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स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान हिंदू धर्म से ज्‍यादा सपा के लिए नुकसानदेह

स्वामी प्रसाद मौर्य चाहें तो दलील दे सकते हैं कि हिंदू धर्म पर हमला बोल कर वो दलितों और पिछड़ों का ही सवाल उठा रहे हैं, लेकिन ब्राह्मणवाद के विरोध का जो तरीका वो अपना रहे हैं, समाजवादी पार्टी का बड़ा नुकसान हो सकता है.

स्वामी प्रसाद मौर्य ने तो फंसाने का प्लान बना लिया है, अखिलेश यादव के मन में क्या चल रहा है? स्वामी प्रसाद मौर्य ने तो फंसाने का प्लान बना लिया है, अखिलेश यादव के मन में क्या चल रहा है?
मृगांक शेखर
  • नई दिल्ली,
  • 29 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 7:44 PM IST

हिंदू धर्म को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से उत्तर प्रदेश की राजनीति में बवाल मच गया है. बीजेपी नेता तो हमलावर हैं ही, समाजवादी पार्टी के भीतर से भी विरोध की आवाज तेज होती जा रही है - लेकिन उनके नेता अखिलेश यादव इस मुद्दे पर बिलकुल खामोश हैं.

घोसी उपचुनाव से पहले विवाद से बचने के लिए समाजवादी पार्टी ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से पल्ला जरूर झाड़ लिया है, लेकिन मामला इतना तूल पकड़ चुका है कि थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. घोसी उपचुनाव की अहमियत इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि विपक्षी गठबंधन INDIA बनने के बाद यूपी में ये पहला चुनाव है - जो INDIA बनाम NDA के तौर पर लिया जा रहा है.   

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सवाल तो ये भी है कि स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान घोसी उपचुनाव के आसपास ही क्यों आया है? 
क्या स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को अखिलेश यादव की मौन सहमति भी मिली हुई है? या फिर स्वामी प्रसाद मौर्य कोई दूर की कौड़ी खेल रहे हैं?

स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का कोई खास मकसद है क्या 

स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिंदू धर्म को धोखा बताया है. यहां तक कह डाला है कि इस नाम का कोई धर्म है ही नहीं, बल्कि ये सिर्फ एक साजिश है. 

समाजवादी पार्टी नेता मौर्य का कहना है, ‘ब्राह्मणवाद की जड़ें बहुत गहरी हैं... और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है... हिंदू धर्म नाम का कोई धर्म है ही नहीं... हिंदू धर्म केवल धोखा है.’

अपनी बात समझाते हुए स्वामी प्रसाद कहते हैं, सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कह कर इस देश के आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फंसाने की इनकी एक साजिश है.

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समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी का दावा है कि उनकी पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है. कहते हैं, हम धर्मनिरपेक्षता को मानने वाले लोग हैं.

स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर राजेंद्र चौधरी कह रहे हैं, ये उनकी व्यक्तिगत राय है… पार्टी से इसका कोई लेना-देना नहीं है.

लेकिन राजेंद्र चौधरी की बातें रस्मअदायगी भर लगती हैं, क्योंकि समाजवादी पार्टी नेता आईपी सिंह को मौर्य का बयान हजम नहीं हो रहा है. 

आईपी सिंह पूछ रहे हैं, ‘आपने पांच साल बीजेपी में रहते हुए ये मुद्दे क्यों नहीं उठाए.’

अपनी तरफ से स्वामी प्रसाद मौर्य भी चाहें तो कह सकते हैं कि हिंदू धर्म को लेकर भी वो तो दलितों और पिछड़ों का ही सवाल उठा रहे हैं. ये ठीक है कि स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी में भी रहे हैं, लेकिन लंबी पारी तो उनकी दलित राजनीति करने वाली बीएसपी में ही गुजरी है, लेकिन ये तो नहीं ही भूलना चाहिये कि बीएसपी नेता मायावती भी अब ब्राह्मणवाद का विरोध नहीं करतीं.

स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान में ब्राह्मणवाद का विरोध गूंज रहा है, लेकिन हिंदू धर्म के सीधे सीधे और आक्रामक विरोध के चलते दलितों और पिछड़ों के हितों का मुद्दा बहुत पीछे छूट जा रहा है.
मौर्य के स्टैंड से इतर समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव का पूरा जोर अब भी जातिवाद पर ही नजर आता है. मौरे की नजाकत को देखते हुए अखिलेश यादव भी जातीय जनगणना की बात करने लगे हैं. आपको ध्यान होगा मध्य प्रदेश में कमलनाथ भी कांग्रेस की सरकार बनने पर जातीय जनगणना कराने का वादा कर रहे हैं.

