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ChatGPT: नए जमाने का Google सर्च, काबिलियत में गूगल सर्च से काफी आगे, यही है फ्यूचर

ChatGPT: जीमेल के क्रिएटर ऐसा क्यों कह रहे हैं कि एक दो साल के अंदर Google का खेल खराब हो जाएगा? क्या ChatGPT आने की वजह से टेक कंपनियों के शेयर्स लोग खरीदने से डर रहे हैं? क्या ChatGPT फ्यूचर का Google है या फिर ये टूल एक दिन Google से भी बड़ा हो जाएगा?

Chat GPT Chat GPT
Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 14 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:50 PM IST

क्या आपने कभी सोचा है कि Google के आगे क्या है? चूँकि गूगल के टक्कर का अब तक कोई सर्च इंजन नहीं आया है और ना ही आने वाले समय में इस तरह का कोई सर्च इंजन उभरता नज़र आ रहा है. ऐसा इसलिए नहीं हो रहा है कि इनोवेशन ख़त्म हो चुका है, बल्कि ऐसा इसलिए है, क्योंकि Google सर्च के काम करने का तरीका अब पुराना हो चुका है.

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अब आपके सामने एक ऐसा टूल है जो सिर्फ आपके सर्च करने पर लिंक्स दे कर कन्फ्यूज नहीं करता, बल्कि आपके हर सवाल का ऐसा जवाब दे जिसके बाद आपको उस सवाल के जवाब के लिए कहीं और ना जाना पड़े. सवाल चाहे जो भी हो, जैसा भी हो... सिर्फ सवाल ही क्यों? आप इस टूल से अपना जरूरी काम भी करा सकते हैं. 

लगभग एक दशक से गूगल सर्च के काम करने का तरीक़ा कमोबेश वैसा ही है. आप गूगल पर कुछ सर्च करते हैं और आपको इंटरनेट पर मौजूद दुनिया भर की वेबसाइट्स का लिंक मिल जाता है और आगे का काम आपको खुद करना है. भले आपको ये हर तरह के सर्च रिज़ल्ट देता है, लेकिन फ्यूचर में गूगल जैसे सर्च इंजन का वजूद शायद पूरी तरह से मिट जाए...

1998 में गूगल की शुरुआत हुई, लेकिन इससे पहले भी कई सर्च इंजन रहे हैं. Yahoo एक बड़ा उदाहरण है जिसे गूगल ने रिप्लेस कर लिया. अब 2023 आने को है और अगर अब आप ऐसा सोचते हैं कि Google को टक्कर देने के लिए Google जैसा ही सर्च इंजन आएगा तो आप गलत हैं. क्योंकि जब इनोवेशन के मामले में दुनिया इतनी आगे जा चुकी है तो आपके सर्च करने का तरीका 10 साल पुराना क्यों रहे? 

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Chat GPT

आपके सर्च करने का तरीक़ा और सर्च इंजन के काम करने का तरीक़ा भी बदलने वाला है या यों कहें एक तरह से बदल चुका है और गूगल सर्च किलर की एंट्री हो चुकी है… इसका नाम है ChatGPT.. (Generative Pre trained transformer)

Gmail के क्रिएटर Paul Buchheit भी खुद मान रहे हैं कि शायद एक दो साल के अंदर गूगल का खेल खराब होने वाला है. पॉल ने कहा है, ‘गूगल टोटल डिस्रप्शन से सिर्फ एक या दो साल दूर है’

Gmail दुनिया की सबसे ज्यादा यूज की जाने वाली ईमेल सर्विस है. Gmail को जिन्होंने बनाया है उन्होंने कहा है कि एक दो साल के अंदर AI की वजह से गूगल का खेल खत्म हो सकता है.

Paul Buchheit, Gmail Creator

ChatGPT लोगों के लिए 30 नवंबर को उपलब्ध हुआ और तब से ही Google और Microsoft के शेयर्स लोगों ने तेजी से बेचने शुरू कर दिए, लेकिन क्यों? आगे पढ़ते जाएं... आपको अंदाजा हो जाएगा.

