चाल चक्र में आज आपको बताएंगे गुरु पूर्णिमा के महत्व के बारे में. आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के पर्व के रूप में मनाया जाता है. इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म भी हुआ था, अतः इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं. इस दिन से ऋतु परिवर्तन भी होता है अतः इस दिन वायु की परीक्षा करके आने वाली फसलों का अनुमान भी किया जाता है. इस दिन शिष्य अपने गुरु की विशेष पूजा करता है , और यथाशक्ति दक्षिणा,पुष्प,वस्त्र आदि भेंट करता है. शिष्य इस दिन अपनी सारे अवगुणों को गुरु को अर्पित कर देता है , तथा अपना सारा भार गुरु को दे देता है. इस बार गुरु पूर्णिमा का पर्व 27 जुलाई को मनाया जाएगा.