शहादत का धर्म तय करने वालों को आज सेना ने करारा जवाब दिया है. सेना ने दो टूक कहा है कि राजनीतिक पार्टियों को अपनी रोटी सेंकने के लिए सेना को हथियार नहीं बनाना चाहिए. यही बात कल हमने दंगल में भी कही थी. असदुद्दीन ओवैसी के बयान को ले कर सेना ने भी आज कह दिया जो सेना को नहीं जानते वही शहीद सैनिकों को धर्म के खांचे में देखने की कोशिश कर रहे हैं. सवाल ये है कि देशभक्ति का धर्म से क्या लेना देना है ? कांग्रेस के नेता संदीप दीक्षित ने आज कह दिया कि बीजेपी और संघ, मुसलमानों को देशभक्त नहीं मानते. क्या इस देश के मुसलमानों को अपनी देशभक्ति साबित करने के लिए बीजेपी और संघ का सर्टिफिकेट चाहिए ? अगर नहीं तो संदीप दीक्षित के इस बयान का मतलब क्या है ?