ChatGPT को लगातार कई दिनों तक यूज करके और इसे बेहतर तरीके से एक्स्प्लोर करके मुझे लगता है कि अब गूगल सर्च का सॉलिड राइवल तैयार हो रहा है. फ्यूचर या नेक्स्ट जेनेरेशन सर्च? 

हालाँकि ChatGPT का यूज अभी लिमिटेड है, लेकिन जिस तरह से इसे तैयार किया गया है और जितनी पॉपुलैरिटी ये सिर्फ़ एक हफ़्ते में बटोर चुका है, उससे देख कर साफ़ लगता है कि इसके आने से Google सर्च टीम का चैलेंज बढ़ा गया है.

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ChatGPT वो सब कर रहा है जो गूगल अब तक नहीं कर पाया...

वैसे तो ChatGPT महज एक चैटबॉट है, लेकिन इसका पोटेंशियल एक चैट बॉट और यहाँ तक की एक सर्च इंजन से काफ़ी ज़्यादा है. इसका अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते हैं कि जो काम गूगल सर्च पर आप घटों में नहीं कर सकते हैं वो ChatGPT कुछ मिनट या कुछ सेकंड्स में ही कर देता है.

Google कई साल से सर्च इंजन स्पेस में नंबर-1 है. कोई भी सवाल पूछना है आम तौर पर लोग गूगल सर्च करते हैं. गूगल पर कई बार तो आपको सही जवाब मिल जाते हैं, लेकिन कई बार आपको जवाब नहीं भी मिलते हैं.

उदाहरण के तौर पर आपको जॉब के लिए कवर लेटर लिखना है या छुट्टी के लिए बॉस को मेल करना है. गूगल सर्च करने पर आपको टेंप्लेट मिल जाएँगे, लेकिन आपके लिए ख़ास तौर पर कस्टमाइज्ड कवर लेटर या छुट्टी के ईमेल नहीं मिलेंगे.

Chat GPT आपके लिए ना सिर्फ़ कवर लेटर और छुट्टी का मेल तैयार कर सकता है, बल्कि आपके दिए गए टॉपिक पर गाना भी लिख सकता है. किसी को नज़्म डेडिकेट करना चाहते हैं तो ये भी आपके लिए Chat GPT करके देगा.

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Chat GPT से लोग अपने YouTube वीडियो के लिए स्क्रिप्ट तक तैयार करा रहे हैं. इतना ही नहीं, वीडियो का कोई आईडिया नहीं मिल रहा तो ये काम भी ChatGPT बखूबी कर रहा है.

Chat GPT पिछले कुछ हफ़्तों से काफ़ी सुर्ख़ियाँ बटोर चुका है. कुछ दिनों के अंदर ही इसके मिलियन यूज़र्स हो चुके हैं. एक तरफ़ लोग इसे इंसानों का मसीहा बता रहे हैं तो दूसरे तरफ़ ऐसे भी लोग हैं जो इसे इंसानियत पर एक बड़ा खतरा भी मान रहे हैं.

Chat GPT दरअसल आपको ज़्यादा से ज़्यादा सवालों के जवाब काफ़ी सटीक देता है. कई ऐसे सवाल जिसके जवाब इंटरनेट पर कहीं भी मिलना नामुमकिन है उसका जवाब आप Chat GPT पर पा सकते हैं.

Chat GPT के काम करने का तरीका Google सर्च से काफी अलग...

अब अगर मैं ये कहूँ कि Chat GPT पर आपके सवालों के जवाब इंटरनेट के ज़रिए नहीं मिलते. यानी Chat GPT आपके सवालों के जवाब देने के लिए इंटरनेट पर सर्च नहीं करता है.

Chat GPT आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का एक ऐसा नायाब नमूना है जिसे यूज करके आप ख़ुद अंदाज़ा लगा सकते हैं कि आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस दुनिया के लिए कितना अहम रोल प्ले करने वाला है.

