देश के एक हज़ार से ज़्यादा केंद्रीय विद्यालयों में गाई जाने वाली प्रार्थना क्या किसी एक धर्म का प्रचार है ? ये सवाल देश की सबसे बड़ी अदालत के सामने आया है. एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है कि वो इस पर अपना रूख साफ़ करे. एक वकील ने ये याचिका दायर की है. याचिका के मुताबिक़, केंद्रीय विद्यालय़ों में 1964 से गाई जा रही हिंदी-संस्कृत की प्रार्थना, एक धर्म विशेष का प्रचार करती है, और ये संविधान के अनुच्छेद 25 और 28 के खिलाफ़ है. वकील की दलील है कि स्कूलों के ज़रिए धार्मिक मान्यताओं का प्रचार नहीं किया जा सकता.