Advertisement

वायनाड में प्रियंका गांधी क्या राहुल का रिकॉर्ड तोड़ पाएंगी? कांग्रेस के दावे से कई चुनौतियां उभरीं | Opinion

प्रियंका गांधी पहली बार खुद भी चुनाव लड़ने जा रही हैं. वो राहुल गांधी की छोड़ी हुई वायनाड लोकसभा सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार बनाई गई हैं - सवाल है कि क्या राहुल गांधी की ही तरह वहां के लोग प्रियंका गांधी को भी बढ़-चढ़ कर वोट देंगे?

प्रियंका गांधी वाड्रा को कांग्रेस ने वायनाड से अपना अधिकृत उम्मीदवार घोषित किया है. प्रियंका गांधी वाड्रा को कांग्रेस ने वायनाड से अपना अधिकृत उम्मीदवार घोषित किया है.
मृगांक शेखर
  • नई दिल्ली,
  • 18 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 2:54 PM IST

प्रियंका गांधी वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव पहली बार अपना पर्चा दाखिल करेंगी. कांग्रेस ने प्रियंका गांधी वाड्रा को बाकायदा अपना अधिकृत उम्मीदवार घोषित कर दिया है - और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल का दावा है कि वो रिकॉर्ड वोटों से जीत हासिल करेंगी. 

केसी वेणुगोपाल के रिकॉर्ड वोटों से जीतने को कैसे समझें - क्या प्रियंका गांधी वायनाड में राहुल गांधी की जीत का रिकॉर्ड वास्तव में तोड़ने जा रही हैं? ये संभव भी है, और नहीं भी संभव है. वायनाड में 13 नवंबर को वोट डाले जाएंगे, और नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.

Advertisement

अगर प्रियंका गांधी चुनाव जीत जाती हैं, तो ऐसा पहली बार होगा जब गांधी परिवार के तीनों सदस्य एक साथ संसद में होंगे. राहुल गांधी तो लोकसभा में विपक्ष के नेता ही हैं, और सोनिया गांधी राज्यसभा सांसद हैं - लेकिन ऐसा करके कांग्रेस क्या अपने खिलाफ बीजेपी के परिवारवाद के आरोपों को मजबूत नहीं करने जा रही है?

प्रियंका के लिए चुनावी राह कितनी आसान, कितना मुश्किल

अब तक गांधी परिवार के सदस्य जब नामांकन भरते थे, तो प्रियंका गांधी पीछे या बगल में खड़ी नजर आती थीं, लेकिन वायनाड से इस बार वो खुद अपना पर्चा दाखिल करने जा रही हैं. 

जैसे 2019 में उनको औपचारिक राजनीति में कांग्रेस महासचिव बनाकर एंट्री दी गई, वैसी ही औपचारिकता कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची में उनका नाम दर्ज कर निभाई गई है. 

Advertisement

वैसे भी प्रियंका गांधी को उम्मीदवार बनाये जाने की औपचारिकता ही बची थी, क्योंकि ये घोषणा तो लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के कुछ दिन बाद ही कर दी गई थी. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ मीटिंग के बाद साथ आये राहुल गांधी ने वायनाड सीट छोड़ने की बात बताई, और तभी ये भी बताया गया था कि उप चुनाव में प्रियंका गांधी कांग्रेस की उम्मीदवार होंगी.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं की हौसलाअफजाई के लिए केसी वेणुगोपाल ने प्रियंका गांधी के रिकॉर्ड वोटों से जीतने की बात भले ही कही हो, लेकिन सही स्थिति तो नतीजे आने पर ही मालूम होंगे. देखना होगा कि प्रियंका गांधी के जीत का अंतर राहुल गांधी से ज्यादा रहता है या कम? 

