
स्वाति मालीवाल पर हमले के आरोपी बिभव कुमार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. दिल्ली पुलिस का कहना है कि बिभव कुमार जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं - इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास पर हुई मारपीट की घटना को लेकर स्वाति मालीवाल और अरविंद केजरीवाल दोनों का पक्ष सामने आ चुका है.
अरविंद केजरीवाल बार बार यही कह रहे हैं कि पूरे वाकये के दो वर्जन हैं, लेकिन आगे बोलने से वो ये बोल कर सवालों को टाल जाते हैं कि उनकी बातों से जांच प्रक्रिया प्रभावित होगी. खास बात ये है कि वो स्वाती मालीवाल के दावों को सिर्फ उनका पक्ष मानते हैं, शायद सच बिलकुल नहीं मानते.
एक इंटरव्यू में स्वाति मालीवाल ने पूरी आपबीती सुनाई है, जिसमें उन सवालों पर भी जवाब दिये हैं जो बातें सोशल मीडिया पर चल रही हैं. अलग अलग स्रोतों से जो बातें सामने आ रही हैं उन कड़ियों को जोड़ने से कुछ चीजें समझ में आती हैं, लेकिन कई चीजें काफी धुंधली नजर आ रही हैं - कुछ सवाल ऐसे हैं जिनके जवाब मिल पाये तभी सच सामने आ सकेगा.
1. स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट क्यों हुई?
ये सबसे बड़ा सवाल है - और सबसे बड़ा रहस्य भी.
13 मई की घटना को लेकर स्वाति मालीवाल बताती हैं, 'मैं अरविंद केजरीवाल से मिलने गई थी... स्टाफ ने मुझे ड्राइंग रूम में इंतजार करने के लिए कहा... मुझे बताया गया कि केजरीवाल घर पर हैं... और वो मुझसे मिलने आ रहे हैं... इसी बीच बिभव कुमार आये और मुझे गालियां देने लगे... तेरी औकात क्या है? और भी बहुत कुछ कहा... मुझे 7-8 थप्पड़ जोर से मारे... मैंने पुलिस को फोन किया... जब उसे पता चला कि मैंने फोन कर दिया है... वो बाहर गया और सिक्योरिटी को बुला कर लाया.'
बिभव कुमार आते ही स्वाति मालीवाल को गालियां क्यों देने लगे? और फिर थप्पड़ क्यों मारे? वो भी तब जबकि अरविंद केजरीवाल अपने सरकारी आवास पर मौजूद थे?
2. बिभव कुमार ने आते ही हमला क्यों बोल दिया?
क्या ये सब अचानक हुआ? कुछ तो पहले से हुआ ही होगा?
स्वाति मालीवाल का कहना है कि अरविंद केजरीवाल के सबसे बड़े राजदार, सबसे करीबी इस वक्त बिभव कुमार ही हैं. वो पार्टी में सबसे ताकतवर व्यक्ति हैं, और पूरी पार्टी उनसे डरती है.
मानते हैं कि अरविंद केजरीवाल के सबसे भरोसेमंद होने के नाते बिभव कुमार आम आदमी पार्टी में ताकतवर शख्सियत बन गये हैं, लेकिन इतने दिनों से अरविंद केजरीवाल के साथ काम कर रहीं स्वाति मालीवाल पर हाथ उठाने की हिम्मत कहां से आई?
बकौल स्वाति मालीवाल, बिभव कुमार ने आते ही कहा था - तेरी औकात क्या है?
आखिर किस बात को लेकर बिभव कुमार ने ऐसा बोला होगा? निश्चित तौर पर पहले भी कुछ हुआ होगा, जिसे लेकर बिभव कुमार ने इस लहजे में बात की होगी.
स्वाति मालीवाल की बातों से ये तो नहीं लगता कि उनको वहां बुलाया गया था. अपॉइंटमेंट के जिक्र से तो यही लगता है कि वो खुद आई थीं. वो ये भी बता रही हैं कि ऐसा कभी पहले नहीं हुआ कि मिलने के लिए उनको पहले से समय लेना पड़े.
यहां एक जरूरी सवाल ये है कि मारपीट की घटना से पहले हुआ क्या था? जो भी हुआ था, उसी में इस सवाल का भी जवाब छिपा है कि बिभव कुमार आखिर स्वाति मालीवाल के साथ इस तरह पेश क्यों आये?
3. थाने पहुंची, लेकिन शिकायत नहीं दर्ज कराईं - क्यों?
स्वाति मालीवाल बताती हैं, 'घटना के बाद जब मैं पुलिस स्टेशन पहुंची, तो मैं एसएचओ के सामने बहुत रो रही थी... मैं इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहती थी... बाद में पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मेरे घर आये और मुझे कहा गया कि पार्टी इस मामले में कार्रवाई करेगी.
स्वाति मालीवाल की बातों से ऐसा लगता है कि अगर बिभव कुमार के खिलाफ अरविंद केजरीवाल एक्शन लिये होते तो वो पुलिस केस नहीं करतीं. जब स्वाति मालीवाल ने अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह के साथ बिभव कुमार की लखनऊ से आई तस्वीर देखी तब उन्होंने पुलिस की मदद लेने का फैसला किया.
पुलिस को कॉल करने और लिखित शिकायत दर्ज कराने के बीच जो कुछ हुआ वो सब काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि उस दौरान स्वाति मालीवाल के मनमाफिक अरविंद केजरीवाल एक्शन ले लिये होते तो बात आगे नहीं बढ़ती.
