
'दिल पे मत ले यार' (2000), 'ये क्या हो रहा है' (2002), 'वुडस्टॉक विला' (2008), 'अलीगढ़' (2015) और 'सिमरन' (2017) जैसी फिल्मों का निर्देशन करने वाले हंसल मेहता को सही मायने में पहचान ओटीटी से मिली है. साल 2020 में उनकी वेब सीरीज 'स्कैम 1992' सोनी लिव पर रिलीज हुई थी, जिसने ओटीटी की दुनिया में तहलका मचा दिया. शेयर मार्केट से जुड़े इस आर्थिक अपराध कथा को इतने रोचक अंदाज में परोसा गया कि मानो सबकुछ आंखों के सामने हो रहा हो. इस सीरीज ने हर्षद मेहता का किरदार करने वाले लीड एक्टर प्रतीक गांधी को रातों-रात सुपरस्टार बना दिया. अब एक बार फिर हंसल मेहता घोटाले की एक नई कहानी लेकर हाजिर हैं.
तुषार हीरानंदानी के निर्देशन में बनी हंसल मेहता की नई वेब सीरीज का नाम 'स्कैम 2003: द तेलगी स्टोरी' है, जो कि बहुचर्चित स्टांप घोटाले के सरगना अब्दुल करीम तेलगी की जिंदगी पर आधारित है. इसमें गगन देव रियार, सना अमीन शेख, मुकेश तिवारी, तलत अजीज, भरत जाधव और शाद रंधावा जैसे कलाकार अहम भूमिकाओं में हैं. गगन देव रियार ने अब्दुल करीम तेलगी का किरदार निभाया है. अपनी अद्भुत अदाकारी से गगन ने तेलगी के किरदार को जीवंत कर दिया है. उन्हें देखकर ऐसा लगता है कि मानो वो इस किरदार के लिए ही बने हुए हैं. इतना सहज अभिनय विरले ही देखने को मिलता है. अन्य कलाकारों ने भी क्षमतानुसार शानदार काम किया है.
बेहतरीन निर्देशन, शानदार अभिनय, बेजोड़ स्टारकास्ट, मजेदार संवाद और रोचक कहानी को इस वेब सीरीज की यूएसपी कह सकते हैं. इसकी कहानी पत्रकार संजय सिंह की लिखी किताब 'तेलगी स्कैम: रिपोर्टर की डायरी' पर आधारित है, जिसमें 30 हजार करोड़ के घोटाले पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है. संजय सिंह सीरीज के लेखन टीम में भी शामिल हैं. उनके साथ करण व्यास और किरण यज्ञोपवीत ने पटकथा और संवाद पर काम किया है. सीरीज के लिए कलाकारों का चयन मुकेश छाबड़ा ने किया है. सही मायने में कहें तो यदि किरदारों के अनुसार कलाकारों को चयन न हो तो अच्छी से अच्छी कहानी बेकार हो जाती है, लेकिन यहां मुकेश का काम काबिले तारीफ है.
इन चार वजहों से 'स्कैम 2003: द तेलगी स्टोरी' एक मस्ट वॉच वेब सीरीज है...
1- एक गुमनाम कलाकार का अद्भुत अभिनय प्रदर्शन
'स्कैम 2003' स्टांप घोटाले के सरगना अब्दुल करीम तेलगी की जिंदगी पर आधारित है. तेलगी का किरदार गगन देव रियार ने निभाया है. इस सीरीज से पहले शायद ही कोई गगन के बारे में जानता हो. हालांकि, वो लंबे समय से थियेटर की दुनिया में सक्रिय हैं. पहले 'नॉट फिट' (2015) और 'सोन चिरैया' (2019) में देखे जा चुके हैं, लेकिन किसी ने नोटिस नहीं किया था. इस बार तेलगी के किरदार में उन्होंने कमाल का अभिनय किया है. उनकी बॉडी लैंग्वेज, डायलॉग डिलिवरी, वेशभूषा, सबकुछ किरदार के इतने अनुरूप है कि ऐसा लगता कि तेलगी साक्षात हमारे सामने है. यहां गगन के किरदार और उनके अभिनय को समझने के लिए उनकी तुलना सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म 'एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी' से की जा सकती है. इस फिल्म में सुशांत ने जिस तरह से महेंद्र सिंह धोनी के किरदार को जिया था, उसी तरह गगन ने तेलगी के किरदार को जिया है.
