उद्योगपति राहुल बजाज का एक बयान इस समय सुर्खियों में है, उन्होंने बीते शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह से कहा था कि आज सरकार की आलोचना करने पर ये विश्वास नहीं होता कि सरकार पसंद करेगी या नहीं जबकि यूपीए-2 में सरकार की आलोचना की जा सकती थी. वैसे तो अमित शाह का जवाब था कि अगर ऐसा होता तो अखबारों में मोदी सरकार के खिलाफ लेख नहीं लिखे जाते. लेकिन राहुल बजाज के बयान ने सरकार और विपक्ष के बीच इस बहस को तूल दे दिया है कि क्या मोदी सरकार में बोलने की आजादी नहीं है? विपक्ष सरकार पर हमलावर है तो राहुल बजाज के बयान के मद्देनजर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये कहने की कोशिश की है कि ऐसी निजी धारणाएं राष्ट्रीय हित को चोट पहुंचाती नहीं है.