फिल्म द कश्मीर फाइल्स ने सारे मिथक तोड़ दिए हैं. बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा रही है. 1990 के दौर पर बनी इस फिल्म में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार, आतंकियों की दहशत और पलायन को बखूबी उभारा गया है लेकिन देश में दर्द और जख्मों पर भी सियासत हो रही है. सभी पार्टियां अपने-अपने लेंस से फिल्म को देख रही है. हैरान करनेवाली बात ये है कि जिस फिल्म ने इतिहास के आइने में झांककर भविष्य की तरफ इशारा किया है उस इशारे को समझने की कोशिश कोई नहीं कर रहा है. आखिर ऐसी क्या मजबूरी है कि कई सियासी पार्टियां फिल्म को ही बैन करने की मांग कर रही है. इन्हीं सवालों पर चर्चा. देखें दस्तक