लॉकडाउन के दो राउंड हो जाने के बावजूद, देश के अलग लग हिस्सों में पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाज़ी की घटनाओं में कमी नहीं आई है. एक वारदात में तो एक एएसआई का हाथ तक काट दिया गया था, जिसे बाद में डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर के जोड़ दिया. ज़मीन पर डॉक्टरों और पुलिस पर पत्थर बरस रहे हैं तो राजनीतिक पार्टियों के नेता एक दूसरे पर ज़ुबानी पत्थर बरसाने में जुटे हुए हैं. खासतौर पर बंगाल की सरकार और केंद्र के बीच जम कर ज़ुबानी पत्थरबाज़ी हो रही है. सवाल ये है कि महामारी के दौर में भी देश एकजुट नहीं रह सकता? जो अपनी जान जोखिम में डाल कर दिन रात जुटे हैं कि देश को कोराना से बचाया जा सके, उन पर पत्थरबाज़ी करने वाले क्या साबित करना चाहते हैं? ऐसे पत्थरबाज़ों का इलाज कब होगा? इस पर देखें दंगल.