
पाकिस्तानी सेना का दावा है कि बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के चंगुल से सभी बंधकों को रिहा कराकर इस रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा कर लिया गया है. पर दूसरी तरफ बीएलए कह रही है कि अभी भी उनके चंगुल में 150 से अधिक बंधक हैं. मतलब साफ है कि बलूच लिबरेशन आर्मी और पाकिस्तानी सेना दोनों में कोई एक झूठ बोल रहा है. वैसे भी इस तरह के संघर्ष में दोनों पक्ष बहुत कुछ छिपाने की कोशिश करते है. पर पाकिस्तान कुछ भी कहे इस घटना के बाद उसका इकबाल तो कम हुआ ही है. इतिहास में कई उदाहरण मिलते हैं जब कि कई शक्तिशाली देश छिन्न भिन्न हो गए. ऑटोमन साम्राज्य, प्राचीन भारत के विशाल साम्राज्य, रोम, ग्रीस को छोड़िए सोवियत संघ, भारत- पाकिस्तान (बांग्लादेश) तो हम लोगों के सामने ही टूटकर बिखरे हैं. पाकिस्तान की मुश्किल यह है कि बांग्लादेश के बाद बलूचिस्तान का अलग होना मुल्क को खतरे में डालना है. 3 साल पहले पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने अपने मुल्क के संबंध में जो भविष्यवाणी की थी वो काफी हद तक सही होती दिख रही है. क्या उनकी कही बातें पूरी तरह सही साबित होंगी?
इमरान खान ने क्या कहा था
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ने कहा थ कि पाकिस्तानी सेना अगर सही फैसले नहीं लेती है तो देश के तीन टुकड़े हो सकते हैं. इमरान ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि देश ‘आत्महत्या’ की कगार पर खड़ा है. इमरान कहते हैं कि यहां असल समस्या पाकिस्तान और पाकिस्तानी सेना की है. यदि सेना सही फैसले नहीं लेती है, तो मैं आपको लिखित रूप में बता देता हूं कि वे बर्बाद हो जाएंगे और सेना सबसे पहले बर्बाद होगी. इमरान ने चेतावनी दी थी कि एक बार जब देश बर्बाद हो जाएगा तो पाकिस्तान के परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ेगा. इमरान यूक्रेन का उदाहरण भी देते हैं. इमरान कहते हैं कि विदेशों में मौजूद भारतीय थिंक टैंक बलूचिस्तान को अलग करने पर विचार कर रहे हैं. उनके पास प्लान है, इस वजह से मैं दबाव डाल रहा हूं.
इमरान ने कहा, ‘अगर देश दिवालिया हो गया तो क्या होगा? मैं आपको क्रम बताता हूं. जब से वे (पीडीएम) सत्ता में आए हैं, रुपये और शेयर बाजार का मूल्य गिर रहा है. हर चीज महंगी होती जा रही है. पाकिस्तान दिवालिया होने की तरफ बढ़ रहा है. इसका मतलब है कि पाकिस्तान कंगाली की ओर बढ़ रहा है.’ इमरान ने जो बातें तीन साल पहले कही थीं वो करीब करीब सही ही हो रही हैं. अब तक पाकिस्तान आर्थिक रूप से स्टैबल नहीं हो सका. बस किसी तरह कर्ज लेकर काम चल रहा है. इसी तरह बलूचिस्तान में पिछले एक साल में जितने हमले हुए हैं और जितने सैन्यकर्मी मारे गए हैं वो भयावह है. मतलब साफ है कि पाकिस्तानी सेना का नियंत्रण बलूचिस्तान में खत्म हो चुका है.
बलूच चरमपंथियों द्वारा किए गए हमलों की संख्या पिछले पांच वर्षों में चार गुना बढ़कर 2024 में 171 हो गई. इस्लामाबाद स्थित थिंक टैंक ‘पाक इंस्टीट्यूट फॉर पीस स्टडीज’ (PIPS) के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में यह संख्या 32 थी, जो 2021 और 2022 में बढ़कर 71 हो गई. 2023 में यह संख्या 78 रही और 2024 में यह 171 के आंकड़े तक पहुंच गई. यह 2016 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है. पिछले पांच वर्षों में बलूच अलगाववादी हमलों में लगभग 590 लोग मारे गए हैं, जिनमें पाकिस्तानी सेना के जवान भी शामिल हैं.
इमरान खान के बयान की पुष्टि करते पाकिस्तान के कई नेता
अभी पिछले महीने महीने की ही बात है कि जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के नेता मौलाना फ़ज़ल-उर-रहमान पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कहा था कि,बलूचिस्तान के पांच से सात ज़िले अब ख़ुद को पाकिस्तान से आज़ाद करने का एलान करने की स्थिति में पहुंच गए हैं. मौलाना यह भी कहते हैं कि जैसे ही वो ऐसा करते हैं , संयुक्त राष्ट्र उन्हें तुरंत मान्यता भी दे देगा. मौलाना फ़ज़ल-उर-रहमान की बात इमरान खान की पुष्टि कर रहे हैं. मौलाना ही नहीं नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता उमर अयूब ने भी कहा था कि बलूचिस्तान के आधा दर्जन ज़िलों में पाकिस्तानी हुकूमत का कोई अस्तित्व नहीं बचा है. उमर अयूब ने तो यह भी स्वीकार किया कि इन ज़िलों में अब पाकिस्तान का झंडा भी नहीं लहराता है.
