
रक्षाबंधन के मौके पर बिहार के शिक्षकों को इस बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शुभकामनाओं से ही काम चलाना पड़ा है. असल में बिहार के शिक्षा विभाग ने स्कूली शिक्षकों को मिलने वाली कई छुट्टियां इस बार रद्द कर दी हैं - चुनाव कराने और शराबबंदी लागू करने से लेकर जातीय सर्वेक्षण तक के काम में ड्यूटी पर लगा दिये जाने वाले शिक्षकों को लगता है कि त्योहारों पर मिलने वाली छुट्टियां ही तो राहत की सांस होती हैं.
बिहार के साथ साथ उत्तर प्रदेश के स्कूलों में भी छुट्टियों को लेकर सुर्खियां बन रही हैं. यूपी की योगी सरकार ने तो छुट्टियों से जुड़ा अपना आदेश वापस ले लिया है, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्कूली छुट्टियों को लेकर राजनीतिक विरोधियों के निशाने पर आ गये हैं. शिक्षकों का विरोध तो अलग ही है.
योगी सरकार के आदेश से तो स्कूलों की छुट्टियां सिर्फ 15 दिनों के दायरे में प्रभावित हो रही थीं, बिहार में जारी आदेश से तो पूरे तीन महीने के दौरान आने वाली छुट्टियों पर असर पड़ रहा है. 2023 के आखिरी तीन महीनों में मिलने वाली 14 छुट्टियां अब रद्द कर दी गयी हैं - जिसके चलते रक्षाबंधन से शुरू होकर छठ तक शिक्षकों की कई छुट्टियों में कटौती कर दी गयी है.
ऐसे में जबकि नीतीश कुमार विपक्षी गठबंधन INDIA में अपनी भूमिका के लिए संघर्ष कर रहे हैं, बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह कह रहे हैं, अभी तो दुर्गा पूजा, दिवाली और छठ पूजा की छुट्टियां रद्द की गई हैं - कल संभव है कि बिहार में शरिया लागू कर दिया जाये और हिंदू त्योहार मनाने पर रोक लग जाए.
बिहार में नया बवाल है, 'नीतीशे कुमार हैं'!
बिहार के माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने स्कूलों की छुट्टियां रद्द करने को लेकर कहा है कि ये आदेश बच्चों के हित में जारी किया गया है. कहा गया है कि समय समय पर परीक्षा, त्योहार और चुनाव की वजह से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही थी, इसलिए ऐसा किया गया है.
सरकारी आदेश में लिखा है, विद्यालयों के बंद होने की प्रक्रिया में एकरूपता नहीं है, किसी त्योहार में किसी जिले में विद्यालय चल रहे होते हैं - और उसी त्योहार पर अन्य जिलों में विद्यालय बंद रहते हैं. शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 का हवाला देते हुए कहा गया है, प्राथमिक विद्यालयों में कम से कम 200 दिन और मध्य विद्यालयों में 220 दिनों के कार्यदिवस का प्रावधान है.
लेकिन विरोध में सोशल मीडिया पर दलील दी जा रही है कि 'एक साल में 52 रविवार और 60 पर्व त्योहार की छुट्टियां घटा कर भी स्कूल 253 दिन वर्ग संचालित होता है, फिर भी छुट्टियों को रद्द करना शिक्षा विभाग की तानाशाही दर्शाता है.' और मांग हो रही है कि ये छुट्टियां पहले की तरह ही बहाल कर दी जायें.
बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने पहले ही साफ कर दिया था कि रक्षाबंधन के दिन भी कोई छुट्टी नहीं मिलेगी, और 31 अगस्त को भी छात्रों को स्कूल आना होगा. छात्र स्कूल आएंगे तो शिक्षकों को भी आना ही होगा.
छुट्टियों की नई लिस्ट के मुताबिक, अब दुर्गापूजा पर भी रविवार को जोड़ कर सिर्फ तीन दिन की छुट्टी होगी, जबकि पहले छह दिनों की छुट्टी दी जा रही थी. पहले दीपावली से छठ तक छुट्टियां मिलती थीं, जिसके तहत इस साल भी 13 से 21 नंवबर तक छुट्टी होनी थी. लेकिन अब दीपावली पर 12 नवंबर को, चित्रगुप्त पूजा पर 15 नवंबर को और छठ पूजा पर सिर्फ दो दिन की छुट्टी मिलेगी - 19 और 20 नवंबर को. नये सरकारी फरमान से दुर्गापूजा, छठ, दीपावली, भैया दूज, गुरु नानक जयंती और चित्रगुप्त पूजा जैसे त्योहारों सहित 14 छुट्टियां खत्म कर दी गयी हैं.
