एक ओर जहां बीजेपी ने किसान आंदोलन के डैमेज कंट्रोल के लिए अपने नेताओं को किसानों के बीच भेजने की रणनीति बनाई है, तो दूसरी ओर पश्चिमी यूपी से आने वाले केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान का शामली और मुजफ्फनगर में विरोध हुआ. शामली में उनके पहुंचने पर नारेबाजी हुई और मुजफ्फरनगर में उनके सामने भिड़ंत हुई है. दोनों घटनाएं सोमवार की हैं. संजीव बालियान ने दोनों मामलों को राजनीतिक साजिश करार दिया है, और घटना की जांच की मांग की है. लेकिन विपक्ष और किसान नेता लगातार सरकार के खिलाफ कृषि कानूनों को लेकर आक्रामक हो गए हैं. एक ओर संजीव बालियान के मामले को लेकर आरएलडी ने मोर्चा खोला हुआ है, तो दूसरी ओर मथुरा की एक किसान पंचायत में प्रियंका गांधी पहुंची हैं और उन्होंने कहा है कि कृष्ण अहंकार दूर करेंगे. क्या कानून वापसी के नाम पर BJP घिर गई है? क्या इससे विपक्षी दलों को ऑक्सीजन मिल गया है? क्या किसान पर शोर है, सियासत का जोर है? देखें दंगल, रोहित सरदाना के साथ.