
बिग बॉस OTT-2 के विनर एल्विश यादव पर यूपी में नशे के लिए सांपों के जहर बेचने का आरोप लगा है. इस मामले में अब तक 5 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से 9 सांप और 20 मिली स्नेक वेनम यानी सांप का जहर मिला है. एल्विश यादव के चलते ये मामला मेन स्ट्रीम मीडिया और सोशल मीडिया पर फैल गया है. गाहे बगाहे इसी बहाने बहुत से लोगों को यह जानकारी भी हो गई कि सांपों के जहर से नशा किया जाता है. एल्विश के बहाने ही सही लोगों को इस सबंध में पता तो चला.दरअसल जिस तरह लोगों के पास अचानक समृद्धी आई है उनके घरों के बच्चों को पॉकेट मनी भी अनाप शनाप मिलने लगी. मेट्रो सिटीज से लेकर देश के सूदूरवर्ती डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टरों तक में नशे के रूप में गांजे का चलन बहुत तेजी से बढ़ा है. दिल्ली एनसीआर और मुंबई आदि तो पहले से ही बदनाम थे. आज एक परिवार के मात्र 19 साल के बच्चे की कहानी बताउंगा जो इतनी कम उम्र में ही सिगरेट और शराब से आगे निकलकर गांजा-हेरोइन तक लेना शुरू करता है . जब सारे नशे फीके पड़ने लगते हैं तो स्नेक वेनम पर आ जाता है. फिर शुरू होती है उसकी जिंदगी के नरक बनने की कहानी.
कैसे बढ़ रहा सांपों का नशा
Indian Journal of Physiology and Pharmacology में छपी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि किस तरह भारत में नशा करने के लिए सांपों के विष का प्रचलन बढ़ रहा है. एक राजस्थानी मारवाड़ी परिवार का 19 साल का लड़का किस तरह अपनी जिंदगी को दांव पर लगा देता है. जब 11 साल का था तो सिगरेट पीने की लत लगी,अब करीब 20 सिगरेट हर रोज पीने लगा.6 सालों से बिना नागा किए हर दिन 15 से 20 पैग लगाने लगा. तलब बढ़ी तो दिन में 3 बार गांजा भी लेने लगा. नशे की तलब रुकने का नाम नहीं लेती है और बढ़ती ही जाती है. इस लड़के के साथ भी यही हुआ. पिछले 2 साल से अफीम, कोकीन,मैजिक मशरूम और एलएसडी भी लेने लगा.नशे की लत समुंदर की तरह गहरी होती जा रही थी. उसे सब कुछ बेकार लगने लगा. इतना सब कुछ लेने के बाद भी प्यास अधूरी रह जाती.दोस्तों ने बताया कि अगर नशे को देर तर कंटिन्यू करना है स्नेक वेनम लो. फिर क्या था दोस्तो के बताएनुसार सांप लाया गया. उसे कई तरह के इंजेक्शन दिए गए. फिर शुरू हुआ कभी जीभ पर डंक लगवाना तो कभी कान पर. उसके बाद जो सुस्ती चढ़ती और खुशी मिलती वो करीब हफ्ते भर रहती . इस तरह सांपों से कटवा कर नशे में डूबने का खेल करीब 6 महीने चलता रहा .
बचपन में ही कंट्रोल करने की जरूरत
युवक के दादा निकोटीन के आदी थे पर उसके माता-पिता में इस तरह की कोई आदत नहीं थी. युवक जब बच्चा था, उसका मन पढ़ाई में नहीं लगता था फिर उसका अपने भाई-बहनों से संघर्ष शुरू हुआ. हाई-स्कूल ड्रॉपआउट करना और भारी पड़ गया , अब वह घर वालों से झूठ बोलना शुरू किया. परिवार और समुदाय के नियमों की अवज्ञा करने में भी उसे मजा आने लगा. स्कूल में वह दूसरे बच्चों को धमकाता था और उन पर शारीरिक हमला भी कर देता. फिर शुरू हुआ देर तक बाहर घूमना और कभी कभी घर नहीं लौटना. जब घरवाले पूछताछ करते तो वह बताता कि दोस्तों के साथ पढ़ाई कर रहा था.कई दिनों तक खाने से इनकार करता और आत्महत्या करने की धमकी देने लगा. दसवीं कक्षा में एक शिक्षक ने उसे सिगरेट पीते हुए देख लिया. शिक्षक ने उसे टोकने की गुस्ताखी की इसलिए उसने शिक्षक की ही पिटाई कर दी.फिर स्कूल से निकाल दिया गया. रेव पार्टियों में जाने वाले दोस्तों से मुलाकात हुई और उसने नशे का कारोबार सीख लिया . और जल्द ही खुद ऑर्गानाइजर बन गया. रेव पार्टियों में ग्राहकों के लिए विभिन्न प्रकार के नशे के साथ लड़कियां भी उपलब्ध कराई जातीं. इस बीच खुद कई लड़कियों के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाए.
जब अस्पताल लाने की नौबत आ गई
स्नैक वेनम लेने के बाद करीब हफ्ते भर के नशे में रहने के बाद अत्यधिक पसीना आना, फैला हुआ हाथ कांपना, अनिद्रा, सिगरेट और शराब की तीव्र लालसा, उत्तेजना, चिढ़चिढ़ा रवैया आदि बना रहता था. डॉक्टरों ने युवक को आगे के इलाज के लिए भर्ती कर लिया गया. तीसरे दिन तक युवक को कोई नशा नहीं देने के चलते वो बेसुध हो गया. उसके बाद कई हफ्ते इलाज के बाद सामान्य हो सका. ़
कैसे करते हैं सांपों के जहर का नशा
जब युवक के परिवार के सदस्यों को पता चला कि वे सांप के जहर का नशा कर रहा है तब तक उन्हें इस तरह के नशे के बारे में नहीं पता था. स्पाइनी-टेल्ड छिपकलियों को भूनकर खाने, जहरीले शहद, स्पैनिश मक्खियों और कैंथराइड्स के बारे में तो घर वालों ने पढा था पर सर्पदंश के बारे में कभी नहीं सुना था. पता चला कि सांपों के जहर का नशा कराने वाले सांप के सर के पास या होंठ के किनारे ठीक बाहर पकड़ कर रखा जाता है. सांप के सिर पर किसी कुंद चीज से चोट करने से वह काटने लगता है. सावधानी यह बरती जाती है कि सांप कम से कम जहर उगले. इसलिए पैर के अंगूठे या तर्जनी में कम से कम काटता है. नशा करने वाले अपनी इच्छा के आधार पर,कभी होंठ, जीभ या कान की लोब में सांप को कटाते हैं. नशे के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सांपों में बुंगारस कैर्यूलस (सामान्य करैत), नाजा नाजा (कोबरा) और ओफियोड्रिस वर्नालिस (हरा सांप), चूहा सांप और हरी बेल हैं अधिकतर इस्तेमाल किए जाते हैं.