
अरविंद केजरीवाल के चेहरे पर विपश्यना असर तो दिखाई पड़ रहा है, लेकिन लेकिन दिल्ली की हार का दर्द खत्म हुआ नहीं लग रहा है. दिल्ली का दर्द खत्म भी कैसे हो सकता है, जख्म तो अभी बिल्कुल हरे हैं - और जब तक कोई चुनावी जीत नहीं मिलती, कहां कुछ बदलने वाला है.
लुधियाना पश्चिम सीट पर उपचुनाव कब होंगे, अभी तक चुनाव आयोग की तरफ से कोई सूचना सामने नहीं आई है, लेकिन चुनावी तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं. तैयारियों में आम आदमी पार्टी के साथ साथ कांग्रेस भी नजर आ रही है, लेकिन बीजेपी का कहना है कि सही समय आने पर फैसला लिया जाएगा.
आम आदमी पार्टी ने उपचुनाव में अपने राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी और कांग्रेस का आरोप है कि आम आदमी पार्टी संजीव अरोड़ा को विधानसभा चुनाव लड़ाकर अरविंद केजरीवाल को राज्यसभा भेजने का इंतजाम कर रही है. आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता ऐसी बातों से साफ साफ इनकार कर रहे हैं.
बहुत मुश्किल है लुधियाना वेस्ट सीट की लड़ाई
लुधियाना के हालिया चुनाव नतीजों को देखें तो आम आदमी पार्टी के लिए आने वाला उपचुनाव काफी मुश्किल होने वाला है - और सबसे बड़ी वजह यही है कि अरविंद केजरीवाल बहुत पहले ही पंजाब में डेरा डाल दिये हैं. लुधियाना पश्चिम विधानसभा सीट आप विधायक रहे गुरप्रीत गोगी की मौत हो जाने के कारण ही खाली हुई है, और उपचुनाव होना है. गलती से गोली चल जाने से गुरप्रीत गोगी की इसी साल जनवरी में मौत हो गई थी.
लुधियाना में आम आदमी पार्टी के हालिया चुनावी प्रदर्शनों की बात करें तो आगे की राह काफी मुश्किल लगती है. 2024 के लोकसभा चुनाव में AAP उम्मीदवार अशोक पराशर तीसरे पायदान पर पहुंच गये थे. लुधियाना सीट पर कांग्रेस के अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने बीजेपी के रवनीत सिंह बिट्टू को हराया था.
1. लुधियाना की 9 विधानसभा सीटों में से किसी पर भी AAP नंबर 1 की पोजीशन पर नहीं देखी गई. लुधियाना वेस्ट सहित 5 शहरी विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी आगे चल रही थी, जबकि कांग्रेस चार इलाकों में, जिनमें दो देहात के थे.
2. दिसंबर, 2024 में हुए लुधियाना नगर निगम चुनाव में भी AAP को 95 में से 41 सीटों पर ही जीत मिली थी, और बहुमत से 7 नंबर पीछे रहना पड़ा था. मुश्किल ये रही कि दो आप विधायकों की पत्नियों को भी हार का मुंह देखना पड़ा था.
3. बेशक 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में आप ने 117 में 92 सीटें जीत ली थी, लेकिन उसके बाद हुए संगरूर लोकसभा उपचुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था. ध्यान देने वाली बात ये है कि वो सीट पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के इस्तीफे से खाली हुई थी.
4. दिसंबर, 2024 में भी AAP को बरनाला विधानसभा उपचुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था.
लुधियाना की लड़ाई आप के लिए इसलिए भी मुश्किल हो गई है क्योंकि कांग्रेस की तरफ से पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु भी मैदान में उतर आये हैं. भारत भूषण को पंजाब में AAP की सरकार बनने के बाद कथित अनाज घोटाले में गिरफ्तार कर लिया गया था. भारत भूषण को 2 साल जेल में बिताने पड़े थे, और दिसंबर, 2024 में हाई कोर्ट से उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द कर दिये जाने के बाद ही वो बाहर आ सके.
अदालत ने भी माना और अब वो भी घूम घूम कर कह रहे हैं कि राजनीतिक द्वेष की वजह से ही उनको जेल भेजा गया था.
अब भारत भूषण कह रहे हैं कि केजरीवाल को मैदान में इसलिए उतरना पड़ा है क्योंकि संजीव अरोड़ा को कोई जानता ही नहीं. कहते हैं, लोगों से अरोड़ा का परिचय कराने में केजरीवाल को महीनों लगेंगे. लोकसभा और नगर निगम चुनावों में मिली शिकस्त के बाद आप को मालूम है कि लुधियाना वेस्ट में बुद्धिजीवी वोटर हैं, बड़े कारोबारियों से लेकर डॉक्टर और बड़े बड़े विद्वान तक. यहां के लोग मूर्ख नहीं हैं कि केजरीवाल की एक और नौटंगी चल जाएगी.
कांग्रेस की तरह बीजेपी भी केजरीवाल के खिलाफ आक्रामक हो गई है, और केजरीवाल के कैंपेन शुरू करने को नौटंकी बता रही है. बीजेपी का सवाल है कि आखिर क्यों आप के विधायक ने अपनी ही सरकार के प्रोजेक्ट के फाउंडेशन स्टोन को तोड़ दिया. बीजेपी की तरफ से आप विधायक रहे गुरप्रीत गोगी के अपनी ही सरकार के खिलाफ देखे गये हमलावर रुख को भी याद दिलाने की कोशिश हो रही है.
दिल्ली की बीजेपी सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा तो पहले से ही कहते आ रहे हैं, मैं लुधियाना के लोगों से अपील करता हूं कि अरोड़ा को छोड़ कर वे जिसे भी चाहें वोट दे दें.
केजरीवाल के लिए लुधियाना उपचुनाव का महत्व
1. पहली बात तो लुधियाना उपचुनाव की जीत अरविंद केजरीवाल के लिए दिल्ली की हार पर मरहम की तरह होगा.
2. लेकिन अगर संजीव अरोड़ा चुनाव हार गये तो सारा खेल बिगड़ जाएगा. केजरीवाल के राजनीतिक विरोधियों का आरोप है कि संजीव अरोड़ा को पंजाब सरकार में मंत्री बनाने का वादा किया गया है, और इसी बात पर वो राज्यसभा की सीट छोड़ने पर राजी हुए हैं.
3. बीजेपी और कांग्रेस का आरोप है कि लुधियाना उपचुनाव के जरिये अरविंद केजरीवाल के राज्यसभा जाने का रास्ता बनाया जा रहा है - लुधियाना में AAP की हार हुई तो ये प्लान भी फेल हो जाएगा.