2- हंसल मेहता प्रस्तुत रोचक आर्थिक अपराध कथा
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में क्राइम एक अहम जॉनर माना जाता है. इस कैटेगरी में बड़ी संख्या में फिल्मों और वेब सीरीज का निर्माण होता आया है. अंडरवर्ल्ड से लेकर मर्डर मिस्ट्री तक से जुड़ी अनेक कहानियों पर बनी फिल्मों को लोगों ने बहुत पसंद किया है. लेकिन फाइनेंसियल फ्रॉड यानी आर्थिक अपराध से जुड़ी कहानियों पर बहुत ज्यादा काम नहीं हो सका है. हंसल मेहता ने इन्हीं कहानियों पर खुद को केंद्रित करना शुरू कर दिया है. पहले स्टॉक मार्केट के बेताज बादशाह हर्षद मेहता के घोटाले की कहानी 'स्कैम 1992' के जरिए पेश करने के बाद अब वो अब्दुल करीम तेलगी के घोटाले की कहानी लेकर आए हैं. एक जटिल विषय को उन्होंने बहुत ही सहजता और रोचक अंदाज में पेश किया है. ट्रेन में फल बेचने वाला एक साधारण इंसान कैसे भ्रष्ट व्यवस्था का फायदा उठाते हुए सरकार तक को चूना लगाने लगता है, इसे समझना हो तो हंसल मेहता की इस वेब सीरीज को जरूर देखना चाहिए.
3- तुषार हीरानंदानी का बेहतरीन निर्देशन
तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर की फिल्म 'सांड की आंख' से डायरेक्टोरियल डेब्यू करने वाले तुषार हीरानंदानी मूल रूप से लेखक हैं. उन्होंने 'डबल धमाल', 'ग्रैंड मस्ती', 'द विलन', 'ग्रेड ग्रैंड मस्ती' और 'ढिशूम' जैसी कई फिल्मों की कहानी लिखी है. 'स्कैम 2003: द तेलगी स्टोरी' बतौर निर्देशक उनकी पहली वेब सीरीज होने के बावजूद उन्होंने शानदार काम किया है. इस सीरीज की एक मजबूत कड़ी उनका सशक्त निर्देशन भी है. किसी फिल्म या सीरीज की कहानी और किरदारों के अनुरूप कलाकारों से अभिनय कराने का दारोमदार निर्देशक पर ही होता है, इसमें वो खरे उतरे हैं. इतना ही नहीं दो-तीन दशक पहले की मुंबई को दिखाने का काम भी उन्होंने शानदार किया है. इसमें तकनीकी विभाग से भी उनको पूरा सहयोग मिला है. उनके निर्देशन में हंसल मेहता की पूरी झलकी दिखती है. वरना किरदारों के मनोभावों को कैमरे के पीछे से पकड़ना इतना आसान नहीं होता है.
4- 30 हजार करोड़ के स्टांप घोटाले की कहानी
अब्दुल करीम तेलगी के जिंदगी की दास्तान बहुत दिलचस्प है. उसने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे. उससे कई सीख और सबक मिलते हैं. यही वजह है कि उसकी जिंदगी पर आधारित वेब सीरीज 'स्कैम 2003: द तेलगी स्टोरी' इतनी रोचक बन पड़ी है. तेलगी कर्नाटक के एक छोटे से शहर का रहने वाला था. बचपन में पिता की मौत के बाद ट्रेन में फल बेंचकर परिवार का पेट पाल रहा था. उसी दौरान उसकी मुलाकात मुंबई के एक व्यापारी से हो गई. उसने उसकी जिंदगी बदल दी. वो पहले मुंबई गया, फिर दुबई, उसके बाद वापस लौटकर उसने जो किया, वो जरायम की दुनिया में एक अनोखा इतिहास बन गया. नकली स्टांप पेपर के जरिए उसने करोड़ों-अरबों रुपए बनाए. उसने एक ऐसा नेटवर्क खड़ा किया, जिसमें सरकारी कर्मचारी से लेकर बड़े-बड़े नेता तक शामिल थे. उसके काले करतूतों का जब पर्दाफाश हुआ तो उसके साथ कोई नहीं था. उसका अंत भी बहुत बुरा हुआ.
एक बिंज वॉच सीरीज, जिसे जरूर देखना चाहिए
'स्कैम 2003: द तेलगी स्टोरी' 10 एपिसोड की वेब सीरीज है, जिसके 5 एपिसोड सोनी लिव पर स्ट्रीम किए जा चुके हैं. आखिरी एपिसोड में दिखाया गया है कि कैसे तेलगी एक बार डांसर के प्यार में पड़कर एक ही रात में उसके ऊपर 90 लाख रुपए उड़ा देता है. ये खबर अगले दिन जब सुर्खियों में आती है, तो उसके पार्टनर भूखे भेड़ियों की तरह उसके पीछे लग जाते हैं. उसे फंसाने की कोशिश की जाती है. इसके बाद अपनी सूझबूझ से तेलगी एक योजना बनाता है. लेकिन क्या वो उसमें कामयाब हो पाएगा? इसे जानने के लिए अगले पांच एपिसोड का इंतजार करना होगा. यहां एक बात पक्के तौर पर कही जा सकती है कि 'स्कैम 2003' एक बिंज वॉच सीरीज है. इसे देखा जाना चाहिए.