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Chat GPT को ऐक्सेस करने के लिए आपको इंटरनेट की ज़रूरत होती है ये सही बात है. लेकिन आपके सवाल के जवाब के लिए ये टूल इंटरनेट सर्च नहीं करता है, बल्कि इसमें फ़ीड किए गए डेटा से ही जावाब आपको मिलता है.

अब आप सोचेंगे कि इस टूल में आख़िर ऐसा क्या फ़ीड किया गया है जो ये ख़ुद से आपके सवालों के जवाब दे सकता है. तो आपको बता दें कि Chat GPT को ट्रेन करने के लिए डेवेलपर्स ने पब्लिकली अवेलेबल डेटा कलेक्ट करके इसमें फ़ीड किया है.

इसमें फ़ीड किया गया डेटा टेक्स्ट बेस्ड ही है और इसे बुक्स, वेब टेक्स्ट, Wikipedia और दूसरे आर्टिकल से लिया गया है. बताया जाता है कि इस इस टूल में लगभग 570GB डेटा और लगभग 300 बिलियन वर्ड्स फ़ीड किए गए हैं.

Open AI के इंजीनियर्स ने ChatGPT को ट्रेन किया है. इसे रीइनफोर्स्मेंट लर्निंग फ़्रॉम ह्यूमन फ़ीडबैक (RLHF) के जरिए ट्रेन किया गया है. इसमें अरबों वर्ड्स फ़ीड किए गए हैं और ह्यूमन AI ट्रेनर्स ने इसे बोलचाल की भाषा सिखाई है. जैसे दो लोग आपस में बात कर रहे होते हैं ठीक उसी तरह से इसे भी तैयार किया गया है.

ChatGPT की ट्रेनिंग 2022 की शुरुआत में ख़त्म हुई, इसलिए 2021 के बाद की जानकारी आप यहाँ से हासिल नहीं कर सकते हैं.

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Yahoo के साथ जो Google सर्च ने किया, क्या वैसा ही Google Search के साथ ChatGPT कर सकता है? 

एक बात तो साफ़ है कि ChatGPT गूगल सर्च को रिप्लेस तो नहीं कर सकता है. लेकिन गूगल सर्च के यूज़र्स तेज़ी से कम होंगे अगर ChatGPT अपने फ़ुल पावर के साथ काम करना शुरू कर दे.

क्या गूगल को टक्कर देगा?  हाँ भी और नहीं भी! ऐसा इसलिए, क्योंकि गूगल और ChatGPT के काम करने का तरीक़ा बिल्कुल अलग है. गूगल को ये टूल टक्कर सवाल जवाब के मामले में तो दे सकता है, लेकिन ओवरऑल सर्च में गूगल को कोई मुक़ाबला नहीं है.

गूगल एक सर्च इंजन है जो इंटरनेट पर इंडेक्स की गई वेबसाइट्स और दूसरे सोर्स से जानकारी आप तक पहुँचाता है. उदाहरण के तौर पर अगर आप गूगल से कहते हैं कि आपके लिए वो जॉब अप्लाई करने के लिए कवर लेटर बना कर दे. ऐसे में गूगल आपको उन वेबसाइट्स का रिज़ल्ट देगा जो जहां कवर लेटर के टेंपलेट मिल जाएँगे. लेकिन ChatGPT आपको आपके जॉब के नेचर के आधार पर आपके लिए कवर लेटर बना कर देगा.

इसी तरह अगर गूगल से किसी एक टॉपिक पर कुछ लिखने को कहेंगे या फिर किसी टॉपिक पर गाना लिखने के लिए कहेंगे तो गूगल ये काम नहीं करेगा. गूगल आपको उन वेबसाइट्स के लिंक देगा जहां से आप सर्च करके जानकारी इकट्ठी कर सकते हैं. जबकि ChatGPT आपको आपके बताए हुए टॉपिक पर गाना भी लिख कर देगा और किसी चीज पर कहानी भी लिख कर आपको देगा.

