प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्त चीन के वुहान में अनौपचारिक दौरे पर हैं. इसे दोनों देशों के बीच विश्वासबहाली के लिए अभूतपूर्व कदम कहकर प्रचारित किया गया है. वुहान में आज चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद मोदी ने कहा भी कि धार्मिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक जैसे हर क्षेत्र में भारत-चीन एक जैसे हैं. मोदी ने कहा कि जिनपिंग की न्यू चाइना की भूमिका और मेरा न्यू इंडिया का सपना एकजैसा है. कल मोदी और जिनपिंग वुहान में नाव पर चर्चा और टहलते-टहलते बातचीत भी करेंगे. लेकिन पिछले साल डोकलाम पर भारत-चीन के बीच तनावपूर्ण माहौल के बाद जिस तरह दोनों देशों के बीच सदी की दोस्ती की बात हो रही है, क्या उस पर भरोसा किया जाना चाहिए? भारत-चीन के बीच सीमाविवाद है. चीन का सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पीओके से होकर गुजरता है. पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए चीन मसूद अजहर जैसे आतंकियों का भी बचाव करता है. एशिया में भारत-चीन के बीच प्रतिस्पर्धा है तो चीन के पक्ष में व्यापार असंतुलन भी है.