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केजरीवाल की रिहाई के बजाय दिल्ली की मौतों पर INDIA गुट का प्रदर्शन ज्यादा असरदार होता

जंतर मंतर पर INDIA ब्लॉक का विरोध प्रदर्शन ऐसे वक्त हुआ जब सिविल सेवा की तैयारी कर रहे युवाओं की मौत पर दिल्ली में कोहराम मचा है. खबर तो अरविंद केजरीवाल को भी होगी, और दिल्लीवालों की फिक्र भी - अच्छा होता केजरीवाल की गिरफ्तारी के बजाय ये प्रदर्शन उस व्यवस्था के खिलाफ होता, जो मौत की वजह बनी है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ INDIA ब्लॉक के नेताओं का जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ INDIA ब्लॉक के नेताओं का जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन
मृगांक शेखर
  • नई दिल्ली,
  • 30 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 8:28 PM IST

दिल्ली में जंतर मंतर पर INDIA ब्लॉक का विरोध प्रदर्शन पहले से तय था, और हुआ भी. ये विरोध प्रदर्शन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जेल भेजे जाने के खिलाफ आम आदमी पार्टी की तरफ से बुलाया गया था. विरोध प्रदर्शन में आप सहित विपक्षी गठबंधन के सहयोगी दलों के नेता शामिल हुए. 

ये विरोध प्रदर्शन ऐसे वक्त हुआ है, जब दिल्ली में सिविल सेवा की तैयारी कर रहे युवाओं की मौत पर कोहराम मचा हुआ है. जाहिर है खबर तो अरविंद केजरीवाल को भी होगी ही, और मानकर चलना चाहिये उनको बाकी दिल्लीवालों की तरह युवाओं और उनके परिवारवालों की भी फिक्र निश्चित तौर पर हो रही होगी. लेकिन, क्या ये अच्छा नहीं होता कि विरोध प्रदर्शन को थोड़ा होल्ड कर लिया जाता - सबसे अच्छा तो ये होता कि विरोध प्रदर्शन दिल्ली के मौजूदा हालात पर होता जिसकी वजह से अपना घर परिवार छोड़कर तैयारी करने आये युवाओं अचानक ही ये दुनिया ही छोड़ देनी पड़ी. 

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दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर के राव आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत हो गई. उसके पहले IAS की तैयारी कर रहे एक युवा की बिजली का करंट लगने से मौत हो गई थी. बारिश के कारण करंट लोहे के गेट में उतर आया था, जो जानलेवा साबित हुआ.

चारों ही युवाओं की मौत का कारण कोई कुदरती आपदा नहीं है, बल्कि मानव निर्मित उपक्रम है. चारों ही युवा सिस्टम की बदइंतजामियों की भेंट चढ़ गये हैं - और सभी के सपनों का दिनदहाड़े गला घोंट दिया गया है. 

अफसोस की बात ये है कि सिस्टम को दुरुस्त करने की कोशिश के बजाय, एक दूसरे पर दोष मढ़ने का दौर शुरू हो चुका है. सोशल मीडिया पर भी राव आईएए के संचालकों से लेकर दृष्टि आईएस वाले डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति से जवाब मांगा जा रहा है. वैसे विकास दिव्यकीर्ति ने बयान जारी कर अपना पक्ष रख दिया है. दृष्टि आईएएस कोचिंग के बेसमेंट में अवैध तरीके से क्लास चल रहे थे, जिसे सील कर दिया गया है.

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विरोध प्रदर्शन का मुद्दा बदल भी तो सकता था

अच्छा तो ये होता कि INDIA ब्लॉक का विरोध प्रदर्शन फिलहाल टाल दिया गया होता, और अगर ये संभव नहीं था तो अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध के बजाय दिल्ली में युवाओं की मौत को लेकर किया गया होता - विरोध प्रदर्शन तो असरदार होता ही, सरकार अलग से भी दबाव महसूस करती.  

अरविंद केजरीवाल को जेल भेजे जाने के खिलाफ आम आदमी पार्टी लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही है. इसके लिए आप नेता हर संभव तरकीब अपना रहे हैं. ऐसे हर मौके पर अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल मौजूद होती हैं. जंतर मंतर पर बाकी नेताओं के साथ सुनीता केजरीवाल का भी भाषण हुआ, जिसमें निशाने पर केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी रही. 

