसी के मुद्दे पर गंभीर विचार विमर्श किया था. और उसी बैठक में विपक्ष की जातीय जनगणना की डिमांड को काउंटर करने के लिए ओबीसी को लेकर कुछ खास कार्यक्रम लाये जाने पर भी विचार किया गया था. लेकिन तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों ने बीजेपी को दबावमुक्त कर दिया.
राम मंदिर समारोह के जरिये हिंदुत्व के एजेंडे को मजबूती से आगे बढ़ाते हुए बीजेपी ने बिहार में अब जातीय राजनीति में घुसपैठ कर अपने खिलाफ हमलों को न्यूट्रलाइज कर दिया है - मतलब, अब बीजेपी को जातीय जनगणना जैसी डिमांड की परवाह नहीं रह गई है.
4. महागठबंधन पर भी मंडराने लगा टूट का खतरा
बीजेपी के इस महाप्रहार से महागठबंधन पर भी टूट जाने का जबरदस्त खतरा मंडराने लगा है. मतलब ये कि नीतीश कुमार के पाला बदल लेने की संभावना बढ़ गई है. कर्पूरी ठाकुर को सम्मान देकर भाजपा ने जेडीयू के साथ एक कॉमन ग्राउंड तैयार किया है. इससे पहले राजभवन का दौरा कर नीतीश ने इशारा तो कर ही दिया है, अब आगे का समाचार आना बाकी है.
भारत रत्न मिलने की खबर आने के बाद से कर्पूरीग्राम में जश्न चल रहा है. समस्तीपुर जिले के पितौंझिया गांव को अब इसी नाम से जाना जाता है - और खास बात ये है कि कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर फिलहाल जेडीयू के ही राज्य सभा सांसद हैं.
हाल ही में जब ललन सिंह को हटाने और जेडीयू की कमान बदलने की खबर आई तो जो नाम चर्चा में था वो रामनाथ ठाकुर का ही था. जेडीयू अध्यक्ष तो नीतीश कुमार खुद बन गये, लेकिन रामनाथ ठाकुर को राष्ट्रीय महासचिव जरूर बना दिया है - देखा जाये तो रामनाथ ठाकुर पर एहसान थोप कर बीजेपी ने नीतीश कुमार को भी घेर लिया है.