26 जनवरी के ट्रैक्टर मार्च में हुई हिंसा से किसान नेता अपने हाथ जला बैठे थे. लेकिन एक बार फिर ट्रैक्टर मार्च का अल्टीमेटम दिया गया और अबकी बार सीधे संसद तक ट्रैक्टर मार्च की बात की गई है, वो भी 40 लाख ट्रैक्टरों से. किसान नेता राकेश टिकैत ने संसद तक ट्रैक्टर मार्च की बात राजस्थान के सीकर की एक किसान पंचायत में कहा है. सवाल ये है कि क्या ये सिर्फ सरकार को तेवर दिखाना है, या फिर वाकई किसान नेता एक नए ट्रैक्टर मार्च की तैयारी में हैं. पिछले कुछ दिनों से किसान आंदोलन को जिंदा रखने के लिए किसान नेता जगह-जगह पंचायत कर रहे हैं, प्रियंका गांधी जैसे नेता भी किसान पंचायतों में शामिल हो रहे हैं, लेकिन क्या किसान आंदोलन के लिए टकराव की भाषा जरूरी है? क्या किसान आंदोलन को जिंदा रखने के लिए सरकार को अल्टीमेटम देना मजबूरी है? देखें खास कार्यक्रम, रोहित सरदाना के साथ.