प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के नज़दीकी सलाहकारों में से एक और पाकिस्तान के पूर्व गृह मंत्री राना सनाउल्लाह ने भी चेतावनी दी थी कि हथियारबंद संगठन पहाड़ों से नीचे आकर बलूचिस्तान पर अपना क़ब्ज़ा जमा लेंगे. शुरुआत में तो बलूचिस्तान की हुकूमत ने इस बात से इनकार किया कि हालात उसके हाथ से बाहर निकल रहे हैं. लेकिन, आख़िरकार सूबे के मुख्यमंत्री सरफ़राज़ बुगती ने ये माना कि स्थिति बेहद ख़तरनाक है.
सिंध और खैबर पख्तूनवा में भी हालत ठीक नहीं है
सिंध प्रांत में भी अलगाववादी भावनाएं जोर पकड़ रही हैं. स्वतंत्र सिंधस्तान की मांग जोर पकड़ रही है. सिंधी राष्ट्रवादी संगठन और बलूच संगठनों के बीच जुगलबंदी पाकिस्तान सरकार के लिए खतरे का संकेत है. 2024 में कई हमले ऐसे हुए हैं जिसमें बलूच और सिंधी विद्रोहियों ने संयुक्त रूप अंजाम दिया है. जिसमें मूसाखेल जिले में यात्रियों की हत्या भी शामिल है. दरअसल सिंध में प्राकृतिक संसाधनों का शोषण और आर्थिक असमानता ने लोगों का गुस्सा बढ़ाया है. खैबर पख्तूनख्वा में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान सहित कई आतंकवादी संगठनों का प्रभाव बढ़ रहा है. 2023 में डेरा इस्माइल खान में हुए आत्मघाती हमले में 23 सैनिक मारे गए थे. कुर्रम क्षेत्र में सुन्नी-शिया संघर्ष ने 150 से अधिक लोगों की जान चली गई थी.
क्या छिन जाएगा पाकिस्तान का परमाणु बम
इमरान खान ने पाकिस्तान के परमाणु बम को लेकर जो आशंका जाहिर की थी वो सही हो सकती है ऐसा पाकिस्तानी अवाम का भी मानना है. पिछले दिनों भारत और यूएस के बीच कुछ रक्षा सौदों की खबर के बाद पाकिस्तानी सोशल मीडिया में ऐसी अफवाहें उड़ गईं थीं कि अमेरिका पाकिस्तान का परमाणु बम छीन लेगा या पाकिस्तान खुद अपना परमाणु बम अमेरिका को गिरवी रखेगा. पाकिस्तान के लोगों को इंडिया और यूएस के बीच हुए बिग डील में सिर्फ एक ही चीज़ नजर आ रही थी. पाकिस्तानी कह रहे थे कि़ कोई 100 बिलियन डॉलर का पाकिस्तान को पैकेज अमेरिका की तरफ से या वर्ल्ड बैंक की तरफ से आ जाएगा.उसके बदले में अमेरिका या आईएमएफ एटम बम पर कुछ कंडीशन लगा देंगे. इस तरह कंट्रोल उनका हो जाएगा. हालांकि ये बातें तो पाकिस्तानी अपने हुक्मरानों के मजे लेने के लिए कह रहे थे. पर हकीकत भी इससे अलग नहीं हैं.
एक अमेरिकी रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र है कि अमेरिका पाकिस्तान के एटम बम के लिए एक गुप्त प्लान बना रखा है. इस प्लान का नाम है 'स्नैच एंड ग्रैब', यानी हथियारों को छीन कर उन्हें अपने कब्जे में ले लो. 9/11 के आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान अमेरिका की नजरों में चढ़ा हुआ है. क्योंकि पाकिस्तान इकलौता इस्लामिक देश है, जिसके पास न्यूक्लियर हथियार हैं.2007 में छपी गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के न्यूक्लियर हथियार सुरक्षित रहें, इसके लिए अमेरिका ने 2001 से 2007 तक 10 करोड़ डॉलर खर्च किए हैं.
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने युद्ध तक की बात कह डाली थी. जनरल मुशर्रफ ने कहा था, 'परमाणु बम को सीज करने की कोशिश पाकिस्तान और अमेरिका के बीच युद्ध शुरु कर देगा. मुशर्रफ ने कहा था कि ये पाकिस्तान की संपत्ति है, जो पूरे देश में सुरक्षित जगहों पर हैं.