
लोकसभा सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी आजकल अमेरिका में हैं. पीएम मोदी और बीजेपी पर जमकर निशाना साधने में उनपर अकसर भारत विरोधी बयान देने का आरोप लगता रहा है. पर मंगलवार को उन्होंने जिस तरह की बात भारत के सिखों के उत्पीड़न के संबंध में की है उससे तो देश में सिख अधिकारों की बात करने वाले भी नहीं सहमत होंगे. अमेरिका में भारतीय समुदाय के लोगों के साथ बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने एक शख्स से उसका नाम पूछा और कहा कि भारत में इस बात को लेकर लड़ाई है कि एक सिख को पगड़ी और कड़ा पहनने की इजाजत दी जाएगी, उन्होंने सवाल उठाया कि क्या एक सिख गुरुद्वारे जा सकता है? दरअसल भारत में सिखों के बारे में आज तक कभी भी इस तरह की बात किसी ने नहीं की थी. सिखों को देश में कड़ा पहनने या गुरुद्वारे में जाने की इजाजत नहीं है ,शायद ही कोई भारतीय राहुल गांधी के इस बात से सहमत होगा. राहुल गांधी के इस बयान की देश के तमाम सिख नेताओं ने निंदा की है. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा है कि इस बात के लिए पार्टी उन्हें कोर्ट में घसीटेगी.
राहुल गांधी सिखों के बारे में कितना सच बोल रहे हैं इन बातों से आप समझ सकते हैं.
1-देश में सिख कृपाण पहनकर फ्लाइट में भी चढ़ सकते हैं
राहुल गांधी कहते हैं कि सिखों को भारत में पगड़ी पहनने और कड़ा पहनने का भी अधिकार नहीं है. पर उन्हें शायद पता ही नहीं है कि भारत में सिख पगड़ी और कड़ा तो पहनता ही है उसे यह भी अधिकार है कि वह अपना कृपाण पहनकर कहीं भी आ-जा सकता है. राहुल गांधी को यह भी पता नहीं होगा कि देश में कृपाण पहनकर फ्लाइट में जाने की इजाजत भी सिखों को मिली हुई है. सिख अपने कृपाण के साथ किसी भी सरकारी य़ा प्राइवेट दफ्तर में जा सकते हैं. यही नहीं कृपाण पहनकर सिख स्कूल -सिनेमा हाल आदि में भा जा सकते हैं. कृपाण एक घुमावदार खंजर है, जिसे सिख धर्म में शरीर के बगल में पहना जाना है. 4 मार्च 2022 में सरकार ने एक बार फिर आदेश दिया था तकि इस संबंध में किसी को गलतफहमी न रहे. बीसीएएस ने इस आदेश में कहा था कि कृपाण केवल एक सिख यात्री अपने साथ ले जा सकता है, बशर्ते ब्लेड की चौड़ाई छह इंच से अधिक न हो और कुल लंबाई नौ इंच से अधिक न हो. भारत के भीतर भारतीय विमानों में हवाई यात्रा करते समय कृपाण की अनुमति है. यहां यह गौर करने वाली बात है कि सिखों को छोड़कर किसी भी धर्म के व्यक्ति को इस तरह का कोई भी हथियार लेकर जाने की इजाजत नहीं है.
2-स्कूटर-बाइक चलाने वाले सरदार के लिए पगड़ी काफी, जरूरी नहीं हेलमेट
सिख बाइक या स्कूटर चलाते हुए भी पगड़ी धारण कर सकें इसलिए देश भर में उन्हें कानूनी राहत दी गई है. अगर कोई भी सरदार पगड़ी पहने हुए स्कूटर या बाइक चला रहा होता है तो मोटर व्हीकल अधिनियम के तहत उस पर किसी भी तरह का जुर्माना नहीं लगाया जा सकता . इस तरह का अधिकार किसी भी और धर्म के लिए लोगों को नहीं है.अगर कोई हिंदू या मुसलमान पगड़ी पहनकर स्कूटर या बाइक चलाता है तो तुरंत उसका चालान काटा जाता है.