उत्तर प्रदेश में छुट्टियों का हाल भी जान लीजिये
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी पहली ही पारी में माध्यमिक स्कूलों की 17 छुट्टियां रद्द कर दी थीं. यूपी सरकार के 2018 के छुट्टियों से जुड़े एक आदेश के मुताबिक, नव वर्ष, कर्पूरी ठाकुर जयंती, महर्षि कश्यप जयंती, चेटीचंद, ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती उर्स, चंद्रशेखर जयंती, परशुराम जयंती, महाराणा प्रताप जयंती, विश्वकर्मा पूजा, अग्रसेन जयंती, दशहरा अष्टमी, वाल्मीकि जयंती, छठ पूजा, सरदार पटेल जयंती, नरेंद्र देव जयंती, वीरांगना ऊदादेवी शहीद दिवस, डॉ आंबेडकर परिनिर्वाण दिवस और चौधरी चरण सिंह जयंती पर होने वाली छुट्टियां रद्द कर दी गयी थीं.
लगे हाथ योगी सरकार की तरफ से सलाह दी गयी थी कि स्कूलों में छुट्टी के बजाय बच्चों को उन महापुरुषों के बारे में बताया जाये. सुझाव था कि महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि के मौकों पर स्कूलों में एक घंटे का सेमिनार कराया जाये, ताकि बच्चें उनके बारे में जान सकें और उनके सिखाये रास्ते पर चलने का प्रयास करें.
हालांकि, यूपी सरकार ने अपना एक ताजा आदेश वापस ले लिया है, जिसमें 1 सितंबर से 15 सितंबर तक के बीच आने वाली स्कूलों की सभी छुट्टियां रद्द कर देने को कहा गया था. ये आदेश सरकार की तरह से होने वाले स्वच्छता अभियान कार्यक्रमों के मद्देनजर किया गया था. ध्यान देने वाली बात है कि इसी पीरियड में जन्माष्टमी और चेहल्लुम का त्योहार भी था. शिक्षकों की तरफ से नाराजगी जताये जाने पर सरकार ने ये आदेश वापस ले लिया है.
स्कूलों की छुट्टियों पर सियासत और असर
बीजेपी की तरफ से रिएक्शन आ जाने का मतलब तो यही है कि बिहार की स्कूली छुट्टियों पर सियासत शुरू हो चुकी है. बीजेपी नेता अगर छुट्टियों में कटौती के बहाने बिहार में शरिया लागू करने की आशंका जता डाली है.
सवाल है कि क्या नीतीश सरकार ने वास्तव में सिर्फ बच्चों के हित में ही ये फैसला किया है? सवाल ये भी है कि पूरे नौ महीने बीत जाने के बाद आखिर सरकार को आखिरी तीन महीने की छुट्टियों के दौरान ही बच्चों के हितों की चिंता क्यों होने लगी?
क्या ये स्कूली छुट्टियां ही अब सामाजिक समरसता का प्रतीक बन कर रह गयी हैं?
अगर बिहार और उत्तर प्रदेश की कुछ स्कूली छुट्टियों को ध्यान से देखें तो मालूम होता है कि दशहरे पर दोनों ही राज्यों में बराबर छुट्टियां दी जा रही हैं. दुर्गापूजा पर बिहार सरकार 22 से 24 अक्टूबर तक छुट्टी दे रही है, जिसमें एक रविवार भी शामिल है. यूपी सरकार की छुट्टियां देखें तो वहां भी तीन दिन की छुट्टी मिल रही है. एक दिन महानवमी के नाम पर और एक दिन विजय दशमी के नाम पर - और उससे ठीक पहले रविवार है. यहां तो समझ लेना चाहिये कि हिसाब बराबर हो गया.
अब अगर छठ पर्व की बात करें तो उत्तर प्रदेश में 19 नवंबर को छुट्टी रखी गयी है, और उस दिन रविवार है. बिहार में छठ के लिए दो दिन की छुट्टी बतायी गयी है 19 और 20 नवंबर, जिसमें एक रविवार ही है. समझने की कोशिश करें तो छठ पर बिहार में सिर्फ एक दिन की छुट्टी दी जा रही है - और सबसे बड़ा पेंच यहीं फंस रहा है.
दुर्गापूजा का त्योहार यूपी और बिहार दोनों ही जगह मनाये जाते हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल के लिए ये बहुत बड़ा त्योहार हो जाता है. ठीक वैसे ही छठ पर्व बिहार के लिए है. निश्चित तौर पर यूपी सहित पूरे देश में लोग छठ मनाते हैं, लेकिन बिहार की तरह लंबी प्रक्रिया नहीं है.
जो बिहार में रहते हैं उनके लिए तो छठ महापर्व है ही, आलम ये है कि जगह जगह से छुट्टी लेकर छठ के लिए बिहार पहुंचते हैं. बाकी नेताओं की कौन कहे, बिहार में तो नीतीश कुमार और लालू यादव तक सभी छठ पर्व पूरे हर्ष और उल्लास से मनाते आ रहे हैं.
यूपी के स्कूलों की छुट्टियों में कटौती के साथ ही योगी सरकार ने ऐसे मौकों पर महापुरुषों को लेकर सेमिनार कराने का सुझाव दिया है, लेकिन नीतीश सरकार की तरफ से अभी ऐसी कोई सलाहियत सामने नहीं आयी है. और त्योहारों के लिए न सही, लेकिन छठ को लेकर तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल पूछे ही जाएंगे - और जवाब भी देना ही होगा.