दस्तक की शुरुआत आज यादों से...याद प्रद्युम्न की. पहली बार...पहली बार वह हर दिन से जल्दी उठा. पहली बार उसने खुद ही अपने बाल झाडे़. पहली बार उसने टिफिन में क्या है नहीं देखा. पहली बार स्कूल ड्रेस के बटन उसने खुद लगाये. पहली बार उसे स्कूल जाने की जल्दी थी. दरअसल, ये मां ने जो सोचा...उसका जिक्र किया, लेकिन चंद मिनटों के बाद बीते शनिवार जब हम मिले, तो उन्होंने इस पहली बार के साथ आखिरी बार का जिक्र किया. देखिए वारदात....