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अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली चुनाव में बीजेपी का 'रेवड़ी-संकल्प' कितना कारगर?

अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली वालों को रेवड़ी बांटने का इल्जाम लगाने वाली बीजेपी ने संकल्प पत्र में मुफ्त की चीजों की बाढ़ ला दी है. मुफ्त बिजली-पानी-शिक्षा जैसे चुनावी वादों को छोड़ दें तो लगता है बीजेपी अब आम आदमी पार्टी को पछाड़ने में जुट गई है.

बीजेपी ने दिल्ली में मुफ्त की तमाम चीजें देने का वादा किया है, सिर्फ ये ध्यान रखा है कि उन्हें कोई रेवड़ी न करार दे. बीजेपी ने दिल्ली में मुफ्त की तमाम चीजें देने का वादा किया है, सिर्फ ये ध्यान रखा है कि उन्हें कोई रेवड़ी न करार दे.
मृगांक शेखर
  • नई दिल्ली,
  • 17 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 6:27 PM IST

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने चुनाव घोषणा पत्र जारी कर दिया है. संकल्प पत्र के नाम से मैनिफेस्टो के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, हमें संकल्प से सिद्धि की ओर जाना है. लगे हाथ ये भी दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पॉलिटिकल कल्चर को बदल दिया है. 

जेपी नड्डा ने कहा, आज से पहले मैनिफेस्टो आते थे लेकिन राजनीतिक दल भूल जाते थे... लेकिन, अब मैनिफेस्टो संकल्प पत्र में तब्दील हो गया है... भारतीय जनता पार्टी ने 2014 में 500 वादे किए थे, जिसमें से 499 वादे पूरे कर लिए गये हैं... हमारा वादा निभाने का रिकॉर्ड अव्वल रहा है... हमारा रिकॉर्ड 99.9 फीसदी है. 

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महाराष्ट्र और हरियाणा का उदाहरण देते हुए जेपी नड्डा ने कहा है कि दिल्ली में भी बीजेपी की सरकार बनने पर महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये दिये जाएंगे - ध्यान देने वाली बात ये है कि आम आदमी पार्टी ने 2100 रुपये, जबकि कांग्रेस ने 2500 रुपये देने का वादा किया है. 

महिलाओं से लेकर बुजुर्गों तक, बीजेपी ने कई कल्याणकारी योजनाओं का वादा किया है, जिसमें झुग्गी वालों को 5 रुपये में भर पेट भोजन का वादा भी शामिल है.

बीजेपी के संकल्प पत्र में क्या क्या है

बीजेपी की के चुनाव घोषणा पत्र में ज्यादा जोर महिलाओं, बुजुर्गो और गरीबों पर फोकस किया गया है. संकल्प पत्र की प्रमुख घोषणाएं हैं - 

1. दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनने पर महिला समृद्धि के तहत महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये दिए जाएंगे. 

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2. संकल्प पत्र के मुताबिक, गर्भवती महिलाओं को 21,000 रुपये दिये जाएंगे. साथ में, गर्भवती महिलाओं को न्यूट्रीशनल किट भी देने का वादा किया गया है. 

3. बीजेपी ने होली और दीवाली पर एक-एक सिलेंडर मुफ्त देने के साथ ही सिलेंडर पर 500 रुपये की सब्सिडी देने का भी वादा किया है.

4. बीजेपी का कहना है कि सरकार बनने पर दिल्ली के लोगों को भी आयुष्मान भारत स्कीम का लाभ मिलेगा, जिसे अभी तक आम आदमी पार्टी की सरकार ने लागू नहीं किया है. 

5. बीजेपी ने दिल्ली के वरिष्ठ नागरिकों को 3000 रुपये तक की पेंशन देने का वादा किया है. इसके तहत 60-70 साल के बुज़ुर्गों के लिए सीनियर सिटीजन पेंशन को 2000 से बढ़ाकर 2500 कर दिया जाएगा. 70 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों की पेंशन 2500 से बढ़ाकर 3000 कर दी जाएगी.

6. दिल्ली में अटल कैंटीन के जरिये बीजेपी ने सभी झुग्गी-झोपड़ियों में में 5 रुपये में भरपेट भोजन मुहैया कराने का भी वादा किया है. 

बीजेपी आम आदमी पार्टी से अलग क्या देने वाली है

बीजेपी ने दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना लागू करने का वादा किया है, लेकिन आम आदमी पार्टी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल की संजीवनी योजना दिल्ली वालों के लिए ज्यादा फायदेमंद है. 

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संजीवनी योजना और आयुष्मान योजना की तुलना करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने संजीवनी योजना को हर तरह से बेहतर बताया था. आतिशी का कहना है कि आयुष्मान भारत योजना में कई शर्तें लागू हैं, जबकि संजीवनी योजना 60 साल से ज्यादा उम्र के सभी बुजुर्गों के लिए उपलब्ध होगी - और अरविंद केजरीवाल का भी वादा है कि बुजुर्गों का पूरा इलाज सरकारी अस्पतालों में ही नहीं निजी अस्पतालों में भी कराया जा सकेगा.

कुछ दिन पहले AAP की तरफ से बुजुर्गों की पेंशन स्कीम को दोबारा शुरू करने का ऐलान किया गया था, जिसमें 80 हजार नये बुजुर्गों को जोड़े जाने की बात कही गई है. पहले 4.50 लाख लोगों को इस स्कीम का फायदा मिलता था, अब ये संख्या बढ़ा दी जाएगी, ऐसा कहा गया है. साथ ही, 60-69 साल तक के बुजुर्गों को हर महीने 2000 रुपये दिए जाएंगे, जबकि 70 साल से ऊपर के बुजुर्गों को 2500 रुपये महीना देने की बात कही गई है. 

बीजेपी के घोषणा पत्र में 70 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों की पेंशन 2500 से बढ़ाकर 3000 करने की बात है. वैसे बीजेपी ने दिल्ली के वरिष्ठ नागरिकों को 3000 रुपये तक की पेंशन देने का वादा किया है. 

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देखा जाये तो बीजेपी के संकल्प पत्र में मुफ्त की बिजली-पानी और शिक्षा नहीं शामिल है, लेकिन घुमा फिराकर दिल्ली वालों से मिलते जुलते ही वादे किये गये हैं - शायद इसलिए ताकि बीजेपी के वादों को कोई 'रेवड़ी' न करार दे.

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