
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने सोशल साइट X पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी नजर आ रहे हैं. वीडियो के साथ संजय सिंह ने लिखा भी है, 'संसद में INDIA गठबंधन ने किया जोरदार प्रदर्शन... मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रिहाई की मांग की... ED-CBI का दुरुपयोग बंद होना चाहिये... विपक्षी नेताओं को जेल में डालना बंद करो.'
संसद में भले ही आम आदमी पार्टी और कांग्रेस एक दूसरे के साथ नजर आ रहे हों, लेकिन दिल्ली स्थिति बदल चुकी है. ये बदलाव भी सिर्फ चुनावी गठबंधन टूटने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कांग्रेस पहले की तरह अरविंद केजरीवाल सरकार के खिलाफ आक्रामक हो गई है - और भ्रष्टाचार का मुद्दा वैसे उठाया जा रहा है, जैसा लोकसभा चुनाव के दौरान पंजाब में देखने को मिला था. करीब 6 महीने बाद दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं, और कांग्रेस अभी से आम आदमी पार्टी के खिलाफ आवाज उठा रही है, ऐसा लगता है जैसे कांग्रेस AAP सरकार को हर मोर्चे पर एक्सपोज करना चाह रही हो.
राज्यसभा सांसद संजय सिंह का कहना है कि दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव पार्टी नेतृत्व के खिलाफ जा रहे हैं, जिस पर उन्हें जवाब देना चाहिये. असल में, संजय सिंह दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव के बयानों से बेहद खफा हैं, जिसमें वो दिल्ली सरकार को बार बार टारगेट कर रहे हैं.
देवेंद्र यादव कई बार कह चुके हैं कि आम आदमी पार्टी को दिल्ली के लोगों की समस्याओं की बिलकुल भी फिक्र नहीं है, वो तो सिर्फ अपने अंदरूनी समस्याओं में ही उलझी हुई है, और अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर लोगों की सहानुभूति हासिल करने में जुटी हुई है.
संजय सिंह को ये बातें बहुत बुरी लग रही हैं, लेकिन कांग्रेस को ये मौका तो आम आदमी पार्टी ने ही दिया है - आखिर दिल्ली विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने की बात किसने शुरू की थी?
AAP-कांग्रेस तकरार के लिए जिम्मेदार कौन?
AAP नेता संजय सिंह ये समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि जब राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे जैसे नेता अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के साथ हैं, तो दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव अलग पॉलिटिकल लाइन क्यों ले रहे हैं. एक प्रेस कांफ्रेंस में संजय सिंह जांच एजेंसियों के दुरूपयोग और अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी को इंडिया गठबंधन का साथ मिलने की दुहाई देते हैं. वो ये भी याद दिलाते हैं कि इस मुद्दे पर हुई मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी शामिल हुए थे - लेकिन दिल्ली कांग्रेस के नेताओं को इस बात की परवाह नहीं है.
और जब दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के नेता, संजय सिंह कहते हैं, अलग पार्टीलाइन लेते हैं तो कांग्रेस नेतृत्व को तो जवाब देना ही चाहिये. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी तो संसद परिसर में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल होते हैं, लेकिन संजय सिंह के सवाल पर दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव भी सवाल खड़े कर रहे हैं.
देवेंद्र यादव याद दिलाते हैं कि कैसे लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आने के दूसरे ही दिन आम आदमी पार्टी ने ही कांग्रेस से अलग होने की घोषणा कर दी थी. वो इस सिलसिले में दिल्ली सरकार के मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज का नाम लेते हैं. वैसे दिल्ली के ही एक और मंत्री गोपाल राय ने भी कहा था कि दिल्ली विधानसभा का चुनाव आम आदमी पार्टी अकेले लड़ेगी.
और उसके बाद से देवेंद्र यादव दिल्ली में भी पंजाब जैसी कामयाबी हासिल करने में जुट गये हैं. बल्कि, विधानसभा चुनाव के लिए पंजाब के सांसदों सहित बूथ लेवल कार्यकर्ताओं की भी हर महीने 10-10 दिन की ड्यूटी लगाने जा रहे हैं, जो जुलाई से ही शुरू हो रहा है.
और इस दौरान कांग्रेस नेता आम आदमी पार्टी, अरविंद केजरीवाल, दिल्ली सरकार और एमसीडी पर एक साथ मिलकर जोरदार प्रहार की तैयारी में हैं. देवेंद्र यादव का कहना है, हमारे नेता राहुल गांधी की हिम्मत है कि वो बीजेपी की तानाशाह सरकार और भ्रष्टाचार के खिलाफ पिछले 10 साल से लगातार लोकतंत्र और संविधान को बचाने की लड़ाई सड़क से संसद से लड़ रहे हैं... अरविंद केजरीवाल सरकार के मंत्री कांग्रेस को गठबंधन पर सीख देने के बजाय जल संकट और जल भराव जैसी विकराल विपदाओं से दिल्लीवालों को राहत दिलाने में अपनी जिम्मेदारी निभाएं.
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष का आरोप है कि कि जल जमाव से तहस नहस हुई दिल्ली का मुख्य कारण भ्रष्टाचार है, और इसके लिए वो दिल्ली सरकार और डीडीए के साथ साथ दिल्ली नगर निगम को भी घेर रहे हैं.
क्या ये AAP का डबल स्टैंडर्ड नहीं है?
अब तक तो यही देखने को मिला है कि कांग्रेस नेता हमेशा ही दिल्ली में आम आदमी पार्टी से किसी तरह के रिश्ते के खिलाफ रहे हैं, और गांधी परिवार की सोच भी करीब करीब ऐसी ही देखी गई है. यहां तक कि भारत जोड़ो यात्रा जिसे कांग्रेस अपने हिस्से की एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखती है, उसके समापन समारोह में भी अरविंद केजरीवाल को नहीं बुलाया गया था. पहले की विपक्षी दलों की बैठकों में भी कांग्रेस नेतृत्व अरविंद केजरीवाल को नजदीक नहीं आने देता रहा, जबकि ममता बनर्जी सबको एक साथ लेकर चलने की मांग किया करती थीं. तब सबको से ममता बनर्जी का आशय अरविंद केजरीवाल से ही हुआ करता था.
हाल ही के लोकसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की पार्टी के साथ गठबंधन के विरोध में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने इस्तीफा दे दिया था, और पार्टी भी छोड़ दी थी. लवली फिर से बीजेपी में चले गये हैं. 2019 में भी कांग्रेस की कमान संभाल रहीं शीला दीक्षित भी आखिर तक डटी रहीं, और आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस का गठबंधन नहीं ही हो सका था.
लोकसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ दिल्ली सहित कई राज्यों में गठबंधन तो किया, लेकिन पंजाब में नहीं. पंजाब में कांग्रेस ने आप से लड़ कर 7 लोकसभा सीटें जीत ली, जबकि मुख्यमंत्री भगवंत मान अपनी पार्टी को 3 ही सीटें दिला सके - और दिल्ली में भी गठबंधन तोड़ने की बात पहले आम आदमी पार्टी की तरफ से हुई है, कांग्रेस नेता तो सिर्फ रिएक्ट कर रहे हैं.
बावजूद इन सबके कांग्रेस नेता राहुल गांधी संसद परिसर में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होते हैं, और लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव में लोकसभा में इंडिया गठबंधन के नेता की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर हमला बोलते हैं.
और संजय सिंह हैं कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से दिल्ली कांग्रेस के नेताओं के हमलावर रुख पर जवाब चाहते हैं - आखिर AAP की तरफ से ये डबल स्टैंडर्ड क्यों है?