
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी के चुनावी अभियान में लगातार इस बात पर हमले कर रहे हैं कि कांग्रेस और विपक्ष किस तरह ओबीसी और एससी को मिले आरक्षण का हिस्सा काटकर मुसलमानों को देना चाहती हैं. पीएम मोदी अपनी चुनावी सभाओं में लगातार मुद्दा उठा रहे हैं कि कर्नाटक सरकार ने जिस तरह मुस्लिम समुदाय को ओबीसी कोटे में शामिल कर उन्हें प्रवेश परीक्षाओं और सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया है. इसके बावजूद विपक्ष विशेषकर कांग्रेस इस मुद्दे पर कुछ भी खुलकर नहीं बोल रही थी.
राहुल गांधी सामाजिक न्याय, जातिगत जनगणना और अल्पसंख्यकों के कल्याण की बात जरूर कर रहे हैं पर मुसलमानों को भी आरक्षण मिलना चाहिए इस पर कभी खुलकर नहीं बोले. पर मंगलवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री आरजेडी मुखिया लालू प्रसाद यादव ने यह बोलकर गुगली फेंक दी है कि मुसलमानों को भी आरक्षण मिलना चाहिए. लालू प्रसाद यादव के इस हमले का जवाब बीजेपी छक्का जड़कर देती है या बोल्ड होकर ये 4 जून को ही पता चलेगा. पर इतना तय है कि बीजेपी को मन मांगी मुराद मिल गई है. लालू यादव के इस बयान के बाद पीएम ने कांग्रेस और लालू यादव पर जमकर हल्ला बोला है. बीजेपी के पास मौका है कि वो मुस्लिम आरक्षण का भय दिखाकर ओबीसी और एससी-एसटी कैटेगरी को अपने पक्ष में कर सके.
लालू यादव ने मुस्लिम आरक्षण देने की बात कह कर मोदी की बात पर मुहर लगा दी
बिहार में तीसरे चरण की वोटिंग के बीच आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर बयान देकर खेल को दिलचस्प बना दिया है. उन्होंने पूरे मुस्लिम समुदाय को आरक्षण देने की बात कहकर चुनावी माहौल को अपने पक्ष में करने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि 'वोट हमारे तरफ जा रहा है .. बीजेपी वाले डर गए है कि लोगों को सिर्फ भड़का रहे हैं. बीजेपी वाले संविधान को खत्म करना चाहते हैं. जनता समझ गई है बीजेपी को. आरक्षण तो मिलना चाहिए मुसलमानों को पूरा.'
लालू यादव ने आगे कहा, 'बहुत अच्छा वोटिंग हो रही है. हर तरफ बड़ी-बड़ी लाइनें लगी हुई हैं. हमारे पक्ष में सारा वोटिंग हो रहा है. बीजेपी वाले भड़का रहे हैं क्योंकि वो डर गए हैं. आरक्षण का प्रावधान है. वो तो लोकतंत्र और संविधान को खत्म करना चाहते हैं. ये बात जनता समझ चुकी है.'
दरअसल प्रधानमंत्री लगातार यह कह रहे हैं कि धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण का काम विपक्ष करता रहा है.टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए अपने इंटरव्यू में पीएम मोदी ने अपने ऊपर ध्रुवीकरण वाले बयान देने के आरोपों को पूरी तरह गलत बताया था.उन्होंने अखबार से सवाल उठाया कि कांग्रेस ने धर्म के आधार पर आरक्षण देने के लिए कानून बनाकर संविधान का उल्लंघन किया है ये ध्रुवीकरण नहीं है? पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह के जिस 18 साल पुराने भाषण का ज़िक्र किया है, उसमें मनमोहन सिंह ने मुसलमानों को पहला हक़ देने की बात नहीं कही थी. मनमोहन सिंह ने 2006 में कहा था 'अनुसूचित जातियों और जनजातियों को पुनर्जीवित करने की ज़रूरत है. हमें नई योजनाएं लाकर ये सुनिश्चित करना होगा कि अल्पसंख्यकों का और ख़ासकर मुसलमानों का भी उत्थान हो सके, विकास का फायदा मिल सके. इन सभी का संसाधनों पर पहला दावा होना चाहिए.'
