कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की संसदीय सीट अमेठी में कांग्रेस और बीजेपी की लड़ाई अब पोस्टरों से उतर कर सड़कों पर आ गई है. कांग्रेस अध्यक्ष को आज अपने ही गढ़ में, गौरीगंज की रैली कैंसिल करनी पड़ी. राहुल गांधी के गौरीगंज पहुंचने के पहले ही बीजेपी के कार्यकर्ता ‘राहुल गांधी लापता’ के पोस्टर ले कर उनका इंतज़ार कर रहे थे. कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के वहां पहुंचने के बाद धक्का मुक्की और हंगामेबाज़ी शुरू हो गई. लिहाज़ा राहुल गांधी को रास्ता भी और कार्यक्रम भी, दोनों बदलने पड़े. बीजेपी का दावा है कि राहुल का विरोध करने वाले लोग, उनके कार्यकर्ता नहीं बल्कि अमेठी के वोटर हैं जो अपने सांसद के कामकाज का हिसाब मांगने के लिए खड़े हैं. पार्टी का आरोप है कि राहुल सांसद के तौर पर कुछ नहीं कर पाए, इस लिए इस बार मंदिरों में जा कर भगवान के सहारे अमेठी की जनता को रिझाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके पहले कल अमेठी में फूड पार्क के मसले पर कांग्रेस के बयान को भी बीजेपी ने मुद्दा बनाया था और आज बाड़मेर में रिफाइनरी के उद्घाटन पर भी पीएम मोदी ने ये कह कर निशाना साध दिया कि कांग्रेस सिर्फ पत्थर लगवाती है, काम नहीं करवाती.