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नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, पवन कल्याण के हिंदुत्व से BJP के पसीने क्यों छूट रहे हैं? |Opinion

अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन के लगभग आठ महीने बाद, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंदिर के निर्माण के लिए प्रशंसा पत्र लिखा है.  अचानक नीतीश कुमार के हृदय परिवर्तन का कारण क्या है?

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण
संयम श्रीवास्तव
  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 12:25 PM IST

पिछले कुछ दिनों से भारतीय जनता पार्टी के सामने एक नए किस्म की मुसीबत सामने है. यह मुसीबत देखने में तो भारतीय जनता पार्टी के लिए अभी सहूलियत है पर दूरगामी परिणामों के लिए उसे चिंतित होने की जरूरत है. दरअसल एनडीए के सहयोगी दलों ने हिंदुत्व की लाइन पर बीजेपी की राह पकड़ ली है. ऊपर से देखने में तो यही लगता है कि कितनी अच्छी बात है कि एक गठबंधन के अधिकतर दल एक ही विचारधारा के होते जा रहे हैं. पर ऐसा है नहीं. आइये देखते हैं कि क्यों बीजेपी के लिए उसके सहयोगी दलों का उसके ही पदचिह्नों पर चलना अब उसे नहीं भा रहा है.

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1-नीतीश कुमार ने यूं ही नहीं की है 8 महीने बाद राम मंदिर के लिए मोदी की तारीफ 

अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन के लगभग आठ महीने बाद, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए प्रशंसा पत्र लिखा है.  नीतीश ने अपने पत्र में अपनी सरकार की योजना का भी उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने सीतामढ़ी के पुनौरा धाम का विकास करने की बात कही, जिसे माता सीता का जन्मस्थान माना जाता है.नीतीश कुमार ने सीतामढ़ी और अयोध्या के बीच सीधी रेल लिंक सेवा की भी मांग की है. इंडियन एक्सप्रेस लिखता है कि बिहार भाजपा में नीतीश कुमार के इस कदम से आशंका पैदा हो गई है.

भाजपा नेताओं को लगता है कि नीतीश  कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी के हिंदुत्व के बल पर ही अप्रत्याशित लाभ हासिल किया था. अब हिंदुत्व के नाम पर नीतीश कुमार बीजेपी के वोट बैंक में सेंध लगाने का प्रयास कर सकते हैं. संदेह के बादल उठने स्वाभाविक ही हैं. क्योंकि नीतीश कुमार ने अतीत में कभी ऐसा बयान नहीं दिया. पिछले आठ महीनों से, गठबंधन सहयोगी होने के बावजूद, वह राम मंदिर के नाम पर चुप रहे. ऐसे समय जब राम मंदिर की चर्चा बीजेपी ने भी बंद कर दी है तो नीतीश कुमार का अचानक इस तरह तारीफ करना बीजेपी को खटक रहा है. इंडियन एक्सप्रेस अखबार बीजेपी के एक नेता के हवाले से लिखता है कि अब जब नीतीश कुमार राम मंदिर के निर्माण की सराहना कर रहे हैं, तो पार्टी को यह देखना होगा कि वह क्या करने वाले हैं. 

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2-चंद्रबाबू नायडू बीजेपी की भाषा बोलकर कर रहे एक तीर से दो शिकार

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू जिन्हें एक टेक्नोक्रेट सीएम के रूप में जाना जाता रहा है. उन्हें अपने पिछले कार्यकाल में हैदराबाद को साइबराबाद बनाने का श्रेय दिया जाता है. देश में उन्हें अपनी प्रौद्योगिकी-संचालित शासन शैली के लिए देखा जाता रहा है. पर हाल ही में अपनी नई पारी आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शुरू करने वाले चंद्रबाबू इस बार अपने हिंदुत्व समर्थक कार्यशैली के लिए अपने राज्य में लोकप्रिय हो रहे हैं. हाल ही में उन्होंने तिरुपति मंदिर में जानवरों की चर्बी युक्त घी से लड्डू बनने का आरोप लगाया. उनका कहना था कि उनके प्रतिद्वंद्वी वाई एस जगन मोहन रेड्डी की सरकार के दौरान तिरुपति मंदिर में वितरित किए गए लड्डुओं में जानवरों की चर्बी मिलाई गई थी. दरअसल नायडू ने एक तीर से 2 शिकार किया है. तिरुपति विवाद से नायडू ने मुख्य रूप से जगन मोहन रेड्डी को तो निशाना बनाया. दूसरा यह है कि लंबे समय में इसका फायदा यह होगा कि हिंदू समर्थन आधार को बनाए रखने के चलते बीजेपी राज्य में अपना विस्तार बहुत तेजी से नहीं कर पाएगी.

3- पवन कल्याण के उग्र हिंदुत्व के आगे बीजेपी भी फीकी नजर आ रही है

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हिंदुओं के मुद्दे पर तिरुपति बालाजी लड्डू स्कैम के पहले भी पवन कल्याण अपना रौद्र रूप दिखाते रहे हैं. पर तिरुपति प्रसादम में जानवरों की चर्बी वाले तेल के मिलावट के मुद्दे पर वो एनडीए के अपने साथियों से अधिक मुखर नजर आ रहे हैं. शुद्ध शब्दों में कहा जाए तो इस मुद्दे पर लाइम लाइट पवन कल्याण ही लूट रहे हैं.

नायडू की पार्टी जनसेना पार्टी आंध्र प्रदेश सरकार में टीडीपी के साथ छोटे भाई की भूमिका में है. यही कारण है कि जनसेना पार्टी (जेएसपी) के नेता के तौर पर पवन कल्याण सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं. जो भाजपा के साथ मजबूत संबंध रखते हैं और सरकार में अधिक विश्वसनीय हिंदू चेहरा बनकर उभर रहे हैं., जैसा कि भाजपा के अंदरूनी सूत्रों ने कहा.

लड्डू विवाद के चर्चा में आने के बाद अभिनेता से नेता बने कल्याण ने मंदिरों से जुड़े सभी मुद्दों की जांच के लिए एक सनातन धर्म रक्षा बोर्ड स्थापित करने की मांग कर दी. इस बोर्ड का काम व्यापक हो जिसमें मंदिरों में अपवित्रता, भूमि के मुद्दे और अन्य धार्मिक प्रथाओं आदि के मुद्दों को शामिल करने की मांग की गई. यही नहीं कल्याण ने कल्याण ने कहा कि वह लड्डुओं में अशुद्धियों से गहरे आहत होने के चलते गुंटूर में दशावतारा वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में 11 दिवसीय प्रायश्चित दीक्षा लेने की घोषणा की. इसी मंगलवार को उपमुख्यमंत्री ने विजयवाड़ा के कनक दुर्गा मंदिर की सीढ़ियों को धोया. हाल ही में जेएसपी नेता को भगवा रंग पहने हुए देखा गया, जिन्होंने एनटीआर की तरह अपने गले में एक शॉल डाली थी.

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जाहिर है कि राज्य में बीजेपी अपनी जड़े जमाने की तैयारी कर रही है. अगर हिंदुत्व के मुद्दे पर टीडीप और जनसेना इस तरह एक्ट करेंगी तो बीजेपी को करने के लिए क्या बचेगा? इस तरह तो बीजेपी राज्य में चौथे नंबर की ही पार्टी बनकर रह जाएगी.

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