
जस्टिन ट्रूडो की अगर अब भी आंख नहीं खुलती है तो कनाडा के लिए तो चिंता की बात है ही विश्व गुरु बनने जा रहे भारत के लिए चिंतनीय बात है.खालिस्तान समर्थक आतंकी गुरपतवंत पन्नू ने भारत को एक बार फिर धमकाया है.कनाडा और यूएस की दोहरी नागरिकता रखने वाले पन्नू ने भारत को धमकी भरे वीडियो में सिखों से हमदर्दी जताते हुए कहा है कि वे 19 नवंबर को एयर इंडिया से यात्रा ना करें. क्योंकि उनकी जान को खतरा हो सकता है. भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जयंती वाले दिन एयरलाइन की वैश्विक नाकेबंदी का भी आह्वान किया है. आपको याद होगा भारत में मोस्ट वॉन्टेड निज्जर की कनाडा में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड पर कनाडा ने भारत को इस तरह घेरा था कि दोनों देशों को अपने राजदूत वापस बुलाने पड़ गए. वही कनाडा और उसके आका अमेरिका आज पन्नू की धमकी भरे विडियो पर चुप्पी साधे बैठा है.
हालांकि ये पहली बार नहीं है, जब पन्नू ने ऐसा धमकी भरा वीडियो जारी किया है. भारत-कनाडा विवाद के बीच जब तनाव चरम पर था पन्नू ने हिंदुओं को कनाडा से चले जाने की धमकी दी थी. इसके पहले कनाडा में भारतीय राजनयिकों पर हमले की धमकी देते हुए पोस्टर्स भी पन्नू ने लगवाए थे. राजनयिकों को धमकी भरे विडियो भी जारी किए थे. इतना सब खुलेआम हो रहा है पर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो को कोई फर्क नहीं पड़ता है.
1-क्या ये टेरर एक्ट नहीं है
वीडियो मेसेज को देखें तो साफ लग रहा कि 1985 के कनिष्क विमान को बम से उड़ाने जैसी आतंकी वारदात दोहराने की धमकी दी जा रही है. अगर विश्व के चौधरी देशों को अब भी यह एक टेरर एक्ट नहीं लगता है तो मतलब यही है दुनिया को राम भरोसे ही चलना है. इस विडियो में जिस तरह की धमकी ये भारत और भारत की सरकार को दे रहे हैं, निश्चित रूप से यह पूरे विश्व को संदेश है. इंटरनैशनल कम्युनिटी के सामने इस तरीके के टेररिस्ट को एक्सपोज करना चाहिए. चाहे उसको कोई भी शेल्टर दे रहा हो, चाहे कनाडा. अगर पतवंत के खिलाफ कोई एक्शन नहीं हो रहा है तो इसका एक और मतलब है कि दुनिया के सभी देश अभी आतंकवाद के खिलाफ एकजुट नहीं हो सके हैं. अमेरिका, इजरायल और यूरोप के लिए जब आतंकवादी हमले की धमकी देंगे तो फिर ये देश किस मुंह से दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का संदेश देंगे.
2-निज्जर हत्याकांड पर सवाल पूछने वाले कहां हैं
सबसे बड़ी बात ये है कि निज्जर विवाद के बाद अमेरिका और कई देश जो भारत से सवाल कर रहे थे वो कहां हैं? कनाडा में बैठकर एक आदमी एक संप्रभु राष्ट्र जो शांति के लिए दुनिया में हमेशा से एक्टिव रहा है उसे खुलेआम धमकी दे रहा है, और दुनिया के चौधरी बनने वाले देश आंखें मूंदे हुए हैं. इसके पहले 1985 में कनिष्क यात्री विमान जो कनाडा से उड़ान भर कर नई दिल्ली पहुंचने वाला था को मार गिराया गया था. 300 से अधिक यात्री मारे गए थे. कनाडा सरकार ने इसके गुनहगारों पर कोई एक्शन नहीं लिया. एक बार फिर उस घटना को दुहराने की धमकी दी जा रही है. इसके बावजूद दुनिया में शांति की बात करने वालों की चुप्पी समझ से परे दिख रही है.पन्नू ने जिस दिन के लिए धमकी दी है वो पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की जयंती है. कुछ समय पहले कनाडा में एक झांकी निकाली गई थी जिसमें इंदिरा गांधी को गोली मारते हुए आतंकियों को चित्रित किया गया था.भारत ने बार बार कनाडा के सामने यह मसला उठाया लेकिन कनिष्क विमान को उड़ाने से लेकर आज तक इस तरह की खुलेआम धमकियों पर कनाडा ने कोई एक्शन नहीं लिया.
