इस देश ने सियासत का वो लंबा दौर देखा है, जब अयोध्या के राम मंदिर की बात करती बीजेपी को सांप्रदायिक पार्टी बताते हुए धुर विरोधियों ने धर्मनिरपेक्षता का ठप्पा खुद पर खुद ही लगाकर एकता बना ली. अब उसी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ बीजेपी को संभावित लाभ के डर से विपक्षी नेता कहते हैं कि राम तो सबके हैं. तब उन्हीं राम के साथ बीजेपी ने 2024 की रणनीति तय कर ली है.