3-देश के सुदूर कस्बों और गांवों में भी पगड़ी पहने सिख और गुरुद्वारे मिल जाएंगे
देश में सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल जानने के लिए आप गुगल करेंगे तो आप आश्चर्य करेंगे. देश में सबसे अधिक लोकप्रिय टूरिस्ट प्लेसेज में से एक पंजाब में स्थित गोल्डेल टेंपल है .यह भी आश्चर्य वाही बात है कि यहां पहुंचने वालों में सबसे अधिक प्रतिशत हिंदुओं का होता है. गुरु के प्रति श्रद्धा केवल सिखों में ही नहीं भारत के दूसरे धर्मों में भी है. देश की राजधानी दिल्ली में सबसे अधिक घूमने वाली जगहों में बंग्ला साहब गुरुद्वारा है. सिखों को मिली धार्मिक स्वतंत्रता ही है कि पूरे देश में गुरुद्वारे मिल जाएंगे. सिख धर्म के सबसे पहले गुरु गुरुनानक देव जी जहां जहां पहुंचे वहां पर गुरुद्वारे बने हुए हैं. महाराष्ट्र में नांदेड़ साहेब , बिहार में पटना साहेब तो है ही दक्षिण में गुरुद्वारा श्री नानक झिर साहिब है जो कर्नाटक के बीदर में है और एक ऐतिहासिक जगह के रूप में जाना जाता है. यहां रोज़ाना लगभग 4 से 5 लाख लोग दर्शन करने आते हैं.केरल . तमिलनाडु और कश्मीर , हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के गुरुद्वारों में भी भारी भीड़ होती है.
4-देश का पीएम और प्रेसिडेंट ,सेनाध्यक्ष, गृहमंत्री और मंत्रियों की लंबी लिस्ट है जो सिख रहे
पगड़ी वाले सरदार हमारे देश में राजनीति, सिनेमा, खेल सभी जगहों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते है. राजनीति में पंजाब के मुख्यमंत्री हो या केंद्रीय मंत्रिमंडल में हर जगह सरदार अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं. उत्तर प्रदेश जहां सिखों की संख्या दशमलव में होगी वहां भी पगड़ी धारी सरदार बलदेव सिंह औलख मंत्री हैं. भारत के मेन स्ट्रीम सिनेमा भी पगड़ीधारी सरदार दलजीत दोसाझ और एमी विर्क जैसे कलाकार बहुत लोकप्रिय हैं. क्रिकेट टीम में भी अर्शदीप सिंह के रूप में पगड़ी वाले सरदार के रूप अपनी उपस्थिति दर्ज कराए हुए है.देश की सेना में सिख रेजिमेंट भी है. और कई सेनाध्यक्ष सिख रह चुके हैं. देश का पीएम और प्रेसिडेंट भी सिख रह चुके हैं. राहुल गांधी के ताजा बयान का जबर्दस्त जवाब तो केंद्रीय मंत्री हरदीपसिंह पुरी ने ही दिया, जो खुद सिख हैं.
5-मोदी खुद पहनते रहे हैं पगड़ी और जाते रहे हैं गुरुद्वारा
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार गुरुद्वारों में जाते रहे हैं. और हर बार उन्होंने पगड़ी भी धारण की है. पीएम मोदी के मंत्रिमंडल में भी पगड़ीधारी कम से कम 2 सरदार हैं. हरदीप सिंह पुरी और रवनीत सिंह बिट्टू भी सरदार है और पगड़ीधारी सिख हैं.
विदेशी नागरिकता पाने के लिए ऐसे झूठ पहले से गढ़े जाते रहे हैं
दूसरे देशों की नागरिकता पाने के लिए कुछ सिख युवा काफी अरसे से धार्मिक उत्पीड़न का पैंतरा अपनाते रहे हैं. संगरूर से सांसद बने सिमरनजीत सिंह मान एक इंटरव्यू में कह चुके हैं कि उन्होंने कई सिखों को पैसे लेकर ऐसे पत्र दिये हैं, जिनमें उनके साथ धार्मिक आधार पर हुए उत्पीड़न का झूठा हवाला दिया गया है. खैर, सिख अलगाववादियों का यह पुराना प्रोपोगेंडा रहा है, जिसमें वे भारत में सिखों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार की बात करते हैं. लेकिन, अब जबकि राहुल गांधी ने भी वही बातें दोहराई हैं, तो मामला गंभीर हो जाता है. राहुल लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं. और यदि वे यह कहते हैं कि भारत में लड़ाई इस बात की है कि क्या सिख पगड़ी पहन पाएंगे, कड़ा पहन पाएंगे, गुरुद्वारे जा पाएंगे. तो यह मामला हास्यास्पद नहीं, चिंताजनक हो जाता है. यह अलगाववाद से भी ज्यादा गंभीर है.