
लोकसभा चुनाव 2024 आखिरी दौर में पहुंच गया है, और नतीजे का दिन 4 जून भी तेजी से करीब आ रहा है. सातवें चरण के लिए वोटिंग 1 जून को है - और उसी दिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विपक्षी गठबंधन INDIA की मीटिंग बुलाई है.
विपक्षी गठबंधन की बैठक को लेकर और किसी की राय तो सामने नहीं आई है, लेकिन ममता बनर्जी ने मीटिंग में शामिल होने से मना कर दिया है. ममता बनर्जी ने चुनावी व्यस्तता के साथ साथ पश्चिम बंगला में आये तूफान को बैठक से दूर रहने की वजह बताई है. हाल के दिनों में ममता बनर्जी कई बार इंडिया ब्लॉक को लेकर अपना रुख जाहिर कर चुकी हैं - और ऐसा ये तीसरा मौका है.
मीटिंग में समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, डीएमके नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के साथ साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है.
ऐसे भी समझ सकते हैं कि 1 जून को ये मीटिंग बुलाये जाने के पीछे अरविंद केजरीवाल भी हो सकते हैं, क्योंकि अगले ही दिन यानी 2 जून को उनको सरेंडर करना है. फिलहाल 1 जून तक ही वो अंतरिम जमानत पर हैं. वैसे तो अरविंद केजरीवाल ने मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत एक हफ्ते बढ़ाने के लिए अर्जी दी है, लेकिन अदालत ने जल्द सुनवाई करने से इनकार कर दिया है.
बताते हैं कि मल्लिकार्जुन खरगे ने गठबंधन की ये बैठक लोकसभा के सही चरणों के चुनाव के दौरान गठबंधन के प्रदर्शन की समीक्षा करने और भविष्य के लिए रणनीति तैयार करने के लिए बुलाई है.
मार्च, 2023 में बने विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक में करीब दो दर्जन राजनीतिक शामिल हैं, जिसमें से नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और आरएलडी नेता जयंत चौधरी पाला बदल कर एनडीए में पहले ही शामिल हो चुके हैं. ध्यान रहे नीतीश कुमार की ही पहल पर इंडिया गठबंधन का गठन हुआ था, और पहली बैठक पटना में हुई थी. बाद में बेंगलुरू, मुंबई और दिल्ली में भी गठबंधन की बैठकें हो चुकी हैं.
INDIA ब्लॉक की बैठक से दूर रहने की जो वजह ममता बनर्जी ने बताई है, वो वाजिब लगती है, लेकिन सवाल ये है कि क्या मीटिंग बुलाने से पहले मल्लिकार्जुन खरगे ने ममता बनर्जी की सहमति लेने की कोशिश नहीं की? अगर कांग्रेस की तरफ से ऐसा कोई प्रयास नहीं हुआ तो यही माना जाएगा कि ममता बनर्जी के इंडिया ब्लॉक की मीटिंग से दूरी बनाने की वजह कोई और नहीं बल्कि खुद कांग्रेस नेतृत्व ही है.
कहीं ऐसा तो नहीं कि मल्लिकार्जुन खरगे की ही तरह ममता बनर्जी भी आम चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के प्रदर्शन का आकलन और भविष्य की रणनीति अलग से तैयार कर रही हैं?
ममता बनर्जी का लेटेस्ट स्टैंड क्या है?
विपक्षी नेता चाहे जो समझें या जो भी कहें, ऐसा तो एक भी लक्षण नजर नहीं आता जिससे लगे कि ममता बनर्जी भी INDIA में शामिल हैं. पश्चिम बंगाल की सभी सीटों पर तृणमूल कांग्रेस अकेले लड़ रही है. चुनावों में वो बीजेपी की ही तरह लेफ्ट और कांग्रेस को भी बराबर दुश्मन बताती रही हैं.
हां, इंडिया गठंबधन को लेकर हाल फिलहाल दो बातें ममता बनर्जी के मुंह से सुनने को जरूर मिली हैं - लेकिन वे भी सिर्फ सुर्खियां बनाने भर ही लगती हैं. राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान ही ममता बनर्जी ने साफ कर दिया था कि उनको इंडिया गठबंधन से कोई मतलब नहीं है. और ध्यान देने वाली बात रही कि ममता बनर्जी ने नीतीश कुमार के एनडीए में जाने की घोषणा से एक दिन पहले ही अपना स्टैंड साफ कर दिया था.
1. ममता बनर्जी ने कहा है कि वो इंडिया की मीटिंग में शामिल नहीं हो सकतीं क्योंकि, हमारे यहां अब भी अन्य राज्यों की तरह चुनाव होंगे... मैं एक तरफ चक्रवात और रिलीफ सेंटर... और दूसरी तरफ हो रहे चुनाव से निपट रही हूं.