राहुल गांधी का विरोध प्रदर्शन में जाना तो पहले भी कंफर्म नहीं था, लेकिन कांग्रेस नेता गौरव गोगोई और प्रमोद तिवारी पहुंचे हुए थे. लोकसभा से निकलकर समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव भी जंतर मंतर के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. विरोध प्रदर्शन में डीएमके नेता ए. राजा, सीपीआई नेता डी. राजा, शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत और एनसीपी (SCP) नेता शरद पवार, सीपीआई-एमएल नेता दीपांकर भट्टाचार्य के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी पहुंचे हुए थे. 

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सभी नेताओं ने अपने अपने तरीके से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर जेल भेजे जाने पर कड़ा विरोध जताया, और केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की. आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह और गोपाल राय की तरफ से पुराने आरोपों को दोहराया गया. 

युवाओं की मौत पर राजनीति चालू है

दिल्ली की कोचिंग में हुए हादसे में उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर की श्रेया यादव का भी आईएएस बनने का सपना अधूरा रह गया. 25 साल की श्रेया यादव के अलावा 28 साल के नेविन डेलविन और 25 साल की तान्या सोनी भी हादसे का शिकार हो गईं. 

बताते हैं कि जब बेसमेंट में पानी भरना शुरू हुआ था, उस वक्त वहां 30 छात्र मौजूद थे. अचानक बेसमेंट में पानी भरने लगा तो अफरातफरी मच गई. फंसे हुए छात्रों को बाहर निकालने के लिए रस्सियों का इस्तेमाल करना पड़ा. रेस्क्यू ऑपरेशन करीब 8 घंटे चला, लेकिन तीन छात्र बेसमेंट में ही फंसे रह गए, जिन्हें बचाया नहीं जा सका.

हादसे के लिए जिम्मेदार मानकर एक जूनियर इंजीनियर को बर्खास्त और एक असिस्टेंट इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया गया है - और राजनीति का हाल ये है कि बीजेपी नेताओं ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ प्रदर्शन किया, तो आम आदमी पार्टी के नेता बीजेपी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, और दोनो एक दूसरे को हादसे का जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. बीजेपी हादसे को हत्या बता रही है, और आम आदमी पार्टी की सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए जल मंत्री आतिशी के इस्तीफे की मांग कर रही है. 

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दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज का कहना है कि दिल्ली के लोगों के खिलाफ एक बड़ी साजिश की गई है. सौरभ भारद्वाज कहते हैं, सभी कह रहें है दिल्ली में ड्रेन और सीवर से गाद निकालने का काम ठीक से नहीं किया गया, और उसी के चलते पूरी दिल्ली में जलभराव हुआ, और अफसरों का न दिल्ली सरकार ट्रांसफर कर सकती है, न कार्रवाई कर सकती है - ये काम सिर्फ LG साहब कर सकते हैं.

क्या हादसे को टाला नहीं जा सकता था

हादसे के लिए एक एसयूवी को भी जिम्मेदार बताया जा रहा है. कहा जा रहा है कि एसयूपी के तेज रफ्तार से वहां से गुजरने के कारण पानी के दबाव से गेट टूट गया और बेसमेंट में पानी भर गया - और इसी बीच एक साल पुराना एक वीडियो भी आया है जो अलग ही कहानी कह रहा है. 

वीडियो जुलाई, 2023 का बताया जा रहा है जिसे कोचिंग के ही एक छात्र ने शूट किया था. वीडियो से मालूम होता है कि पिछले साल भी कोचिंग संस्थान का गेट बारिश के दौरान टूट गया था, जैसे इस बार टूटा है - साफ है, अगर समस्या का हल पहले ही ढूंढ लिया गया होता, या प्रशासन की तरफ से एक्शन लिया गया होता तो युवाओं की जान बचाई जा सकती थी. 

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तिहाड़ जेल से तो अरविंद केजरीवाल का संदेश यही आता है कि उनको खुद से ज्यादा दिल्लीवालों की ही फिक्र रहती है. अगर ऐसा ही है तो क्या अरविंद केजरीवाल अपने साथियों को ये सलाह भी तो दे सकते थे कि जंतर मंतर पर युवाओं की मौत के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया जाये, उनकी गिरफ्तारी और जेल भेजे जाने का मामला तो बाद में भी उठाया जा सकता है. 
ये तो ऐसा लगता है INDIA ब्लॉक ने केंद्र सरकार के विरोध का एक बड़ा मौका गंवा दिया है - वरना, जब दिल्ली में कोहराम मचा है तब केजरीवाल की रिहाई को लेकर इंडिया के नेता जंतर मंतर पर बेवक्त की शहनाई क्यों बजा रहे होते?

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