Advertisement

रणवीर सिंह: 'हंगामा है क्यों बरपा, डाका तो नहीं डाला... चोरी तो नहीं की है'  

रणवीर सिंह ने हाल ही में एक मैगज़ीन के लिए फोटोशूट कराया था, जिसने सभी मुद्दों को पछाड़ते हुए एक्टर को 'टॉक ऑफ़ द टाउन' बना दिया है. तो वहीं दूसरी ओर 'महिलाओं की भावनाएं आहत' जैसा हवाला देकर रणवीर पर मुंबई में केस भी दर्ज करवा दिया गया है. इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यही है कि जेंडर इक्वैलिटी की बात करने वाले लोग एक मेल एक्टर की न्यूड तस्वीरों से आहत कैसे हो गए, जबकि फीमेल एक्टर की ऐसी तस्वीरों पर आपत्ति जैसा कभी कुछ नजर नहीं आता. बल्कि उनकी वो तस्वीरें टॉप सर्च में शामिल हो जाती हैं.

रणवीर सिंह के हाल ही में हुए एक फोटोशूट को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है. रणवीर सिंह के हाल ही में हुए एक फोटोशूट को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है.
Akashdeep Shukla
  • नई दिल्ली,
  • 27 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 12:26 PM IST

अपनी लीला, अपनी मस्तानी अपनी रानी से शादी कर ली... सच में हीरो बन गया मैं तो यार! एक अवॉर्ड शो के दौरान स्टेज से अपने प्यार का इज़हार करते हुए रणवीर सिंह जब यह कहते हैं कि दीपिका मेरे घर की लक्ष्मी हैं, मेरी रानी हैं... तो उस दौर में रणवीर, महिलाओं के लिए एक आइडियल हसबैंड, एक आइडियल बॉयफ्रेंड और एक आइडियल दोस्त के रूप में नज़र आते हैं. सोशल मीडिया पर चारों तरफ 'रणवीर इज़ बेस्ट' छा जाता है.

फिल्मों में शर्टलेस रणवीर, लड़कियों का क्रश बन जाते हैं... अतरंगी कपड़ों को पहन रणवीर स्टाइल आइकॉन बन जाते हैं, लेकिन वो ही रणवीर जब एक ऐसा फोटोशूट करवाते हैं, जो कि किसी भी सूरत में पहली बार जैसा नहीं है, तो महिलाओं की भावना आहत कर बैठते हैं. एक 'आइडियल' एक्टर तुरंत भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहा होता है.

Advertisement

सोशल मीडिया पर तमाम समर्थन और विरोध के बीच तैरती रणवीर सिंह की कुछ न्यूड तस्वीरें इन दिनों चर्चा का विषय हैं. लेकिन बात सिर्फ इतनी ही नहीं है, इन तस्वीरों की वजह से रणवीर पर महिलाओं की भावनाएं आहत करने और गरिमा को नुकसान पहुंचाने का आरोप है. कानूनी शब्दों में बात करें तो इस मामले में रणवीर पर इंडियन पीनल कोड यानी कि IPC की धारा 292, 293, 509 और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) एक्ट की धारा 67(A) के तहत केस दर्ज किया गया है. इसमें एक धारा 67 (A) एक गैर जमानती धारा है.

रणवीर पर जिन धाराओं में मामला दर्ज किया गया है, उनके मुताबिक रणवीर सिंह को सात साल तक की जेल भी हो सकती है. और यह सब क्यों? क्योंकि उन्होंने हाल ही में एक न्यूड फोटोशूट कराया है. लेकिन यह पहली बार नहीं है जब कैमरे के आगे किसी एक्टर ने कपड़े उतारे हैं. फीमेल एक्टर्स की ऐसी तस्वीरों से सभी वाकिफ़ हैं, लेकिन मेल एक्टर्स की बात करें तो 90 के दशक में भी ऐसा हो चुका है, जब जैकी श्रॉफ, चंकी पांडे, आदित्य पंचोली, शक्ति कपूर जैसे स्टार कैमरे के आगे कपड़े उतार चुके हैं. ये वो दौर था जब कपड़ों की लंबाई, अच्छी या बुरी फिल्म का मानक तय कर रही थी. 

Advertisement

उस दौर में आदित्य पंचोली ने सिने ब्लिट्ज मैगजीन के लिए एक न्यूड लुक दिया था. पूरे बदन पर सिर्फ़ कलाई पर एक घड़ी पहने आदित्य पंचोली उस दौरान सेंसेशन मचा चुके थे. हर किसी की जुबान पर आदित्य की हिम्मत की बात कही जा रही थी. समय आगे बढ़ता है, और इस तरह के फोटोशूट का दौर भी साथ साथ चलता है. मिलिंद सोमन, अस्मित पटेल, सुशांत सिंह राजपूत, जॉन अब्राहम, नील नितिन मुकेश, शरमन जोशी, राजकुमार राव और आमिर खान जैसे तमाम ऐसे एक्टर हुए जिन्होंने कैमरे के न्यूड लुक दिया और 'यू आर लुकिंग सो हॉट'... 'यू आर सो ब्रेव' जैसे कमेंट भी हासिल किये.  

