
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सीबीआई ने प्रारंभिक जांच (Preliminary Enquiry) दर्ज कर ली है. कानूनी रूप से प्रारंभिक जांच कोई आपराधिक मामला नहीं है. प्रारंभिक जांच के दौरान ये जानने की कोशिश होती है कि केस आपराधिक जांच के लायक है या नहीं. एक तरह से ये आपराधिक जांच की शुरुआत है.
ऐसे भी समझ सकते हैं कि ये अलर्ट मैसेज है. लेकिन अगर शुरुआती जांच पड़ताल के दौरान सीबीआई को सबूत मिलते हैं तो केंद्रीय एजेंसी नियमित केस या आपराधिक मामला दर्ज कर सकती है.
असल में, एक स्टिंग ऑपरेशन में अरविंद केजरीवाल के सरकारी बंगले के अंदर की तस्वीर सामने आयी थी, और बताया गया कि वहां नवीनीकरण यानी रेनोवेशन उस वक्त हो रहा था जब दिल्ली के लोग कोरोना महामारी से जूझ रहे थे. बीजेपी ने मुख्यमंत्री आवास के नवीनीकरण पर 45 करोड़ रुपये खर्च किये जाने का आरोप लगाया था.
मुश्किलें तो बढ़ेंगी, लेकिन असर कितना होगा
दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास में मरम्मत के काम को लेकर एक स्टिंग ऑपरेशन के बाद रेनोवेशन के आरोपों की दिल्ली के चीफ सेक्रेट्री ने अपने स्तर पर जांच की थी. मुख्य सचिव की जांच के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई निदेशक को पांच पेज का एक पत्र लिखा था, और ये सब उसी के आधार पर हो रहा है.
दिल्ली शराब नीति को लेकर भी जांच इसी तरीके से आगे बढ़ी थी. पहले सीबीआई ने छापा मार कर मनीष सिसोदिया के घर, बैंक और बाकी जगहों पर जांच पड़ताल की. फिर दफ्तर बुलाकर पूछताछ की - और आखिर में गिरफ्तार कर लिया. दिल्ली के डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया अभी तक जेल में ही हैं. अरविंद केजरीवाल सरकार एक और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन भी जेल से लंबे समय बाद छूटे हैं - और अभी उनके मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हो रही है.
जांच-पड़ताल और गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाना बड़ी बात नहीं होती, सबसे महत्वपूर्ण होता है अदालत में आरोपों को साबित कर सजा दिलाना. PE दर्ज किया जाना तो अभी नियमित FIR भी नहीं है.
निश्चित तौर पर आगे का रास्ता मुश्किलों भरा है, लेकिन अगर आम आदमी पार्टी के नेता वास्तव में कट्टर इमानदार हैं तो सीबीआई क्या दुनिया की कोई भी जांच एजेंसी उनका बाल बांका नहीं कर सकती.
प्रधानमंत्री मोदी को केजरीवाल का चैलेंज
अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सीबीआई के PE दर्ज किये जाने के बाद आम आदमी पार्टी की तरफ से अपने नेता का वैसे ही बचाव किया गया था, जैसे पहले मनीष सिसोदिया या सत्येंद्र जैन के मामलों में देखने को मिला था.
AAP ने बीजेपी पर गरीबों को अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित करने का आरोप लगाया है. आम आदमी पार्टी की तरफ से कहा गया है, 'भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी को खत्म करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी है... अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की घेराबंदी के लिए सभी जांच एजेंसियों को लगा दिया गया है, लेकिन दिल्ली की दो करोड़ जनता का आशीर्वाद अरविंद केजरीवाल के साथ है... जांच से कुछ नहीं निकलेगा... बीजेपी चाहे जितनी भी जांच कराये... अरविंद केजरीवाल आम आदमी के हितों के लिए लड़ते रहेंगे.'
अब अरविंद केजरीवाल खुद मैदान में आ चुके हैं. सीबीआई एक्शन के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार बताया है. AAP नेता ने कहा है, 'प्रधानमंत्री जी घबराए हुए हैं. ये उनकी घबराहट दिखाता है.'
अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया साइट X पर लिखा है, 'मेरे खिलाफ जांच कोई नई बात नहीं है... अभी तक मेरे खिलाफ पिछले आठ साल में 50 से ज्यादा मामलों में जांच करवा चुके हैं... बोले केजरीवाल ने स्कूल बनवाने में घोटाला कर दिया... बस घोटाला, शराब घोटाला, सड़क घोटाला, पानी घोटाला, बिजली घोटाला... दुनिया में शायद सबसे ज्यादा जांच मेरी हुई होगी.
अरविंद केजरीवाल का कहना है कि किसी केस में कुछ नहीं मिला और इसमें भी कुछ नहीं मिलेगा... जब कुछ गड़बड़ है ही नहीं तो क्या मिलेगा.
और फिर प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती देते हुए कहते हैं, 'एक चौथी पास राजा से और उम्मीद भी क्या की जा सकती है? 24 घंटे बस जांच जांच का गेम खेलते रहते हैं, या फिर भाषण देते रहते हैं... काम तो कुछ करते नहीं... वो चाहते हैं कि मैं भी दूसरे नेताओं और पार्टियों की तरह उनके साथ मिल जाऊं... मैं इनके सामने झुकने वाला नहीं, चाहे वो मेरी जितनी मर्जी फर्जी जांच करवा लें, जितने मर्जी केस कर लें.
अपनी सोशल पोस्ट में अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी का इस्तीफा भी मांग लिया है, 'मैं भी उन्हें चैलेंज देता हू... जैसे पिछली सारी जांचों में कुछ नहीं निकला, वैसे ही अगर इसमें भी कुछ नहीं निकला तो क्या झूठी जांच करने के जुर्म में इस्तीफा देंगे?
क्या सीबीआई के घेरे में AAP के बड़े नेता आ चुके हैं?
दिल्ली शराब नीति की जांच के सिलसिले में ही CBI ने पंजाब एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग के 10 अफसरों को दिल्ली तलब किया है. अफसरों को अपना बयान दर्ज कराने के लिए दिल्ली बुलाया गया है.
पंजाब के अफसरों को बयान दर्ज कराये जाने का मतलब तो यही हुआ कि जांच एजेंसी के कदम धीरे धीरे वहां के मुख्यमंत्री भगवंत मान की तरफ बढ़ रहे हैं. दिल्ली के बाद आम आदमी पार्टी का सबसे ज्यादा प्रभाव पंजाब में ही है. दोनों राज्यों में AAP की सरकार है.
निश्चित तौर पर अरविंद केजरीवाल और उनकी लीगल टीम के कान तो खड़े हो ही गये होंगे. जैसे सीबीआई ने मुख्यमंत्री आवास में कराये गये काम को लेकर दिल्ली के PWD विभाग से कागज मांगा है, पंजाब के अफसरों का बयान दर्ज कराया जाना भी तो वैसा ही तरीका है.
ऐसा लगता है, जैसे मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के बाद अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें तो बढ़ने वाली हैं ही, भगवंत मान पर भी आंच पड़ने वाली है.