जब पूरा देश नए साल के जश्न की तैयारी कर रहा था, उसी दरम्यान मुंबई के एक पब में, जन्मदिन की पार्टी मौत के मातम में बदल गई. एक साथ चौदह लोगों की एक मौत, पब में लगी आग की वजह से हो गई. पब के पास न तो आग बुझाने के इंतज़ाम थे, न ही फायर सेफ्टी क्लीयरेंस. और ये तब था, जब पब को बीएमसी ने नोटिस भी दे रखा था कि अपने इंतजाम दुरूस्त कर लें. पब के मालिक फ़रार हैं. बीएमसी ने 5 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है. उन पर लापरवाही का आरोप लगाया गया है. लेकिन क्या इसे महज़ लापरवाही कह कर या हादसा कह कर 14 लोगों के हत्यारों को बचाने की साज़िश नहीं हो रही ? 14 लोगों की जान चली जाने के बाद – बीएमसी कह रही है कि सेफ्टी ऑडिट करेंगे. ये जानते हुए भी आज रात से ले कर सोमवार की सुबह तक, मुंबई के सारे बार, पब और होटल्स में ऐसी पार्टियों की भरमार रहेगी. लोग अपनी जान पर खेल कर वहां परिवारों के साथ जाएंगे, और किसी को इस बात का पता नहीं होगा कि जिस जगह वो जा रहे हैं – उसकी सुरक्षा की क्या गारंटी है. उसके पास आग लगने जैसी स्थिति से निपटने के इंतज़ाम हैं या नहीं. आग लगने पर वहां से सुरक्षित निकला जा सकता है या नहीं.