सबसे जरूरी है अपनी समझदारी क्योंकि अर्जुन और दुर्योधन के गुरु एक ही थे. लेकिन अर्जुन को अर्जुन बनाया उनकी समझदारी ने. इसलिए आपको भी अपनी समझदारी को समझना है, उसे विकसित करना है. यही समझदारी आपको दुनिया में अलग पहचान दिलाएगी.