अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जिन्ना की फोटो को लेकर घमासान बढ़ता जा रहा है. एक ओर देश में सवाल पूछा जा रहा है कि जिन्ना की फोटो हमारे किसी संस्थान में कैसे हो सकती है तो अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र अपनी इस दलील पर कायम हैं कि इतिहास का हिस्सा रहे जिन्ना की फोटो को नहीं हटा सकते भले वो महान न रहे हों. राजनीतिक दलों ने इसमें अपने-अपने हिसाब से बयानबाजियां शुरू कर दी हैं. समाजवादी पार्टी के सांसद प्रवीण निषाद ने तो यहां तक कह दिया कि गांधी-नेहरू की तरह जिन्ना का भी आजादी में योगदान है. तो वहीं जेडीयू महासचिव केसी त्यागी भी जिन्ना की फोटो नहीं हटाने के समर्थक हैं. जबकि बीजेपी जिन्ना को देश का दुश्मन बताने से नहीं चूक रही. इस सबके बीच कांग्रेस की दलील है कि जनता के मुद्दों से देश को भटकाने के लिए जिन्ना का मामला उछाला गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि वो क्या बात है जिसकी वजह से जिन्ना की फोटो को लेकर आर-पार की नौबत आ रही है? क्यों जिस जिन्ना की फोटो को लेकर कोई मसला नहीं होना चाहिए था उस पर 4 दिनों से अलीगढ़ में तनाव की स्थिति बनी हुई है.