तृणमूल कांग्रेस नेता का सवाल भी सही लगता है, चक्रवात और चुनाव के वक्त ऐसे में मैं कैसे जा सकती हूं?
चुनाव कैंपेन के दौरान ही ममता बनर्जी कहती हैं, मेरी प्राथमिकता लोगों के लिए राहत सुनिश्चित करना है... मैं यहां मीटिंग कर रही हूं, लेकिन मेरी संवेदनाएं प्रभावित लोगों के साथ हैं.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले कहा था कि अगर आइएनडीआइए की सरकार बनती है तो वह बाहर से समर्थन करेंगी। इसके 24 घंटे बाद ही उन्होंने अपने इस बयान से पलटते हुए कहा था कि टीएमसी आइएनडीआइए का हिस्सा है और रहेगी।
2. हाल ही में, एक दिन अचानक ममता बनर्जी ने घोषणा कर दी कि इंडिया गठबंधन के सरकार बनाने की सूरत में उनकी पार्टी बाहर से समर्थन देंगी, लेकिन 24 में ही उन्होंने अपने बयान में सुधार करते हुए नई बात कह दी.
3. विपक्षी गठबंधन को लेकर ममता बनर्जी ने नया बयान दिया कि वो राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन का ही हिस्सा हैं.
व्यावहारिक तौर पर भले ही ये सब सुन कर अजीब लगता हो, लेकिन विपक्षी दलों की तरफ से दिल्ली के रामलीला मैदान में बुलाई गई रैली में टीएमसी नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने भी यही कहा था कि उनकी पार्टी इंडिया गठबंधन का ही हिस्सा है.
ममता बनर्जी के INDIA में होने या न होने से कितना फर्क पड़ता है?
INDIA गठबंधन देखा जाये तो यूपीए का ही नया रूप है. यूपीए यानी वो गठबंधन जो 2004 में एनडीए की हार के बाद अस्तित्व में आया और 10 साल तक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में सरकार चली थी.
कांग्रेस भले ही विपक्षी खेमे की बाय-डिफॉल्ट धुरी बनी हुई हो, लेकिन इंडिया गठबंधन के खड़े होने में कम से कम तीन नेताओं की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका रही - नीतीश कुमार, अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी.
नीतीश कुमार पहले ही अलग हो चुके हैं. ममता बनर्जी हर कुछ दिन पर नया स्टैंड ले लेती हैं - और अरविंद केजरीवाल लगातार नई मुसीबतों से जूझ रहे हैं.
ये भी गठबंधन के चुनावी प्रदर्शन पर ही निर्भर करता है कि वो ममता बनर्जी को भी रोक पाता है या नहीं, और अरविंद केजरीवाल के मामले में भी कोई गारंटी नहीं ले सकता. वो फिर से कब 'जय श्रीराम' बोलने लगें, कौन जानता है?
बैठक में भले ही ममता बनर्जी शामिल न हो रही हों, लेकिन अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं दिया है जिससे लगे कि वो इंडिया गठबंधन से नाता तोड़ रही हैं - और इसी बीच ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन की संभावित सरकार बनने से पहले से ही कुछ शर्तें रख दी हैं.
ममता बनर्जी का कहना है कि अगर विपक्षी दलों की सरकार बनती है तो सबसे पहले CAA-NRC और UCC को रद्द करना होगा. बीजेपी नेता अमित शाह ने कहा है कि मोदी सरकार की तीसरी पारी में यूसीसी लागू कर दिया जाएगा.
कलकत्ता हाई कोर्ट ने हाल में 2010 से जारी किये गये सभी ओबीसी सर्टिफिकेट रद्द कर दिया था. असल में ये सर्टिफिकेट पाने वाले ज्यादातर लाभार्थी मुस्लिम हैं. ममता बनर्जी चुनावी रैलियों में कह रही थीं कि हाई कोर्ट का आदेश उनको कतई स्वीकार नहीं है, और वो फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगी - और अब लगता है सीएए, एनआरसी और यूसीसी जैसे मुद्दे भी वो मुस्लिम वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए ही उछाल रही हैं - ताकि किसी भी तरह मुस्लिम वोट न बंटने पाये.
मीटिंग पर जारी चर्चा के बीच ही एक इंटरव्यू में मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है, नीतीश कुमार हमारा गठबंधन छोड़ने पर बाद में पछताएंगे - ऐसा बोल कर मल्लिकार्जुन खरगे कहीं ममता बनर्जी को भी कोई संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं क्या?