पिछले चार साल की सबसे बड़ी संसदीय घटना शुक्रवार को घटने वाली है. अपने कार्यकाल के आखिरी साल में नरेंद्र मोदी की सरकार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेगी. इस प्रस्ताव का अंजाम तय है, लेकिन इसे सरकार गिराने की कोशिश या नाकामी के तौर पर नहीं देखा जाएगा. इसका महत्व इस लिहाज से बड़ा है कि पहली बार विपक्ष संसद में उन मुद्दों को उठाएगा, जिनका सामना करने से मोदी सरकार कतराती रही है. सईद अंसारी के साथ देखिए 10 तक......