एक फिल्म 11 मार्च को आई और बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा दी लेकिन उससे ज्यादा धूम सियासी दुनिया में मची है. वो फिल्म है द कश्मीरी फाइल्स. इस मार्मिक कहानी के जितने सिरे है उससे कहीं ज्यादा सिरा सियासत का है. बीजेपी लगातार कांग्रेस पर निशाना साध रही है. आरोप लगा रही है कि कांग्रेस के राज में भी कश्मीरी पंडितों के साथ कत्लोगारद हुआ जबकि कांग्रेस इससे पल्ला झाड़ते हुए ठीकरा बीजेपी पर फोड़ रही है. सियासत के इस खेल के बीच सबसे बड़ा सवाल कि आखिर 32 साल बाद भी कश्मीरी पंडितों की घरवापसी क्यों नहीं हो पाई? जिस आतंकियों ने खून की नदियां बहाई, जिसने सरेआम दुनिया के सामने कबूल किया वो कैसे छूट गया? क्या सियासत का ये खेल मजहबी आइने से कांग्रेस और बीजेपी देख रही है? देखें दंगल.