आज दंगल की बड़ी बहस यूपी और बिहार से आए सियासी संकेतों पर है. जो गोरखपुर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अजेय सीट कही जाती थी, वहां अबकी बार समाजवादी झंडा लहराने लगा है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी 2014 में जिस फूलपुर को रिकॉर्ड 52 फीसदी वोटों के साथ बीजेपी के पाले में किया था, वहां के उपचुनाव में भी कमल मुर्झा गया लगता है. आरजेडी से बीजेपी बिहार के अररिया की सीट भी छीनने में नाकाम दिख रही है जबकि नीतीश कुमार एनडीए के साथ आ गए हैं. 1995 के स्टेट गेस्ट हाउस कांड के बाद समाजवादी पार्टी और बीएसपी दोबारा साथ आए हैं तो इधर सोनिया गांधी की अगुवाई में भी मोदी के खिलाफ विपक्षी एकता मजबूत होने लगी है.