2019 में राहुल गांधी को 65 फीसदी वोट मिले थे, जब 4 लाख 31 हजार वोटों से वो चुनाव जीते थे. हालांकि, तब वो अमेठी से बीजेपी की स्मृति ईरानी से वो चुनाव हार गये थे. 2024 में राहुल गांधी को 60 फीसदी वोट मिले थे, और जीत का अंतर 3 लाख 64 हजार वोटों का था.

लोकसभा चुनाव में सीपीआई ने एनी राजा को राहुल गांधी के खिलाफ खड़ा किया था, जबकि बीजेपी ने केरल प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन को चुनाव लड़ाया था. वायनाड में बीजेपी तीसरे स्थान पर पहुंच गई थी. 

Advertisement

लोकसभा चुनाव के दौरान प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश का कहना था कि वो तो कहीं से भी उप चुनाव जीतकर संसद पहुंच जाएंगी - देखना है, होता क्या है?

क्या लोग राहुल और प्रियंका में फर्क करेंगे?

17 जून, 2024 को वायनाड की सीट छोड़ते वक्त राहुल गांधी ने कहा था, वायनाड और रायबरेली से मेरा भावनात्मक रिश्ता है... मैं पिछले 5 साल से वायनाड से सांसद था... मैं लोगों को उनके प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं... ये एक कठिन निर्णय था.

और तभी प्रियंका गांधी ने भी चुनावी वादा कर दिया था, मैं बस इतना कहूंगी कि मैं उनकी (राहुल गांधी) कमी महसूस नहीं होने दूंगी... मैं कड़ी मेहनत करूंगी, और सभी को खुश करने और एक अच्छी प्रतिनिधि बनने की पूरी कोशिश करूंगी.

राहुल की ही तरह रायबरेली और वायनाड दोनो से जुड़े होने की बात करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, मैं रायबरेली में भी अपने भाई की मदद करूंगी... हम दोनों रायबरेली और वायनाड में मौजूद रहेंगे.

अब वो घड़ी भी आ गई है, जब प्रियंका गांधी चुनाव लड़ने जा रही हैं. ऐसी स्थिति में वायनाड के लोगों के मन में भी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को लेकर सवाल होंगे. वायनाड के लोगों ने राहुल गांधी का तब साथ दिया था, जब अमेठी के लोगों ने अपने हाथ पीछे खींच लिये थे.

Advertisement

ध्यान देने वाली एक बात और हुई. कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी के रायबरेली से भी चुनाव लड़ने की घोषणा तब तक नहीं की गई, जब तक कि वायनाड में वोटिंग खत्म नहीं हो गई. राजनीति में ऐसी रणनीति बनाने का राजनीतिक दलों और नेताओं को भी हक है, लेकिन क्या वायनाड के  लोगों को ये बात आसानी से हजम हो पाएगी?

प्रियंका को चुनाव लड़ा कर कांग्रेस ने नई मुसीबत मोल ली है

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बाद प्रियंका गांधी परिवार की चौथी सदस्य हैं, जो चुनाव लड़ने के लिए दक्षिण भारत का रुख कर रही हैं - और ये बात तो है ही कि दक्षिण के लोगों ने गांधी परिवार को अब तक कभी निराश नहीं किया है. 

लोकसभा चुनाव 2024 ने बीजेपी के कांग्रेस मुक्त भारत मुहिम की हवा भले निकाल दी हो, लेकिन प्रियंका गांधी को लोकसभा चुनाव लड़ाकर कांग्रेस भी नई मुसीबत मोल रही है. अगर प्रियंका गांधी भी संसद पहुंच जाती हैं, तो बीजेपी नेता तो रोज ही कांग्रेस पर परिवारवाद की राजनीति के आरोप लगाएंगे. 

वैसे तो मुलायम सिंह यादव भी परिवार के पांच सदस्यों के साथ लोकसभा में बैठे देखे गये हैं. लेकिन, ये पहली बार होगा जब गांधी परिवार के तीन सदस्य संसद में होंगे. राज्यसभा में सोनिया गांधी, जबकि लोकसभा में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement