किसानों के मसले पर चल रहे आंदोलन का समाधान निकालने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आज पहल की है. सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कानूनों के अमल पर रोक लगा दी है. चार सदस्यों की एक कमेटी बना दी है. इन सदस्यों में हैं भारतीय किसान युनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान, शेतकारी संगठन, महाराष्ट्र के अध्यक्ष अनिल घनवंत, इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक रहे प्रमोद कुमार जोशी और कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी. हालांकि इस कमेटी के गठन के बावजूद किसान संगठन ना आंदोलन खत्म करने को राजी हैं और ना ही सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमेटी के सामने पेश होने को तैयार हैं. किसानों की ऑल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति ने बयान जारी कर कहा है कि जिन चार लोगों को कोर्ट की कमेटी में रखा गया है वो सभी कानूनों के समर्थक हैं. किसान नेता राकेश टिकैत और स्वराज्य आंदोलन के योगेंद्र यादव जैसे नेताओं ने खुलकर कमेटी के सदस्यों को कानून का समर्थक कहा है.. कांग्रेस ने भी कहा है कि कमेटी के इन सदस्यों को कृषि कानूनों का समर्थक बताया है. हालांकि पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत हुआ है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि अब किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार और किसानों के बीच संवाद होगा. कानून तो रुक गए, आंदोलन रुकेगा? देखें दंगल, रोहित सरदाना के साथ.