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Google भले ही आपका सर्च पैटर्न समझ सकता है, लेकिन ChatGPT के पास एक सॉलिड मेमोरी भी है. यानी धीरे धीरे ChatGPT आपको समझने लगेगा. आपके सवाल-जवाब, बिहेवियर और दिलचस्पी के आधार पर ChatGPT दिन ब दिन और मज़बूत होगा और आपको और भी बेहतर जवाब मिलेंगे.

ChatGPT की एक ख़ासियत ये भी है कि ये टूल आपको बिल्कुल बोलचाल की भाषा में ही जवाब देता है, जबकि गूगल ये काम नहीं कर सकता है. उदाहरण के तौर पर आप ChatGPT से ये पूछ सकते हैं कि कैसे किसी छोटे बच्चे को क्वॉन्टम फ़िज़िक्स समझाया जा सकता है. ChatGPT बिल्कुल आसान बोलचाल की भाषा में उदाहरण के साथ Quantum Physics के बारे में बताएगा.

ChatGPT इंसानियत के लिए कितना बड़ा ख़तरा है?

डायनामाइट की ईजाद पहाड़ तोड़ने के लिए किया गया था, लेकिन अब डायनाइट का इस्तेमाल वॉयलेंस के लिए भी किया जाता है. ऐसे में कोई चीज अगर किसी अच्छे काम के लिए बनाई जाती है तो चांसेंस होते हैं कि उसका ग़लत इस्तेमाल भी हो. ChatGPT के साथ भी ऐसा ही है.

ChatGPT का ग़लत इस्तेमाल भी किया जा सकता है. भले ही Open AI ये दावा करता है कि ChatGPT किसी भी ऐसे सवाल का जवाब नहीं देता है जिसमें वॉयलेंस हो या फिर कुछ ग़ैरक़ानूनी हो. लेकिन चूँकि ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड टूल है और AI कई बार इंसानों को भी चकमा दे जाता है. ChatGPT के साथ भी ऐसा ही है.

ChatGPT वॉयलेंस या ग़ैरक़ानूनी काम से जुड़े डायरेक्ट सवालों के जवाब नहीं देता है. लेकिन अगर आप इससे घुमा फिरा कर ग़ैरक़ानूनी कामों या वायलेंस के बारे में पूछें तो उसका जवाब भी यहाँ मिल जाता है.

क्या इंसान को ChatGPT रिप्लेस कर देगा?

ऐसा बिल्कुल नहीं है! जब कंप्यूटर की शुरुआत हो रही थी तो भी ऐसा कहा जा रहा था कि कंप्यूटर आने से इंसान बेरोज़गार हो जाएँगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ये ज़रूर है कि इस टूल के आने के बाद कई कंपनियाँ कॉस्ट कटिंग के लिए मैनपावर कम कर सकती हैं, लेकिन ये भी एक तरह से ग़ैरक़ानूनी या ग़लत है.

इस टूल को ह्यूमन अपने काम में परफेक्शन और क्रिएटिविटी लाने के लिए यूज करेंगे तो रिज़ल्ट बेहतर होगा.

क्या ChatGPT में कोई कमी या ख़ामी नहीं है?

ChatGPT भले ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड टूल है, लेकिन इसमें जो डेटा फ़ीड किया गया है उसे इंसानों ने फ़ीड किया है. उदाहरण के तौर पर ChatGPT से आप 2021 के बाद हुए दुनिया के इवेंट्स के बारे में पूछेंगे तो आपको जवाब नहीं मिलेगा. क्योंकि इसमें 2021 से पहले तक का ही डेटा फ़ीड किया गया है.

ChatGPT की और भी कई लिमिटेशन्स हैं. ये फ़िक्शन लिख सकता है, लेकिन इंसानों के लेवल का नहीं. ये नज़्म लिख सकता है, कहानियाँ लिख सकता है, लेकिन इंसानों के लेवल मैच नहीं कर सकता है.

