10 तक की विशेष पेशकश में देखिए कि अंग्रेजों के दौर में बना राजद्रोह कानून किस तरह आज भी देश की व्यवस्था में लागू है. संविधान किन-किन बातों की इजाजत देता है. कैसे देश की भ्रष्ट व्यवस्था को हमेशा देशद्रोह मान लिया जाता है और एक सार्थक संवाद शुरू होने के बजाय निरर्थक बहस शुरू हो जाती है. बीते 22 फरवरी को डीयू में आजादी के लिए लगने वाले नारों के बाद यह बहस एक बार फिर से तेज हो गई है.