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अखिलेश यादव तो जातिवाद से आगे बढ़ने को तैयार नहीं

थोड़ा पीछे चल कर देखें तो हिंदू धर्म को लेकर समाजवादी पार्टी का पुराना स्टैंड वैसा ही लगता है, जैसा समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव का हुआ करता था. तभी तो बीजेपी नेता उनको ‘मुल्ला मुलायम’ कह कर बुलाने लगे थे - और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो मुलायम सिंह यादव को अखिलेश यादव के ‘अब्बाजान’ तक बता चुके हैं.

लेकिन अखिलेश यादव को भी ये बात समझ आ चुकी है कि हिंदू वोटर के खिलाफ जाकर वो जातिवाद की राजनीति भी नहीं कर सकते. वैसे भी अगर मुलायम सिंह यादव पिछड़ों के नेता थे तो अखिलेश यादव सिर्फ यादवों के नेता बन कर रह गये हैं. 

घोसी के चुनाव मैदान से जातीय जनगणना की मांग कर अखिलेश यादव ने अपनी तरफ से दांव जरूर खेला है. घोसी में अखिलेश यादव ने कहा, ‘जब तक जातीय जनगणना नहीं होगी तब तक हम सबका साथ सबका विकास नहीं कर पाएंगे... ये जो लोग सबका साथ की बात कर रहे हैं, वो सबके बीच में गैरबराबरी नहीं खत्म करना चाहते, और जब तक गैरबराबरी नहीं खत्म होगी... जब तक जातीय जनगणना नहीं होगी तब तक हम समाज में बराबरी कैसे लाएंगे.’

हिंदुत्व की राजनीति को लेकर अखिलेश यादव काफी सजग हैं, लेकिन वो भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरह ही ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ की राजनीति करने की कोशिश करते हैं. सॉफ्ट हिंदुत्व की राजनीति में कांग्रेस को कैसे मुंहकी खानी पड़ी है, सबको पता है.

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कुछ दिनों से अखिलेश यादव को काशी विश्वनाथ, विंध्याचल देवी, नैमिषारण्य और इस्कॉन टेंपल सहित हिंदुओं के कई तीर्थस्थलों पर जाकर दर्शन पूजन करते देखा गया है. कभी वो पत्नी और मैनपुरी सांसद डिंपल यादव के साथ रुद्राभिषेक करते हैं, तो कभी कहते हैं कि अयोध्या जाएंगे तो राम मंदिर जाकर दर्शन भी करेंगे - लेकिन, ध्यान रहे जब तक वो स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर अपना स्टैंड साफ नहीं करेंगे, कोई फायदा नहीं होने वाला है.

जैसे स्वामी मौर्य घोसी में बीजेपी के लिए वोट मांग रहे हों

फर्ज कीजिये घोसी उपचुनाव के नतीजे बीजेपी के पक्ष में आ जाते हैं - तो क्या स्वामी प्रसाद मौर्य को कोई फायदा मिल सकता है?

स्वामी प्रसाद मौर्य को कोई फायदा मिले न मिले, उनकी बातों का इतना असर हो सकता है कि घोसी उपचुनाव में ही बीजेपी फायदा उठा ले - आगे जो नफा नुकसान होगा वो तो अलग ही है.

अखिलेश यादव घोसी विधानसभा सीट बचाने के लिए जी जान से जुटे हुए हैं. दरअसल, 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव से पहले जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी छोड़ी थी, दारा सिंह चौहान ने भी समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था. दारा सिंह चौहान तो घोसी से चुनाव जीत गये, लेकिन फाजिल नगर में स्वामी प्रसाद मौर्य को शिकस्त झेलनी पड़ी थी. 

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चुनाव नतीजे आये तो बीजेपी से समाजवादी पार्टी में पहुंचे सभी नेताओं के पैरों तले जमीन खिसक गयी. फिर दारा सिंह चौहान ने स्टैंड लिया, घर वापसी का. समाजवादी पार्टी के साथ साथ विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया. घोसी सीट पर उपचुनाव भी इसीलिए हो रहा है.

बीजेपी दारा सिंह चौहान को समाजवादी पार्टी से छीन लेने के बाद घोसी में भी भगवा फहराना चाहती है. अगर स्वामी प्रसाद के बयानों से खफा हिंदू वोट एकजुट होकर बीजेपी के पक्ष में पड़ जाये तो दारा सिंह चौहान की जीत पक्की है - क्या स्वामी प्रसाद मौर्य का भी मकसद ऐसा ही है, ताकि बाद में बीजेपी में लौटने का रास्ता साफ हो सके!

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