हो सकता है कि मेल एक्टर को इस तरह से देखना आश्चर्यचकित करता हो, लेकिन इस बात से भी नहीं नकारा जा सकता है कि लोग फीमेल एक्टर को इसी लुक में ज़ियादा देखना चाहते हैं, यह बात मैं नहीं कह रहा, बल्कि डिजिटल वर्ल्ड में वो आंकड़े कहते हैं जो यह बताते हैं कि लोग सबसे ज़ियादा क्या सर्च कर रहे हैं. उर्फी जावेद का हाल ही में मोस्ट सर्च्ड एशियन की लिस्ट में शामिल होना, या फिर सनी लियोनी या पूनम पांडे के सोशल मीडिया एकाउंट्स पर किसी ज्ञानवर्धक अकाउंट से ज़ियादा फॉलोअर होना भी अपने आप में ज़ाहिर करता है कि लोगों का इन्ट्रेस्ट आखिर कहां है. ऐसे में जब कोई यह कहता है कि रणवीर की तस्वीरों से महिलाओं या पुरुष किसी की भी भावनाएं आहत हुई हैं तो, यह अपने आप में काफी अजीब सा है. लाइक सीरियसली? 

Advertisement

मुंबई के चेंबूर में ललित टेकचंदानी द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के बाद सोशल मीडिया पर लोग दो धड़े में बंटते दिखाई दिए. एक वो जो रणवीर का समर्थन कर रहे हैं और दूसरी तरफ कुछ और लोग जिन्हें इन तस्वीरों से आपत्ति है. हालांकि कैमरे के आगे कपड़े उतारकर गालियां खाने वाले एक्टर्स की कमी नहीं है. 'सांवरिया' में रणवीर कपूर तो 'दोस्ताना' में जॉन अब्राहम तक सभी को ट्रोल्स ने जमकर घेरा, लेकिन नतीजा कुछ नहीं. 

इन सभी के बीच अगर रणवीर की बात करें तो, वो अक्सर ऐसा कहते मिल जाएंगे कि उन्हें किसी से कोई फर्क नहीं पड़ता. उनके बारे में जिसे जो कहना है कहता रहे, वो बस अपना मनपसंद कपड़ा पहनना चाहते हैं, मनपसंद खाना खाना चाहते हैं और जी भर कर ज़िंदगी जीना चाहते हैं. 

जेंडर इक्वैलिटी की बात करने वाले लोग, अचानक एक पुरुष की न्यूड तस्वीर से आहत हो जाते हैं, लेकिन महिलाओं को अपनी बॉडी फ्लॉन्ट करता देख उनके मानक बदल जाते हैं. ऐसे में एक शब्द है 'हिपोक्रेसी' जो यहां एकदम सटीक बैठता है. ठहर कर समझें तो 'न्यूड' एक नॉर्मल कंडीशन है, कपड़े नहीं बल्कि कपड़े पहनकर हम अलग-अलग हो जाते हैं. लेकिन उनके बिना हम सब एक जैसे हैं. जिसे हम शायद अक्सर चर्चा और विचार के विषय से दूर रखते हैं. तो वहीं अपने आसपास की न्यूडिटी को भी हम नजर अंदाज़ कर देते हैं. फिर चाहे वो कुश्ती का दंगल देखना हो या फिर गांव के किसी नल या नहर पर बिना कपड़ों के मौजूद लड़कों को देखना.

Advertisement

बहरहाल, समय और समाज दोनों ही आगे बढ़ रहे हैं. रणवीर की तस्वीरों को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच खबर आ रही है कि उन्हें 'ब्रांड एंडोर्सर ऑफ द ईयर' का अवॉर्ड मिला है. सोशल मीडिया पर एक तरफ जब लोग उनकी तस्वीरों पर उन्हें लानते भेज रहे हैं, उस वक़्त रणवीर सफलता की सीढ़ी चढ़ रहे हैं. रणवीर एक वर्सेटाइल एक्टर हैं, एक जानदार शख्स भी, वो कहते हैं कि मैं तो एक हजार लोगों के सामने भी न्यूड हो सकता हूं, लेकिन वो सभी असहज हो जाएंगे.

रणवीर, हर टैबू से आगे निकल रहे हैं. हर लकीर के सामने एक बड़ी लकीर खींच रहे हैं, कई बार तो ख़ुद के बनाई लकीर को भी वो अपनी अगली लकीर से छोटा कर रहे हैं. लेकिन हमारी भावनाएं इतनी कमज़ोर हैं कि बात बात पर आहत हो जाती हैं. फिर चाहे वो कोई भी मामला हो. आहत होना आम सा होता जा रहा है. 

किसी के जीवन पर उसका ख़ुद का अधिकार, प्राथमिकता होनी चाहिए. हम किसी का भी जीवन नियंत्रित नहीं कर सकते हैं. और ना ही करना चाहिए. हालांकि एक सच यह भी है कि इन बातों को हम तब ही तक करते हैं जब बात ख़ुद की हो... ऐसे में रणवीर की तस्वीर को लेकर मामला कहां तक जाएगा इस पर कुछ भी साफ़ नहीं कहा जा सकता है, लेकिन यह ज़रूर कहा जा सकता है कि रणवीर सिंह एक आइडियल हसबैंड हैं... एक आइडियल दोस्त और ज़िंदगी खुलकर जीने में एक आइडियल पर्सन भी हैं. ज़िंदगी को शत-प्रतिशत कैसे जीया जाना चाहिए, यह उनसे सीखा जा सकता है. 

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement