एक तरफ जहां लुटियन दिल्ली चकाचौंध से गुलजार है तो वहीं गालिब की दिल्ली कूड़े से भरपूर पटी पड़ी है. साथ ही गुलाम अली के नाम पर सियासत भी साधी जाती है और पब्लिसिटी भी की जाती है. इन सबके साथ दस्तक में बात सुरक्षा की भी होगी.