तीन तलाक के खिलाफ सरकार ने आखिरकार अध्यादेश का रास्ता अपना लिया। मोदी सरकार के इस फैसले से तलाक-ए-बिद्दत आपराधिक मामला हो जाएगा. सरकार इसके खिलाफ संसद के जरिये कानून लाना चाहती थी लेकिन दिसंबर 2017 में लोकसभा से बिल पास होने के बावजूद अगले 2 संसद सत्रों से बिल राज्यसभा में अटका हुआ है. मॉनसून सत्र में सरकार ने बिल में अहम बदलाव भी किए लेकिन कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों को मना नहीं सकी. अब जब सरकार तीन तलाक पर अध्यादेश लेकर आयी है तो 2019 के चुनाव से पहले ये बीजेपी का बड़ा मुद्दा हो सकता है, केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा भी है कि कांग्रेस में सोनिया गांधी की मौजूदगी के बावजूद वोट बैंक पॉलिटिक्स के चलते बिल अटकाया गया.
Law Minister Ravi Shankar Prasad said, "Triple Talaq will be recognised as a crime only when a woman or her blood relative files a complaint with the police," Prasad said.
"A compromise can be achieved only when the woman is willing and says so to a magistrate. A magistrate can grant bail only after the wife's consent,"the minister added. Attacking the Congress party for not letting triple talaq due to 'vote-bank politics',