4. बीच बचाव में संजय सिंह की कितनी भूमिका?
स्वाति मालीवाल के मुताबिक, संजय सिंह उनके घर गये थे. संजय सिंह ने बिभव कुमार से भी बात की थी. अगले ही दिन संजय सिंह ने स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट की घटना को लेकर बताया कि अरविंद केजरीवाल संज्ञान ले रहे हैं, और एक्शन लेंगे.
संजय सिंह की प्रेस कांफ्रेंस और स्वाति मालीवाल की बातों से लगता है कि संजय सिंह को पूरे घटनाक्रम के बारे में बहुत कुछ मालूम है. घटना के वक्त संजय सिंह कहां थे, अभी तक इस बात का जिक्र नहीं हुआ है.
स्वाति मालीवाल की बातों से लगता है कि घटनास्थल पर सिर्फ वो और बिभव कुमार ही थे. सिक्योरिटी वाले भी बाद में, बिभव कुमार के बुलाने पर पहुंचे हैं - यानी घटना का चश्मदीद सीसीटीवी ही हो सकता है, बशर्ते वहां पर लगा हुआ हो.
अब जब तक कि संजय सिंह फिर से इस मुद्दे पर सामने नहीं आते उनकी भूमिका समझ पाना मुश्किल है. हां, लखनऊ में अरविंद केजरीवाल के साथ होने से ये तो साफ है कि वो स्वाति मालीवाल के साथ नहीं हैं - और वो भी इस मामले में अरविंद केजरीवाल के साथ हैं.
ऐसा लगता है कि संजय सिंह की बीच बचाव की कोशिश नाकाम रही. अभी तो ऐसा ही लगता है.
5. सच का सामना करने के लिए स्वाति मालीवाल तो तैयार हैं, लेकिन दूसरा पक्ष?
स्वाति मालीवाल का कहना है, हर दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस की जा रही है... जिससे मैं दबाव में आकर मामला खत्म कर दूं... एफआईआर में मेरा हर शब्द बिल्कुल सच है... मैं पॉलीग्राफ, नार्को टेस्ट के लिए तैयार हूं.
अरविंद केजरीवाल ने स्वाति मालीवाल की बातों को घटना का एक वर्जन माना है, दूसरा वर्जन वो है जो बिभव कुमार ने कहा होगा.
क्या अरविंद केजरीवाल सच का पता लगाने के लिए बिभव कुमार को नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की सलाह देंगे?
6. स्वाति को अरविंद केजरीवाल का साथ क्यों नहीं मिला?
क्या स्वाति मालीवाल मारपीट की घटना के बाद अकेली पड़ गई हैं?
वो कहती हैं, मैं इतनी सस्ती नहीं हूं... मुझे पता है इस लड़ाई में मैं अकेली हूं... मैं अकेली लड़ूंगी, लेकिन मैं जरूर लड़ूंगी.
अरविंद केजरीवाल जब वहां नहीं थे तो बिभव की बातों पर ही क्यों भरोसा कर रहे हैं, स्वाति की बातों पर क्यों नहीं - क्या सिर्फ इसलिए क्योंकि स्वाति मालीवाल ने पुलिस बुला ली थी?
ऐसा तो कोई दो ही सूरत में कर सकता है - या तो मौके पर कोई भी मददगार न हो, या फिर मौके पर मौजूद लोग तमाशबीन बने हुए हों.
स्वाति मालीवाल और बिभव कुमार बरसों से अरविंद केजरीवाल के साथ काम कर रहे हैं - फिर भी एक सवाल तो है ही कि स्वाति मालीवाल को अरविंद केजरीवाल का साथ क्यों नहीं मिला?
7. क्या ये सब राज्यसभा सीट से इस्तीफे के लिए हुआ?
न्यूज एजेंसी एएनआई के इंटरव्यू में स्वाति मालीवाल से उनकी राज्यसभा सीट एक वकील को देने की चर्चा को लेकर भी सवाल पूछा गया है. असल में, सोशल मीडिया पर जोरदार चर्चा रही कि स्वाति मालीवाल पर इस्तीफे के लिए दबाव डाला गया था, ताकि उनकी जगह अभिषेक मनु सिंघवी को राज्य सभा भेजा जा सके. ये चर्चा इसलिए भी सच के करीब लग रही है क्योंकि अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में कैंपेन के लिए जमानत दिलाने में सबसे बड़ी भूमिका अभिषेक मनु सिंघवी की ही मानी जा रही है, जबकि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद स्वाति मालीवाल की गैरमौजूदगी को लेकर भी सवाल उठाये जा रहे थे.
जवाब में स्वाति मालीवाल ने सिर्फ इतना ही कहा, अगर मेरी राज्यसभा की सीट उन्हें चाहिए थी... वो प्यार से मांगते तो, मैं जान दे देती... एमपी की सीट तो बहुत छोटी बात है... जिस तरीके से इन्होंने मुझे मारा है... अब चाहे दुनिया की कोई भी शक्ति लग जाए मैं इस्तीफा नहीं दूंगी.
स्वाति मालीवाल ने सवाल का राजनीतिक जवाब दिया है. न ये माना है कि उनसे इस्तीफा मांगा गया, न ही ये कहा है कि इस्तीफा नहीं मांगा गया.
लेकिन उनकी बातों से ये संकेत तो मिलता ही है कि कहीं न कहीं इस्तीफे की बात तो चली ही है.
'अब चाहे दुनिया की कोई भी शक्ति लग जाए मैं इस्तीफा नहीं दूंगी,' - आखिर इस बात का क्या मतलब हुआ?