जो बाहर की सुनता है, वो बिखर जाता है और जो अंदर की सुनता है, वो संवर जाता है. अंदर की आवाज परमात्मा की आवाज होती है, वो हमेशा आपको सही और गलत के प्रति आगाह करती है. अक्सर हम इस आवाज को अनसुना करते हैं और जिंदगी में उलझकर रह जाते हैं. देखिए पूरा वीडियो...