आप चाहें तो इससे न्यूज़ के लिए स्क्रिप्ट लिखवा सकते हैं, लेकिन इसमें कई सारी ग़लतियाँ मिलेंगे और फैक्ट्स भी ग़लत मिल सकते हैं. इसलिए आप ChatGPT द्वारा लिखे गए किसी स्क्रिप्ट या जवाब को आँख मूँद कर नहीं मान सकते हैं. क्योंकि मैंने कई बार ये पाया है कि ये अलग अलग टॉपिक्स पर कई फैक्ट्स ग़लत बताता है.

ChatGPT आया कहां से? कौन है इसके पीछे?

सैन फ़्रैंसिस्को (अमेरिका) बेस्ड कंपनी Open AI ने ChatGPT को तैयार किया है. मेरे ख़्याल से ये कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में कई साल शानदार काम कर रही है और AI बेस्ड दूसरी कंपनियाँ इसके सामने दूर दूर तक नहीं हैं.

Open AI ने ना सिर्फ़ ChatGPT बनाया है, बल्कि इसके पास AI बेस्ड कई फ़्री टूल्स हैं जिसे यूज़र्स Open AI की वबेसाइट से ऐक्सेस कर सकते हैं. हाल ही में Dall E नाम का एक टूल काफ़ी पॉपुलर हुआ है. Dall E दरअसल आपके दिए गए टेक्स्ट के आधार पर इमेज और क्रिएटिव तैयार करता है.

उदाहरण के तौर पर आप Dall E को ये कह सकते हैं कि एक बिल्ली का ग्राफ़िक्स तैयार करके दो जिसके पंख लगे हैं और वो हवा में उड़ रही है. आप अपने इमैजिनेशन के हिसाब से Dall E से किसी तरह का ग्राफ़िक्स तैयार करा सकते हैं. इसमें सिर्फ़ कुछ सेकंड्स का टाइम लगता है. हालाँकि कई बार ये सटीक काम नहीं करता है. लेकिन Open AI का ये टूल इस बात का भी प्रमाण है कि ये कंपनी किस AI के क्षेत्र में काफ़ी आगे जा चुकी है और लगातार इस तरह के एक्सपेरिमेंट्स कर रही है.

Elon Musk का नाम भी इस कंपनी के साथ जोड़ा जाता है. दरअसल 2015 में सैम ऑल्टमैन और एलॉन मस्क ने कुछ और AI रिसर्चर्स के साथ मिल कर Open AI को एक ऑर्गनाइज़ेशन के तौर पर शुरू किया था. हालाँकि बाद में Elon Musk इस कंपनी से अलग हो गए.

रोबोट वकील तक तैयार है... 

ChatGPT को सिर्फ इंडिविजुअल नहीं यूज करेंगे, बल्कि इसे पब्लिशर्स और सेलर्स से लेकर लगभग हर सेक्टर में यूज किया जा सकता है. यहां तक कि GPT 3 मॉडल और Open AI के बदौलत DoNotPlay नाम के एक स्टार्टअप ने दुनिया का पहला रोबोट वकील तैयार करने का बड़ा दावा किया है. ये AI रोबोट लोगों के लिए कोर्ट में केस लड़ना आसान बनाएगा. 

इसमें दो राय नहीं है कि AI से कई खतरे भी हैं, लेकिन क्या Google से खतरा नहीं है? Google सर्च करके लोग बॉम्ब बनाने से लेकर सुसाइड करने के तरीके भी ढूंढ लेते हैं. इसलिए ये कहना कि ChatGPT जैसा टूल आगे चल कर खतरनाक हो सकता है, मेरे ख्याल से ये सही नहीं है. हां, ये जरूर है कि इस मॉडल को यूज करने के लिए कुछ गाइडलाइन्स होनी चाहिए और कंपनी को ये मेक श्योर करना चाहिए कि इससे लोगों का नुकसान ना हो...

 

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