अभी तक कांग्रेस इस बात पर सफाई देती रही है कि मुसलमानों के बारे में मनमोहन सिंह ने ऐसा कुछ नहीं कहा था. मतलब साफ है कि कांग्रेस सीधे-सीधे यह कभी स्वीकार नहीं करना चाहती थी कि वो मुस्लिम आरक्षण के समर्थक हैं. इसलिए पीएम मोदी की बातों को उतनी तवज्जो नहीं मिल रही थी. पर अब लालू यादव ने पूरा मुस्लिम आरक्षण की बात करके यह बीजेपी की आशंका को सही साबित कर दिया है. जाहिर है कि बीजेपी अपने वोटर्स को अब यह समझाने में सफल साबित होगी कि विपक्ष पूरी तैयारी में है कि वो मुस्लिम आरक्षण देगी, वह भी पिछड़ों और दलितों का हक मारकर.
लालू यादव ने हिंदुओं के ध्रुवीकरण का बीजेपी को मौका दे दिया
बेंगलुरु में कांग्रेस सरकार ने मुसलमानों को ओबीसी में शामिल कर लिया है.राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग के इस खुलासे के बाद पीएम मोदी लगातार इसे मुद्दा बनाने का प्रयास कर रहे थे. पर विपक्ष विशेषकर कांग्रेस इस मुद्दे पर फूंक-फूंक कर कदम रख रही थी. एक तरफ तो कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में इस तरह की बातें की हैं जिसका अभिप्राय सीधा है कि मुसलमानों को आरक्षण मिलना चाहिए. बीजेपी लगातार कांग्रेस मेनिफेस्टो का उदाहरण दे रही है पर कांग्रेस ने कभी भी इस मुद्दे पर मुंह नहीं खोला. कांग्रेस का जोर जातिगत जनगणना, आरक्षण के 50 प्रतिशत के कैप को बढ़ाना, और संविधान बचाने के मुद्दे पर बात करती रही है. पर अब कांग्रेस की सहयोगी पार्टी आरजेडी के प्रमुख लालू यादव के बयान ने बीजेपी को मौका दे दिया है कि वो हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण के लिए अपने सारे तार खोल दे.
पीएम मोदी के आज के बयान में ही झलक दिख गई है कि लालू यादव के इस बयान को बीजेपी किस तरह कैश कराने वाली है. पीएम मोदी ने आज ही धार में बोलते हुए कहा कि उनके एक नेता जो चारा खाने के कारण जेल में हैं, जो पशुओं का चारा खा गए, अदालत ने उनको सजा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि इन्होंने भ्रष्टाचार किया है. इनको देखो, अभी जमानत पर बाहर हैं. जेल में कैद थे, कैदी हैं, गुनाहगार हैं. आपके गांव में भी कोई जेल काट कर आए तो लोग दूर रहते हैं. ये कांग्रेस वाले इ्तन गिर चुके हैं, इन्हें माथे पर बिठाकर रखा है. इन्होंने हाथ ठोंककर कहा कि मुसलमानों को आरक्षण मिलना चाहिए. आरक्षण ही नहीं पूरा का पूरा का आरक्षण इन्हें मिलना चाहिए. इसका मतलब क्या हुआ, यानी एसी-एसटी-ओबीसी का आरक्षण छीनकर ये लोग पूरा का पूरा आरक्षण मुसलमानों को देना चाहते हैं. आखिर ये लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं, क्योंकि यही वोट बैंक, उसी के सहारे वे अपनी सांस गिन रहे हैं. बाकी तो सब खत्म हो चुका है.
3-कांग्रेस इस मामले पर कुछ भी बोलने से बच रही थी
मध्यप्रदेश के खरगोन में अभी एक दिन पहले ही सोमवार को राहुल गांधी ने खरगोन बड़वानी संसदीय सीट से कांग्रेस प्रत्याशी पोरलाल खरते के समर्थन में अपील कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने बीजेपी और पीएम मोदी पर भी जमकर निशाना साधा. खरगोन पहुंचे राहुल गांधी ने मंच से कहा कि इस चुनाव का मुख्य मुद्दा आरक्षण है और जब मंगलवार को पीएम मोदी यहां आएंगे तो उनसे पूछना कि वो आरक्षण को क्यों खत्म करना चाहते हैं? इधर, आदिवासी समाज को बीजेपी के द्वारा वनवासी कहने पर भी उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई. कहने का मतलब है कि राहुल गांधी लगातार सामाजिक न्याय, जाति जनगणना, आरक्षण बचाओ और संविधान बचाओ की बात करते हैं. पर लालू यादव ने वो कर दिया जिसकी कांग्रेस को उम्मीद नहीं थी. उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव हों या दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप हो किसी ने भी इस तरह की मांग नहीं की थी. या तो अब सभी लालू यादव के बयान से अपनी दूरी बनाएंगे या उनके समर्थन में उतरेंगे. जो भी हो इसमें फायदा सिर्फ बीजेपी का ही होने वाला है.