उत्तर प्रदेश की ATS ने धर्मांतरण का सबसे बड़ा रैकेट चलाने वाले मौलाना को गिरफ्तार करने का दावा किया है. जामिया इमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट चलाने वाले मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी मंगलवार की रात मेरठ से हुई. UP ATS का दावा है कि मौलाना कलीम को अवैध विदेशी फंडिंग हासिल हुई और उसने मदरसों की फंडिंग की. पुलिस के मुताबिक मौलाना ने मदरसों की आड़ में धर्मांतरण कराने और शरीयत का कानून लागू करने की कोशिश की. UP ATS ने मौलाना कलीम सिद्दीकी का कनेक्शन जून में गिरफ्तार हुए उमर गौतम से जोड़ा है. हालांकि पुलिस इसे बड़ी कामयाबी मान रही है कि लेकिन आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने ये कहकर सनसनी मचा दी है कि यूपी चुनाव के पहले मौलाना की गिरफ्तारी मुसलमानों पर अत्याचार है. SP सांसद शफीकुर्रहमान ने भी गिरफ्तारी पर सवाल उठाया है. इसीलिए आज दंगल में हमारी बहस का मुद्दा है कि क्या मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी धर्मांतरण के धंधे के खिलाफ बड़ी कामयाबी है या ये चुनावी चाल है?
The Uttar Pradesh Anti-Terrorist Squad (ATS) has arrested a cleric from Meerut for allegedly running a religious conversions racket. Maulana Kaleem Siddiqui, a resident of Muzzafarnagar, was arrested by the ATS, which is probing the racket, at around 9 pm on Tuesday from Meerut. Amanatullah Khan, the Aam Aadmi Party MLA from Delhi’s Okhla called the arrest 'atrocity on Muslims'.