3-वेस्ट समझ ले कि 9/11, 7/11 फिर से दुहराया जा सकता है
अगर कोई देश किसी आतंकी संगठन को पनाह देता है तो इसका मतलब है कि वह देश आतंकवाद के साथ खड़ा है. अगर आज दुनिया हमास के चीफ को अपने देश में रहने दे रही है तो कतर की आलोचना हो रही है. अंतरराष्ट्रीय कम्युनिटी को पन्नू मामले की गंभीरता को समझना चाहिए.अमेरिका को 9/11 नहीं भूलना चाहिए और याद रखना चाहिए आतंकवाद किसी खास का दुश्मन नहीं है. यह एक विचारधारा है जो सबके लिए खतरनाक है. फ्रांस, यूरोपियन कंट्रीज, यूके में जो आतंकी अटैक होते हैं वो सब इसी विचारधारा से प्रेरित हो कर ही होते हैं.भारत ने पार्लियामेंट अटैक, मुंबई अटैक की तरह दर्जनों बार इसे झेला है. एक बात तय है, कोई भी आतंकी एक्ट सिविल सोसायटी या अंतराराष्ट्रीय कम्युनिटी के लिए खतरा है. किसी भी तरह के आतंकवाद को अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करना भी आतंकवाद के साथ खड़ा होना ही है.
4-इसे फ्रीडम ऑफ स्पीच कह कर नहीं बच सकता कनाडा
कनाडा ऐसी घटनाओं को फ्रीडम ऑफ स्पीच बताकर टाल देता रहा है. गुरुपतवंत सिंह और निज्जर आतंकी हैं और जस्टिस के नाम पर ये अपना संगठन चलाते हैं. इन आतंकियों के झांसे में लोग आ सकते हैं पर अमेरिका और कनाडा जैसे लिबरल देश की सरकारें तो दुनिया देख रही हैं, उन्हें पता है कि दुनिया में आतंकवाद कैसे काम कर रहा है. अगर ये सरकारें ऐसे धमकी भरे विडियो को फ्रीडम ऑफ स्पीच कहेंगी तो निश्चित है कि ये जानबूझकर कर रही हैं.यह सही है कि कि कनाडा के जो अपने एक्ट हैंउसका ये आतंकी फायदा उठाते हैं. पर बार-बार अगर धमकियां दी जा रही हैं, और आतंकवादी गतिविधियां हो रही हैं तो ऐसे कानूनों में सुधार की जरूरत है.
5-भारत को कमजोर समझने की भूल न करे कनाडा
भारत अब घर में घुसकर आतंकियों को मारने की कूवत रखता है. पाकिस्तान भारत का सर्जिकल स्ट्राइक देख चुका है. दुनिया भर में मारे जा रहे देश के दुश्मनों को मारने में कहा जा रहा है कि भारतीय एजेंसियों का हाथ है. अगर ये सही है तो कनाडा को समझ लेना चाहिए कि भारत हाथ पर हाथ धरे बैठा नहीं रहेगा. अपनी सुरक्षा के लिए भारत वही सब करेगा जो उसकी जरूरत के हिसाब से फिट बैठेगा.भारत की जो विजिलेंस, इंटेलिजेंस एजेंसियां हैं वो दुनिया पर नजर रखे हुए हैं.